पटाखों के शोर में खेली जा रही थी खून की होली... 73 साल पहले जब दीवाली पर पाक ने चली थी 'नापाक' चाल
73 साल पहले जब पूरा देश दिवाली की खुशियां मना रहा था तब पाकिस्तान ने एक नापाक चाल चली। कबाइलियों को भेजकर जम्मू-कश्मीर पर कब्जा करने की कोशिश की गई। राजौरी में 30 हजार से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। महिलाओं की अस्मत लूटी गई। इस दर्दनाक घटना को बलिदान भवन और बलिदान स्तंभ के जरिए याद किया जाता है।
जागरण संवाददाता, राजौरी। Jammu Kashmir News: आखिरकार स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी रंग लाई। पूरे देश में आजादी का जश्न मनाया जा रहा था। जो हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान को रास नहीं आया।
उसने कबाइलियों को भेजकर राज्य पर कब्जा करना का असफल प्रयास किया। सेना ने कबाइलियों को घाटी से खदेड़ा तो वे राजौरी में घुस आए और तीस हजार से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
26 अक्टूबर 1947 को महाराजा हरि सिंह ने राज्य का विलय भारत के साथ कर दिया। इसके ठीक एक दिन बाद 27 अक्टूबर 1947 को पाक ने कबाइलियों को जम्मू-कश्मीर में भेजकर कब्जा करने का प्रयास किया। कबाइलियों ने राजौरी में आते ही लोगों को मौत के घाट उतारना शुरू कर दिया। महिलाओं की अस्मत लूटी गई।
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11 नवंबर को मनाई गई दीपावली
11 नवंबर 1947 को देश में दीपावली का पर्व मनाया जा रहा था उस समय राजौरी कबाइलियों की जुल्म में जल रहा था। पूरा राजौरी आग की लपटों में घिरा हुआ नजर आ रहा था। इस दौरान तीस हजार से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया।बड़ी संख्या में महिलाओं ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। कई महिलाओं ने अपनी बेटियों के साथ जहर खा लिया तो कुछ ने कुएं में छलांग लगा दी। उस स्थान पर अब बलिदान भवन बना दिया गया जिसका पहला निर्माण नवंबर 1969 को हुआ।विशेष दिनों में पाठ पूजा के साथ शहीदों को याद किया जाता है। अब इन बलिदानियों की याद में बलिदान भवन के साथ ही बलिदान स्तंभ का भी निर्माण करवाया गया है ताकि हर कोई बलिदानियों को नमन कर सके।
दीवाली के मौके पर जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में फिर आतंकियों ने दस्तक दी। कैरी बट्टल इलाके में कल सेना के एंबुलेंस पर आतंकियों ने फायरिंग की थी।इस हमले में सेना ने तीनों आतंकियों का मार गिराया है। 27 घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद आतंकियों को मार गिराया गया है। इसे लेकर अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ समाप्त हो गई है। लेकिन मारे गए आतंकवादियों के शवों को बरामद करने के लिए अभियान जारी है
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