उपराज्यपाल ने कहा अमरनाथ यात्रा पर बेधड़क आएं शिवभक्त
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शिव भक्तों को बेधड़क होकर श्री अमरनाथ की तीर्थयात्रा में शामिल होने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि यात्रा की सुरक्षा का त्रिस्तरीय प्रबंध हैं। यह यात्रा कश्मीरियत का प्रतीक है। यह कश्मीर के लिए सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व नहीं रखती बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। तीन लाख परिवार इससे प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से आजीविका कमाते हैं
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शिव भक्तों को बेधड़क होकर श्री अमरनाथ की तीर्थयात्रा में शामिल होने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि यात्रा की सुरक्षा का त्रिस्तरीय प्रबंध हैं। यह यात्रा कश्मीरियत का प्रतीक है। यह कश्मीर के लिए सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व नहीं रखती, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। तीन लाख परिवार इससे प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से आजीविका कमाते हैं। कश्मीर में सुधरते हालात कुछ लोगों को रास नहीं आते और वह यहां हालात बिगाड़ने की हरकतें करते हैं, लेकिन किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। यह बाबा भोले की यात्रा है और उनकी कृपा से सुरक्षित, शांत और विश्वासपूर्ण वातावरण में ही संपन्न होगी। अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 30 जून से शुरू हो रही है। विभिन्न आतंकी संगठनों ने तीर्थयात्रा पर हमले की धमकी दे रखी है।
उपराज्यपाल ने शुक्रवार को दूरदर्शन चैनल पर एक साक्षात्कार में तीर्थयात्रा के संदर्भ में की गई तैयारियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के प्रवेशद्वार लखनपुर से लेकर पवित्र गुफा तक सुरक्षा का पूरा इंतजाम है। बालटाल और पहलगाम से पवित्र गुफा तक यात्रा मार्ग और श्रद्धालुओं की सुरक्षा का जिम्मा सेना संभालेगी। जम्मू से बालटाल और पहलगाम तक श्रद्धालुओं के काफिले व यात्रा मार्ग की सुरक्षा सीआरपीएफ संभालेगी। इसके अलावा यात्रा की पूरी निगरानी के लिए श्रीनगर में कमांड कंट्रोल सेंटर भी बनाया है। निर्धारित समयावधि में ही श्रद्धालुओं के वाहनों का काफिला चलेगा। प्रत्येक श्रद्धालु को आरआइएफडी बैंड मिलेगा। यात्रा की सुरक्षा में सुरक्षाबलों के साथ साथ अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का भी पूरा इस्तेमाल किया जा रहा है। उपराज्यपाल ने बताया कि हम अपने स्तर पर भी यात्रा की सुरक्षा को लेकर नियमित बैठकें कर रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री की अध्यक्षता में भी एक बैठक हुई है। किसी भी खतरे से निपटने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह समर्थ हैं। प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात रहेंगी। सफाई पर विशेष ध्यान, अस्थायी अस्पताल भी होंगे