बच्ची से गैंग रेप के बाद गला काटकर हत्या करने वालों को अब नहीं होगी फांसी, कोर्ट ने आजीवन कारावास में बदली सजा
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने एक बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या के चार दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है। न्यायमूर्ति संजीव कुमार और न्यायमूर्ति एमए चौधरी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आरोपितों की पृष्ठभूमि को देखते हुए सजा को कम करने का फैसला सुनाया। दोषियों को प्रधान सत्र न्यायाधीश कुपवाड़ा ने मौत की सजा सुनाई थी।
जेएनएफ, जम्मू। बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद गला काटकर हत्या के चार आरोपितों को मिली मौत की सजा को जम्मू-कश्मीर लद्दाख उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास में बदल दिया। न्यायमूर्ति संजीव कुमार और न्यायमूर्ति एमए चौधरी की अध्यक्षता में गठित खंडपीठ ने आरोपित की पृष्ठभूमि को देखते हुए सजा को कम करने का फैसला सुनाया।
इस मामले को इस जघन्य अपराध मानते हुए दोषी पाए गए आदिक और अजहर अहमद मीर दोनों निवासी लंगेट कुपवाड़ा और बंगाल निवासी मोची जहांगीर और राजस्थान निवासी सुरेश कुमार को प्रधान सत्र न्यायाधीश कुपवाड़ा ने मौत की सजा सुनाई थी।
दोषियों ने उच्च न्यायालय में दायर की थी याचिका
आरोपितों पर बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसका गला काटकर हत्या करने और उसके शव को दफनाने का दोष साबित होने पर यह सजा सुनाई गई थी। इस मामले में दोषियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा कि दोषियों के खिलाफ गवाहों ने कुछ अन्य मामले पुलिस में दर्ज करने के बयान दिए थे, लेकिन प्रतिवादी पक्ष उनको लेकर कोई तथ्य पेश नहीं कर पाया।बिना छूट के आजीवन कारावास की सजा
खंडपीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष ऐसा कुछ संज्ञान में भी नहीं ले पाया, जिससे अनुमान लगाया जा सके कि दोषी समाज के लिए खतरा हैं। केवल ऐसा कह देना यह मानने के लिए पर्याप्त नहीं है कि अपीलकर्ताओं में सुधार की कोई संभावना नहीं है।इन टिप्पणियों के साथ खंडपीठ ने हत्या के तहत दंडनीय अपराध के लिए अपीलकर्ताओं पर ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाई गई मौत की सजा संशोधित करते हुए कम से कम 25 वर्ष तक बिना छूट के आजीवन कारावास की सजा कर दी।
25 वर्ष की न्यूनतम सजा काटने से पहले किसी भी कारण से आरोपितों को रिहा न करने के आदेश भी खंडपीठ ने जारी किए। खंडपीठ ने इसके अलावा ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाई गई बाकी सजाएं बरकरार रखने के आदेश भी जारी किए।
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