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'पैसे से भीड़ इकट्ठा हो सकती है वोट नहीं,' PM मोदी की रैली पर क्या बोल गए उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 (Jammu Kashmir Assembly Election 2024) के दौरान नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौरा जारी है। इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी के रैली को लेकर तंज कसा है। उन्होंने कहा पैसे से भीड़ इकट्ठा हो सकती है वोट नहीं। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर रशीद को लेकर भी हमला बोला है।

By Agency Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Mon, 16 Sep 2024 05:32 PM (IST)
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पीएम मोदी की रैली पर उमर अबदुल्ला का तंज।

पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के मतदान के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बारामूला सांसद इंजीनियर रशीद पर हमला बोला है। अब्दुल्ला ने पीएम मोदी के रैली में भीड़ के लेकर भाजपा दावे पर भी तंज कसा है।

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी को मात देने के लिए लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) और जमात-ए-इस्लामी के बीच गठबंधन की डोर दूर से खींची जा रही है। उनके तार कहीं और जुड़े हुए हैं, उन्हें वहां से आदेश मिलता है और वे उनके इशारों पर नाचते हैं।

प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के कई सदस्य स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, जिसको लेकर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस से मुकाबला करने के लिए मैदान में उतारा गया है। हमारे पास कोई मुद्दा नहीं है, हम उनसे लड़ेंगे।

पैसे से पीएम के रैली में इकट्ठा किया जा रहा भीड़

भाजपा के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा श्रीनगर में चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए 30,000 लोगों के आने की उम्मीद है, नेकां उपाध्यक्ष ने कहा कि लोगों को रैलियों के लिए इकट्ठा किया जा सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि यह वोटों में तब्दील हो।

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पैसे का इस्तेमाल करके 30,000 लोगों को इकट्ठा करना कितना मुश्किल है? पीएम पहले भी सरकारी कर्मचारियों को इकट्ठा करके एक रैली को संबोधित कर चुके हैं। मुझे रैलियां मत दिखाओ, मुझे वोट दिखाओ। मुझे नहीं लगता कि यह वोटों में तब्दील होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा को कश्मीर घाटी से एक सीट जीतने दीजिए, फिर बात करेंगे।

भाजपा के आरोपों पर किया पलटवार

भाजपा के 'वंशवादी शासन' के आरोप के बारे में पूछे जाने पर, अब्दुल्ला ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के पास जम्मू-कश्मीर में अपने छह साल के प्रत्यक्ष शासन के लिए दिखाने को कुछ भी नहीं है। उनके पास लोगों को बेचने के लिए और कुछ नहीं है। अगर उन्होंने लोगों के लिए कुछ किया होता, तो वे अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करते। जब रिपोर्ट कार्ड में 'फेल' लिखा होता है, तो उन्हें कुछ और कहना पड़ता है।

पहले चरण के चुनावी प्रचार को लेकर अब्दुल्ला ने कहा कि पहले चरण के मतदान के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस का अच्छा प्रचार अभियान रहा। नेकां के कार्यक्रमों में लोगों की भागीदारी अधिक रही और हमें उम्मीद है कि वोटों का एक बड़ा हिस्सा नेकां उम्मीदवारों को मिलेगा और वे जीतेंगे।

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