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मीरवाइज की नजरबंदी खत्‍म, बदले-बदले नजर आए हुर्रियत चेयरमैन; जामिया मस्जिद में कश्मीर के एकीकरण पर दिया जोर

Jammu Kashmir News चार साल से के बाद मीरवाइज नजरबंदी खत्‍म कर दी है। इस दौरान जामिया मस्जिद में भी कहीं देशविरोधी नारेबाजी और आजादी का नारा नहीं लगा। पांच अगस्त 2019 से पहले नमाज-ए-जुमा पर पथराव जुलूस आतंकियों के पोस्टर आम बात थी। अब बदले हालात में सब कुछ बदल चुका है। मीरवाइज अगस्त 2019 से अपने घर में नजरबंद थे।

By Edited By: Himani SharmaUpdated: Fri, 22 Sep 2023 08:19 PM (IST)
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चार साल बाद मीरवाइज की नजरबंदी खत्‍म

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: चार वर्ष की नजरबंदी के बाद शुक्रवार को जामिया मस्जिद में नमाज के लिए पहुंचे आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक बदले-बदले नजर आए। उन्होंने ना आजादी का जिक्र किया और ना ही पाकिस्तान की बात की, केवल कश्मीर के एकीकरण पर जोर दिया।

इस दौरान जामिया मस्जिद में भी कहीं देशविरोधी नारेबाजी और आजादी का नारा नहीं लगा। पांच अगस्त 2019 से पहले नमाज-ए-जुमा पर पथराव, जुलूस, आतंकियों के पोस्टर आम बात थी। अब बदले हालात में सब कुछ बदल चुका है।

मनोज सिन्‍हा बोले- मीरवाइज एक स्वतंत्र नागरिक हैं

मीरवाइज अगस्त 2019 से अपने घर में नजरबंद थे। उनकी नजरबंदी को कई बार प्रशासन ने नकारा। पिछले माह उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी कहा था कि मीरवाइज एक स्वतंत्र नागरिक हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा का मुद्दा है।

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हम किसी को भी कानून व्यवस्था भंग करने की इजाजत नहीं दे सकते। इसके बाद मीरवाइज ने अदालत में अपनी नजरबंदी को लेकर याचिका भी दायर की थी, जिस पर बीते सप्ताह ही अदालत ने प्रदेश सरकार को नोटिस भेजकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा।

मस्जिद में नमाजियों को किया संबोधित

दोपहर को नमाज-ए-जुमा से पूर्व ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में नमाजियों को संबोधित करते हुए मीरवाइज ने कहा कि हुर्रियत मानती है कि जम्मू कश्मीर का एक हिस्सा हिंदुस्तान के साथ है, एक चीन के पास और एक पाकिस्तान के कब्जे में है। इन तीनों का एकीकरण हमारा मकसद है। हम 14 अगस्त 1947 के समय वाला जम्मू कश्मीर चाहते हैं।

कई लोगों के लिए जम्मू कश्मीर का मसला एक जमीनी विवाद है, लेकिन जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए यह उनकी भावनाओं, उनकी पहचान और मानवता का मुद्दा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से रूस-यूक्रेन युद्ध पर दिए गए बयान कि मौजूदा युग युद्ध का नहीं है, का भी मीरवाइज ने उल्लेख किया और कहा कि इसलिए हम कश्मीर मसले को बातचीत के जरिए ही हल करने की बात करते हैं।

राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग

उन्होंने कश्मीरी हिंदुओं की वापसी और जेलों में बंद राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग करते हुए कहा कि हमारा कोई अपना निजी मकसद नहीं है, हम सिर्फ कश्मीर मसले का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। हुर्रियत चेयरमैन ने कहा कि हमने हमेशा कश्मीर मसले के शांतिपूर्ण समाधान की बात की है, हमने कश्मीरियों के हक की बात की है, इसलिए हमें किसी ने राष्ट्रविरोधी तो किसी ने अलगाववादी बनाया है।

212 जुमों के बाद मुझे यहां आने दिया गया- मीरवाइज

मीरवाइज कई बार भावुक नजर आए और उनकी आंखों में आंसू थे। उन्होंने कहा कि मेरे पिता की मौत के बाद बीते चार वर्ष मेरी जिंदगी के सबसे बुरे दिन रहे हैं। पूरे 212 जुमों के बाद मुझे यहां आने दिया गया, इस दौरान मैं अपने घर में नजरबंद रहा। मुझे वीरवार शाम को बताया गया कि मैं अब जामिया मस्जिद में आ सकता हूं। वहीं इस दौरान जामिया मस्जिद के आसपास सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त रहा।

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