न हौसला डगमगाया न ही आस्था हिली...टायर के सहारे पूरी की अमरनाथ यात्रा, किए पवित्र गुफा के दर्शन, दोनों पैर से हैं दिव्यांग
Amarnath Yatra 2024 राजस्थान के रहने वाले आनंद सिंह 12वीं बार बाबा बर्फानी के दर्शन किए। वे दोनों पैर से दिव्यांग है। उन्होंने ट्रक के टायर पर सवार होकर बाबा बर्फानी की यात्रा की। उसके साहस और जज्बे की हर कोई तारीफ कर रहा है। 2002 के सड़क हादसे में दोनों टांग खो चुके हैं। लेकिन बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हर साल आते हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। अगर मन में आस्था और हौसला बुलंद हो तो कठिन राह भी आसान हो जाती है। ऐसा ही जज्बा रखते हैं राजस्थान के जयपुर के आनंद सिंह। वह दिव्यांग हैं। वर्ष 2002 में सड़क दुर्घटना में वह अपनी दोनों टांगें खो चुके हैं। इसके बावजूद न उनका हौसला डगमगाया और न ही आस्था हिली। उन्होंने ट्रक के टायर का टुकड़ा काटा और इसमें बैठकर वह घर से अमरनाथ धाम की यात्रा पर निकल गए।
उन्होंने बालटाल मार्ग से यात्रा की और बाबा बर्फानी के दर्शन किए। अमरनाथ धाम की 29 जून से शुरू हुई है। इसके लिए जम्मू के यात्री निवास से 28 जून को पहला जत्था रवाना हुआ था। इसी पहले जत्थे के साथ आनंद भी गए थे। दोनों टांगें न होने के बावजूद उनके हौसले बुलंद हैं। वह किसी भी तकलीफ से लड़ने से झिझकते नहीं हैं। भोले के जयघोष लगाते हुए आनंद कहते हैं कि मंजिल उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है।
2010 में आए थे पहली बार दर्शन करने
वह ट्रक के टायर के टुकड़े पर बैठकर अपने हाथों से स्वयं को आगे खींचते हुए मंजिल की ओर बढ़ते हैं। हालांकि, शरीर साथ नहीं देता इसलिए उन्होंने पालकी में यात्रा की। उनके इस जज्बे को देखकर हर कोई उनकी मदद को हाथ बंटाता है। आनंद सिंह पहली बार वर्ष 2010 में अमरनाथ यात्रा पर आए थे। अभी तक वह सिर्फ तीन बार यात्रा नहीं कर पाए।इसमें से दो वर्ष कोविड के चलते यात्रा स्थगित रहने से नहीं आ पाए। अब वह 12वीं बार यात्रा के लिए पहुंचे हैं। ट्रक के एक टायर के कटआउट में बैठकर और हाथों को घसीट कर चलने वाले आनंद सिंह कहते हैं कि चार-पांच साल पहले अपने हाथों को घसीट कर यात्रा पर पहुंच जाया करते थे, लेकिन अब हाथों से चलना मुश्किल हो गया है और मैं पालकी में चला जाता हूं।
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