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नासिर असलम वानी बने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के सलाहकार, जम्मू-कश्मीर सरकार ने जारी किया आदेश

जम्मू-कश्मीर सरकार ने बुधवार को नेकां के वरिष्ठ नेता नासिर असलम वानी को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का सलाहकार नियुक्त किया है। वानी अब्दुल्ला के करीबी सहयोगी हैं और 2009 से 2014 के बीच अपने पहले कार्यकाल के दौरान राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया और कई मंत्रालयों का प्रभार संभाला था। नासिर असलम वानी कुपवाड़ा सीट से विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी कश्मीर के एनसी प्रांतीय अध्यक्ष हैं।

By Agency Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 16 Oct 2024 11:03 PM (IST)
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Jammu Kashmir News: नासिर असलम वानी और उमर अब्दुल्ला (जागरण फोटो)

पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर सरकार ने बुधवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता नासिर असलम वानी को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का सलाहकार नियुक्त किया।

वानी अब्दुल्ला के करीबी सहयोगी हैं और 2009 से 2014 के बीच अपने पहले कार्यकाल के दौरान राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया और कई मंत्रालयों का प्रभार संभाला।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि नासिर असलम वानी को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का सलाहकार नियुक्त किया जाता है। जारी आदेश के अनुसार वानी की नियुक्ति की शर्तें अलग से अधिसूचित की जाएंगी। कुपवाड़ा सीट से विधानसभा चुनाव हारने वाले वानी कश्मीर के एनसी प्रांतीय अध्यक्ष हैं।

उमर अब्दुल्ला ने संभाला पदभार

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के लिए सिविल सचिवालय का दौरा किया। अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया। उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा कम किए जाने के बाद राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने अब्दुल्ला अपने कार्यालय कक्ष में पहुंचे, जहां औपचारिक रूप से कार्यभार संभालने से पहले उनके कर्मचारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। अब्दुल्ला ने अपने कार्यालय की कुर्सी पर बैठे हुए अपनी तस्वीरों के साथ एक्स पर लिखा- मैं वापस आ गया हूं।

पहले भी रहे चुके उमर मुख्यमंत्री

बता दें कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला साल 2009 और 2014 के बीच भी सीएम के रूप में रहे। उस समय जम्मू-कश्मीर एक पूर्ण राज्य था। बैठक में उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी के साथ-साथ मंत्री सकीना मसूद इटू, जावेद अहमद राणा, जाविद अहमद डार और सतीश शर्मा भी शामिल हुए।

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बैठक में मुख्य सचिव अटल डुल्लू, पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात और विभागों के सभी प्रशासनिक सचिव मौजूद थे। डुल्लू ने नए मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया और अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार को प्रशासन का पूरा समर्थन देने की बात कही।

नेकां को मिली थीं 42 सीटें

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42 सीटें हासिल हुई जबकि कांग्रेस को छह सीटें मिली। इस तरह बहुमत नेकां-कांग्रेस के गठबंधन को मिला। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव हुए और अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद पहली बार। ऐसे में अब देखना यह है कि प्रदेश में उमर का कार्यकाल कैसा होगा। नए केंद्रशासित प्रदेश में सरकार चलाना उमर के लिए वाकई नया और चुनौतीपूर्ण अनुभव साबित हो सकता है।

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