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'लोगों की समस्याओं का समाधान ज्यादा जरूरी', अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली पर नरम पड़े फारूक अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव में अनुच्छेद 370 की बहाली के मुद्दे पर चुप्पी साध ली है। फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि मौजूदा सरकार के लिए सबसे जरूरी आम लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं को दूर करना है। उन्होंने राज्यसभा में भेजे जाने की चर्चा पर भी सवाल उठाया है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 18 Oct 2024 08:21 AM (IST)
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अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली पर नरम पड़े फारूक अब्दुल्ला।

 राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। विधानसभा चुनाव में लगभग हर जनसभा अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली की बात करने वाली नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके डॉ. फारूक अब्दुल्ला गुरुवार को इसी से जुड़े सवाल टाल गए।

370 के सवाल पर उनका जवाब रहा कि मौजूदा सरकार के लिए सबसे ज्यादा जरूरी आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी की समस्याओं को दूर करना है। नेशनल कान्फ्रेंस द्वारा उन्हें राज्यसभा में भेजे जाने की चर्चा पर उन्होंने उल्टे सवाल किया कि किसने कहा कि मुझे राज्यसभा में भेजा जा रहा है? जिस दिन मैं जाऊंगा, मैं पहले आपको सलाम करूंगा।

'एनसी का एजेंडा अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली'

बता दें कि फारूक के पुत्र उमर अब्दुल्ला ने इसी बुधवार को ही मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की है। उनकी पार्टी का एजेंडा अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली है और उनके राजनीतिक विरोधी उन पर विधानसभा सत्र के पहले दिन ही पांच अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में लिए गए फैसले के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने का दबाव बना रहे हैं।

श्रीनगर में लालचौक के साथ सटे कोर्ट रोड पर अपने एक पुराने मित्र से मिलने उसकी दुकान पर पहुंचे डॉ. फारूक अब्दुल्ला से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या उमर अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ प्रस्ताव लाएंगे?

'आम आदमी हो या कोई VIP, सब बराबर है'

इस पर फारूक ने कहा कि यह एक बड़ा मुद्दा है, मगर सबसे पहले यहां लोगों की मुश्किलों को हल करना जरूरी है। यहां बेरोजगारी है, यहां बदहाली है, पहले उसे दूर करना जरूरी है। ट्रैफिक को ठीक करना है। उन्होंने अपनी टोपी की तरफ संकेत करते हुए कहा कि यहां स्कूटर चलाने वाले टोपी (हेलमेट) नहीं पहनते। यह खतरनाक है।

ट्रैफिक पुलिस वाला नजर नहीं आता है। जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य के दर्जे की बहाली के सवाल पर नेकां अध्यक्ष ने कहा कि इस पर पहले भी बात हो चुकी है, अब सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस पर सुनवाई की बात कह दी है। यह जल्द बहाल होगा।

मुख्यमंत्री द्वारा उनके लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार न करने के जवाब में फारूक ने कहा कि अब हमारे कानों को यहां टांय-टांय सुनने को नहीं मिलेगा। यह बहुत परेशान करता है। आम आदमी हो या कोई वीआइपी... सब बराबर हैं।

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