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Srinagar Election: मतदान से पहले सियासी दलों ने प्रशासन पर लगाए पक्षपात के आरोप, PDP प्रमुख महबूबा ने आयोग को लिखा पत्र

श्रीनगर लोकसभा सीट (Srinagar Loksabha Election) पर आज मतदान होने वाले हैं। वहीं मतदान से एक दिन पहले रविवार को सियासी दलों ने पुलिस-प्रशासन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन उनके समर्थकों को डराने का काम कर रहा है साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। इसके लिए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आयोग को पत्र लिखा है।

By naveen sharma Edited By: Deepak Saxena Updated: Mon, 13 May 2024 06:55 AM (IST)
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मतदान से पहले सियासी दलों ने प्रशासन पर लगाए पक्षपात के आरोप (फाइल फोटो)।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र के लिए सोमवार को होने वाले मतदान से एक दिन पूर्व पीडीपी, नेकां और जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी ने पुलिस और प्रदेश प्रशासन पर पक्षपात करने और उनके कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। तीनों दलों के प्रत्याशियों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन उनके विरोधियों की मदद कर रहा है।

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इस संदर्भ में चुनाव आयोग को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि यहां 1987 की चुनावी धांधली को दोहराने का षड्यंत्र किया जा रहा है। अलबत्ता, चुनाव आयोग और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि किसी को भी प्रताड़ित नहीं किया जा रहा है। सभी दलों को चुनाव प्रचार के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किए गए हैं और जिन पाबंदियों की बात की जा रही है, वह प्रदेश में पहले दो चरण के चुनाव के समय भी लागू की गई थी।

नेकां उम्मीदवार आगा सैयद रुहुल्ला ने पार्टी महासचिव अली मोहम्मद सागर संग पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर आरोप लगाया कि उनके कार्यकर्ताओं व समर्थकों को पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। कई को हिरासत में लिया गया है। उनके समर्थकों को एक दल विशेष के पक्ष में मतदान के लिए कहा जा रहा है। पूरे निर्वाचन क्षेत्र में निषेधाज्ञा लगाई गई है, जिससे मतदान प्रभावित होगा।

हमारे समर्थकों को डरा रहा है प्रशासन- महबूबा मुफ्ती

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि पुलवामा और शोपियां में उनके उम्मीदवार वहीद उर रहमान परा के कई समर्थकों को हिरासत में लिया गया है। उनके पोलिंग एजेंटों को थानों में बुलाया जा रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा है और कहा कि जम्मू-कश्मीर में प्रदेश प्रशासन हमारे समर्थकों को डरा रहा है।

वहीद परा ने एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पर आरोप लगाया कि वह पीडीपी के प्रभाव वाले इलाकों में मतदान को न्यूनतम बनाए रखने के लिए कोशिश कर रहा है। अपनी पार्टी के चेयरमैन सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने पुलिस व प्रदेश प्रशासन पर आरोप लगाया कि हमारे समर्थकों को तंग किया जा रहा है। प्रशासन यहां कुछ खास लोगों की मदद कर रहा है।

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मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लिया संज्ञान

जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पांडुरंग पोले ने कहा कि चुनाव आयोग ने इस मामले का कड़ा संज्ञान लिया है। इंटरनेट मीडिया पर कुछ पार्टियों के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर डराने-धमकाने और धारा 144 आदेश के इस्तेमाल की कुछ शिकायतें आई हैं।

राजनीतिक नेताओं से व्यक्तिगत तौर पर बात की गई है और उन्हें बताया गया है कि नियमों के अनुसार धारा 144 के तहत आदेश सभी जिलों में पिछले 48 घंटों (चुनाव प्रचार की शांति अवधि) के लिए जारी किए जाते हैं। जहां तक रैलियों और राजनीतिक बैठकों की अनुमति का सवाल है, इनके लिए संबंधित प्रशासन से पूर्व अनुमति अनिवार्य है। अगर किसी जगह कोई अनुमति नहीं दी गई है तो वह सुरक्षा कारणों से ही है।

पुलिस प्रशासन कहा-कोई भेदभाव नहीं हो रहा

जम्मू कश्मीर पुलिस प्रवक्ता ने प्रत्याशियों को प्रताड़ित किए जाने का पुलिस पर लगाए आरोपों को बेबुनियाद बताया है। प्रवक्ता ने कहा कि आचार संहिता के उल्लंघन पर कार्रवाई बिना किसी भेदभाव की जा रही है। चुनाव में भाग ले रहे उम्मीदवारों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और उनके रहने के स्थानों, राजनीतिक रैलियों, रोड शो की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रतिबद्ध है। इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता।

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