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TRF कमांडर बासित और डिप्टी मोमिन की संपत्ति कुर्क, बिना प्रशासन की अनुमति के खरीदने और बेचने पर रोक

द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के ऑपरेशनल हेड बासित डार और डिप्टी कमांडर मोमिन गुलजार की जम्मू पुलिस ने संपत्ति कुर्क कर दी है। इसके साथ ही अब बासित डार और मोमिन गुलजार अपनी संपत्ति को बिना प्रशासन की अनुमति के न ही बेच सकते हैं और न ही खरीद सकते हैं। इसके साथ ही दोनों ए श्रेणी के आतंकियों की श्रेणी में शामिल हैं।

By naveen sharmaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Wed, 13 Sep 2023 04:52 PM (IST)
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TRF कमांडर बासित और डिप्टी मोमिन की संपत्ति कुर्क (कॉन्सेप्ट इमेज)।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: कश्मीर में आतंक का नया पर्याय बने द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के ऑपरेशनल कमांडर बासित डार और उसके डिप्टी मोमिन गुलजार की संपत्ति को पुलिस ने बुधवार को अटैच कर दिया है। डार कश्मीर में बीते तीन साल के दौरान हुई टारगेट किलिंग की कई वारदातों का सूत्रधार रहा है। साथ ही वो एक दर्जन से अधिक हत्याओं में खुद भी शामिल रहा है।

संबधित पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिला कुलगाम में रेडवनी का रहने वाला बासित डार पुत्र अब्दुल रशीद डार और उसका डिप्टी मोमिन गुलजार पुत्र मोहम्मद गुलजार साल 2021 के बाद हुई टारगेट किलिंग की लगभग हर वारदात में शामिल रहे हैं। मोमन गुलजार श्रीनगर के फिरदौस कालोनी ईदगाह का रहने वाला है।

ए श्रेणी के आतंकियों में शामिल हैं बासित और मोमिन

बासित डबल ए श्रेणी में और मोमिन ए श्रेणी के आतंकियों में सूचीबद्ध हैं। इन दोनों के खिलाफ श्रीनगर, कुलग्राम, पुलवामा, शोपियां, बडगाम और अनंतनाग के कई थानों में दो दर्जन के करीब एफआईआर दर्ज हैं। इनमें देश की एकता अखंडता को भंग करने का षडयंत्र रचने, देश की एकता अखंडता को नुकसान पहुंचाने के लिए हथियार उठाने, हत्या और अन्य कई मामले शामिल हैं।

बिना प्रशासन की अनुमति के खरीदने और बेचने पर रोक

उन्होंने बताया कि बासित डार और मोमिन गुलजार की संपत्ति को अटैच करने से पूर्व जम्मू कश्मीर पुलिस की विशेष जांच इकाई श्रीनगर और कुलगाम ने सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के साथ ही अदालत की अनुमति भी प्राप्त की है। अदालत की अनुमति के आधार पर ही आज एसआईयू कुलगाम और एसआईयू श्रीनगर के अधिकारियों ने संबधित थाना क्षेत्र की पुलिस और अन्य संबधित अधिकारियों के साथ मिलकर दोनों आतंकियों की संपत्ति को अटैच कर दिया। अटैच की गई संपत्ति को बिना संबधित प्रशासन की अनुमति न खरीदा जा सकेगा और न बेचा जा सकेगा। इसमें किसी प्रकार का बदलाव भी नहीं किया जा सकेगा।

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