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'विधानसभा ने अपना काम कर दिया', जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा का प्रस्ताव पारित होने पर बोले उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने विशेष राज्य के दर्जे की बहाली के लिए प्रस्ताव पारित किया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विधानसभा ने अपना काम कर दिया है। प्रस्ताव में विशेष दर्जे को एकतरफा तरीके से हटाए जाने पर चिंता व्यक्त की गई है। भाजपा विधायकों ने विधानसभा में इस प्रस्ताव का जमकर विरोध किया। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने यह प्रस्ताव पेश किया था।

By Agency Edited By: Rajiv Mishra Updated: Wed, 06 Nov 2024 01:33 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा का प्रस्ताव पारित होने के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा विधानसभा ने अपना काम कर दिया
पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विशेष राज्य के दर्जे का प्रस्ताव पारित होने के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि विधानसभा ने अपना काम कर दिया है। विधानसभा ने पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे की बहाली के लिए केंद्र और निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच बातचीत की मांग करने वाला प्रस्ताव पारित किया है।

इस प्रस्ताव में विशेष दर्जे को एकतरफा तरीके से हटाए जाने पर चिंता भी व्यक्त की गई। हंगामे के बीच इस प्रस्ताव को स्पीकर ने बिना किसी बहस के ध्वनिमत से पारित कर दिया।

मुस्कुराते हुए उमर अब्दुल्ला ने कही ये बात

विधानसभा परिसर के बाहर मुस्कुराते हुए अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा से कहा कि विधानसभा ने अपना काम कर दिया है। नेकां विधायक और जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए प्रस्ताव पेश किया, जिसे केंद्र ने 5 अगस्त, 2019 को रद्द कर दिया था।

चौधरी द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया कि यह विधानसभा विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी के महत्व की पुष्टि करती है, जिसने जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा की है।

प्रस्ताव में इस बात पर दिया गया जोर

प्रस्ताव में कहा गया है कि यह विधानसभा इस बात पर जोर देती है कि बहाली की किसी भी प्रक्रिया में राष्ट्रीय एकता और जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं दोनों की रक्षा होनी चाहिए।

विपक्ष के नेता सुनील शर्मा सहित भाजपा सदस्यों ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह सूचीबद्ध कार्य का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि हम प्रस्ताव को खारिज करते हैं। हमें यह बताया गया था कि उपराज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी।

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स्पीकर ने ध्वनिमत से पारित किया प्रस्ताव

जब भाजपा सदस्य प्रस्ताव के खिलाफ नारेबाजी करते रहे, तो स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने कहा कि इसे ध्वनिमत से पारित किया जाए और शोरगुल के बीच इसे पारित कर दिया गया। जैसे ही प्रस्ताव पारित हुआ, भाजपा सदस्य सदन के वेल में आ गए।

इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। हालांकि, सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा, जिसके कारण अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।

पीडीपी सहित इन पार्टियों ने किया समर्थन

पीडीपी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और सीपीआई (एम) के सदस्यों ने भी ध्वनिमत के दौरान प्रस्ताव का समर्थन किया। प्रस्ताव पारित होने के बाद सत्तारूढ़ एनसी ने कहा कि उसने अपने घोषणापत्र के वादों में से एक को पूरा किया है। जैसे ही सदन सुबह 11.05 बजे फिर से बैठा, भाजपा विधायकों ने स्पीकर के खिलाफ नारे लगाए।

विपक्ष के नेता ने कहा कि हमारे पास रिपोर्ट है कि आपने (स्पीकर) कल मंत्रियों की बैठक बुलाई और खुद ही प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया। हालांकि, राथर ने विरोध कर रहे भाजपा सदस्यों से कहा कि वे अपनी सीटों पर बैठ जाएं।

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