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'सिनेमा और कश्मीर के बीच नहीं रही दूरी', घाटी में फिर से शुरू हो रही फिल्मों की शूटिंग; अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में बोले उपराज्यपाल

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरावार को सिनेमा जगत के साथ जम्मू कश्मीर के संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा आतंकी हिंसा के कारण सिनेमा और कश्मीर में जो दूरी पैदा हुई थी वह अब दूर हो गई है। उपराज्यपाल ने इस अवसर पर महोत्सव में विभिन्न श्रेणियों में पहला दूसरा व तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली फिल्मों लघु फिल्मों और वृत्त् चित्रों अभिनेताओं और निर्माता-निदेशकों को भी सम्मानित किया।

By naveen sharmaEdited By: Preeti GuptaUpdated: Fri, 27 Oct 2023 10:49 AM (IST)
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अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में शामिल हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Jammu-Kashmir News: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीरावार को सिनेमा जगत के साथ जम्मू कश्मीर के संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा आतंकी हिंसा के कारण सिनेमा और कश्मीर में जो दूरी पैदा हुई थी, वह अब दूर हो गई है।

जम्मू कश्मीर में सिनेमा संस्कृति के लिए एक जीवंत पारिस्थितिक तंत्र केा विकसित करने के लिए प्रदेश प्रशासन ने लगातार प्रयास कर रहा है। वह आज यहां टैगोर हॉल में श्रीनगर के दूसरे अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में के समापन समारोह में बोल रहे थे।

उपराज्यपाल ने अभिनेताओं और निर्माता-निदेशकों को किया सम्मानित

उपराज्यपाल ने इस अवसर पर महोत्सव में विभिन्न श्रेणियों में पहला, दूसरा व तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली फिल्मों, लघु फिल्मों और वृत्त् चित्रों, अभिनेताओं और निर्माता-निदेशकों को भी सम्मानित किया। यह फिल्म महोत्सव भारतीय सिनेमा के प्रतीक देव आनंद साहब को समर्पित रहा। उन्होंने अपने संबाेधन में जम्मू-कश्मीर में थिएटर, संस्कृति, भाषा और सिनेमा को बढ़ावादेने के लिए वोमेध ‘ के प्रयासों की सराहना की। यह फिल्म महोत्सव वोमेध सस्था ने ही आयोजित किया है।

'लोगों को करीब लाता है सिनेमा'

उपराज्यपाल ने अपने संबोधन में सिनेमा के प्रभाव का उल्लेख करते हुए कहा कि यह लोगों को करीब लाता है। एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना के साथ हमारे देश की विविधता को मजबूत करने में बॉलीवुड ने विशेष योगदान दिया है। यह सामाजिक-सांस्कृतिक लोकाचार को पोषित करने और मानवीय मूल्यों को आगे बढ़ाने का एक शक्तिशाली माध्यम है।

'फिल्मों ने संस्कृति और परंपरा का किया प्रचार'

भारतीय फिल्म उद्योग ने आजादी के बाद से समाज को बहुत प्रभावित किया है । सिनेमा ने हमारी संस्कृति और परंपरा को दुनिया भर में लोकप्रिय बनाया है। यह सामाजिक परिवर्तन के एजेंट के रूप में भी काम कर रहा है और इस क्षेत्र से जुड़े एक बड़े वर्ग को आजीविका के अवसर प्रदान कर रहा है।

जम्मू कश्मीर और सिनेमा के संबंधों का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि आतंकवाद का दौर शुरू होने से पहले शायद ही बालीवुड का हर निर्माता-निर्देशक और अभिनेता कश्मीर में शूटिंग के लिए लालायित रहता था। कश्मीर के प्राकृतिक सौंदर्य कोदुनिया तक पहुंचाने में सिनेमा के योगदान से इंकार नहीं किया जा सकता।

कश्मीर में फिर से शुरू हो रही फिल्मों की शूटिंग

आतंकी हिंसा के कारण जम्मू कश्मीर में फिल्मों की शूटिंग बंद हो गई, बॉलीवुड के साथ इसके रिश्तों में एक ठहराव सा आ गया। यहां सिनेमाहाल भी बंद हो गए। अब हालात में बेहतरी के साथ ही एक बार फिर कश्मीर में फिल्म निर्माण और शूटिंग से जुड़ी गतिविधियां बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए, जम्मू कश्मीर में फिल्म पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए ही प्रदेश प्रशसन ने एक फिल्म नीति बनाई है। 

फिल्म संस्कृति के सुनहरे दिन फिर होंगे पुनर्जीवित

उपराज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में एक जीवंत फिल्म पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए प्रशासन के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर की फिल्म संस्कृति के सुनहरे दिनों को पुनर्जीवित करने के लिए नई फिल्म नीति, तीन दशकों के बाद विभिन्न जिलों में सिनेमा हॉलों के संचालन सहित कई कदम उठाए हैं।

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देव आनंद को उपराज्पाल ने किया याद

फिल्म उद्योग में देव आनंद के महत्वपूर्ण योगदान को याद करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि प्रसिद्ध अभिनेता और फिल्म निर्माता की त्रुटिहीन शैली और कला ने बॉलीवुड को एक नया अर्थ और सम्मान दिया। श्रीनगर के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दूसरे संस्करण में, सिनेमा प्रेमियों के लिए 17 देशों की 30 फीचर फिल्में, लघु फिल्में, वृत्तचित्र शामिल किए गए थे। इस अवसर पर, प्रसिद्ध फिल्म निर्माता बी. सुभाष को प्रतिष्ठित केएल सहगल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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