पांच लोगों पर PSA और UAPA लगाने पर भड़कीं महबूबा मुफ्ती, बोलीं- उमर अब्दुल्ला सरकार से हैं बहुत उम्मीदें
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने किश्तवाड़ जिले में पांच व्यक्तियों पर पीएसए और यूएपीए लगाए जाने पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि एनएचपीसी द्वारा जम्मू-कश्मीर के जल संसाधनों के दोहन के खिलाफ आवाज उठाने के लिए इन पांच व्यक्तियों पर कठोर कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने नवनिर्वाचित सरकार से इस मामले पर तुरंत गौर करने का आग्रह किया है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर महबूबा मुफ्ती ने रविवार को किश्तवाड़ जिले में पांच व्यक्तियों पर पीएसए और यूएपीए लगाए जाने पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि एनएचपीसी द्वारा जम्मू-कश्मीर के जल संसाधनों के दोहन के खिलाफ आवाज उठाने के लिए इन पांच व्यक्तियों पर कठोर कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
नवनिर्वाचित सरकार से बहुत उम्मीदें
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को नवनिर्वाचित सरकार से बहुत उम्मीदें हैं और उन्होंने उनसे इस मामले पर तुरंत गौर करने का आग्रह किया ताकि इन कानूनों का मनमाने ढंग से इस्तेमाल न किया जा सके।इंटरनेट मीडिया एक्स पर महबूबा मुफ्ती ने लिखा कि एनएचपीसी द्वारा अपना खजाना भरने के लिए हमारे जल संसाधनों के दोहन के खिलाफ आवाज उठाने पर पांच लोगों पर पीएसए लगाने का यह ताजा मामला चौंकाने वाला है, क्योंकि लोगों को नवनिर्वाचित सरकार से बहुत उम्मीदें हैं।आशा है कि वे इस पर तुरंत गौर करेंगे और देखेंगे कि वास्तविक चिंताओं को उठाने के लिए हमारे अपने नागरिकों के खिलाफ इन कठोर कानूनों का मनमाने ढंग से उपयोग नहीं किया जाता है।
लोगों को गुमराह कर रही बीजेपी
उधर, विशेष दर्जे संबंधी जम्मू कश्मीर विधानसभा में पारित हुए प्रस्ताव पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता और वरिष्ठ उपप्रधान रविंद्र शर्मा ने कहा है कि भाजपा लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि जम्मू क्षेत्र के लिए भूमि, नौकरियों के अधिकार सुरक्षित होने जरूरी है। उन्होंने कहा कि विशेष दर्जे वाले प्रस्ताव पर भाजपा लोगों को गुमराह कर रही है और भाजपा भावनात्मक मुद्दों पर किसी भी हद तक लोगों को गुमराह करने के लिए जा सकती है।
उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में अनुच्छेद 370 या 35 ए का कोई जिक्र नहीं है लेकिन भाजपा का शीर्ष नेतृत्व महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव के कारण राष्ट्र को गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने जिसमें विशेष दर्जे का प्रावधान हो, नौकरियां, भूमि और प्राकृतिक संसाधन संसाधन और सांस्कृतिक पहचान जैसे मुद्दे शामिल है, उसकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। जिस तरह से हिमाचल सहित उत्तर पूर्वी कई राज्यों में विशेष दर्जा है तो फिर जम्मू कश्मीर में क्यों नहीं हो सकता।
पार्टी चाहती है कि लोगों को भूमि, संसाधनों और नौकरियों के लिए स्थानीय लोगों को संवैधानिक गारंटी मिले लेकिन भाजपा इस मुद्दे पर राजनीति करके गलत संदेश दे रही है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद पिछले पांच साल से जम्मू को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। बाहरी राज्यों के लोग यहां पर संसाधनों पर कब्जा जमा रहे हैं और हमारे युवा पीढ़ी भुगत रही है। यह सभी लोगों के हित में होगा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल हो और इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश की दर्ज पर संवैधानिक गारंटी मिले। इसके लिए जम्मू कश्मीर के चुने हुए प्रतिनिधियों से केंद्र को बात करनी चाहिए।
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