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Jammu Kashmir Terror Attack: आतंकी हमलों पर लगेगी लगाम, जम्मू संभाग में आतंकियों के पुराने रूट होंगे बंद

Jammu Kashmir Terror Attack जम्‍मू कश्‍मीर में हो रहे आतंकी हमलों पर अब लगाम लगेगी। जम्‍मू संभाग में आतंकियों के पुराने रूट बंद किए जाएंगे। असम राइफल्स और सीमा सुरक्षाबल की जम्मू-कश्मीर में तैनाती बढ़ाने का निर्णय बीते कुछ महीनों के दौरान सुरक्षाबलों पर आतंकी हमलों में तेजी आई है। कठुआ से अरनिया तक सीमा पर 15 नालों को चिह्नित किया गया है।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Sun, 04 Aug 2024 08:32 AM (IST)
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जम्‍मू में आतंक की गलियां होंगी बंद (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Jammu Kashmir Terror Attack: जम्मू-कश्मीर आ रही असम राइफल्स की दो वाहिनियां न सिर्फ राजौरी व पुंछ जिलों में आतंकरोधी अभियानों में भाग लेंगी बल्कि यह एलओसी पर घुसपैठरोधी तंत्र को मजबूत बनाने में भी सहयोग करेंगी।

इसके अलावा ओडिशा से जम्मू-कश्मीर में भेजी जा रही सीमा सुरक्षाबल (सीसुब) की दो वाहिनियां जम्मू-कश्मीर में जिला कठुआ से लेकर जिला सांबा व जम्मू के अखनूर तक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आवश्यकता अनुसार तैनात की जाएंगी।

घुसपैठ में बढ़ोतरी को देखते हुए लिया गया निर्णय

इन वाहिनियां को जम्मू-कश्मीर भेजने का उद्देश्य भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी और विशेषकर जम्मू संभाग में आतंकियों के सभी पुराने रूट को पूरी तरह बंद करना है। असम राइफल्स और सीमा सुरक्षाबल की जम्मू-कश्मीर में तैनाती बढ़ाने का निर्णय बीते कुछ महीनों के दौरान सुरक्षाबलों पर आतंकी हमलों में आई तेजी और सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ में बढ़ोतरी को देखते हुए लिया गया है।

अधिकारियों से हई आठ बैठकें

केंद्रीय गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा परिदृश्य के संदर्भ में बीते एक सप्ताह के दौरान संबंधित अधिकारियों से लगभग आठ बैठकें हो चुकी हैं। एक वरिष्ठ सुरक्षाधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ समय के दौरान हुए आतंकी हमलों के आकलन में पाया गया कि यह सभी हमले जंगल और पहाड़ी क्षेत्रों में हुए हैं।

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हमलावर गुरिल्ला कार्रवाई में प्रशिक्षित हैं और अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं। इसलिए इन क्षेत्रों में सुरक्षाबलों को और मजबूती प्रदान करने के लिए असम राइफल्स और सीसुब की दो-दो वाहनियों को प्रदेश में तैनात किए जाने का निर्णय लिया गया है।

घुसपैठ के लिए प्रयोग होने वाले नालों पर रहेगी नजर

संबंधित अधिकारी ने बताया कि सीसुब की ओडिशा से आ रही दोनों वाहिनियों को संभवत: कठुआ, सांबा और अखनूर सेक्टर में सीमा पर तैनात किया जाएगा। यह घुसपैठ रोधी तंत्र को मजबूत बनाने और सीसुब को अग्रिम चौकियों पर जवानों की संख्या बढ़ाने में सहायक होंगी।

कठुआ से अरनिया तक सीमा पर 15 नालों को चिह्नित किया गया है, जहां सीसुब की मौजूदगी बढ़ाने की जरूरत है। यह वे नाले हैं जो सीमा पर घुसपैठ करने वाले आतंकियों को कश्मीर तक पहुंचने के लिए प्राकृतिक मार्ग प्रदान करते हैं।

विशेष अनुभव के कारण मणिपुर से आएंगी वाहिनियां

संबंधित अधिकारी ने बताया कि असम राइफल्स की जिन दो वाहिनियों को और तैनात किया जा रहा है, वह मणिपुर से यहां आएंगी। मणिपुर में भी हिंसा का एक लंबा इतिहास है। अब जम्मू संभाग में इसे तैनात किया जाना है। असम राइफल्स के पास पूर्वोंत्तर भारत में सक्रिय विघटनकारी तत्वों से निपटने का एक लंबा अनुभव है।

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इसके जवान और अधिकारी जंगलों और नदी नालों में आतंकरोधी अभियानों में विशेषज्ञ होने के अलावा म्यांमार के साथ सटी सीमा की निगरानी में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। इसलिए असम राइफल्स का राजौरी-पुंछ में एलओसी पर घुसपैठरोधी तंत्र को मजबूत बनाने में भी इस्तेमाल होगा।

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