Pulwama News: कभी कहलाता था आतंकवाद का गढ़, अब स्थापित होगा इस्पात संयंत्र
आतंक का गढ़ रहे पुलवामा में जिंदल साउथ वेस्ट (जेएसडब्ल्यू) समूह के संयंत्र के लिए शिलान्यास करते समूह से जुड़े अधिकारी। समूह इसके लिए 150 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। यह संयंत्र कुछ माह में तैयार हो जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Sat, 18 Feb 2023 09:26 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: जम्मू कश्मीर को अब अनुच्छेद 370 से आजादी के मीठे फल का स्वाद मिलने लगा है। कभी आतंक की नर्सरी के नाम से कुख्यात पुलवामा में इस्पात संयंत्र स्थापित होने जा रहा है। निश्चित तौर पर इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे ही, क्षेत्र के सामाजिक व आर्थिक परिदृश्य में भी व्यापक बदलाव आएगा।
जिंदल साउथ वेस्ट (जेएसडब्ल्यू) समूह इसके लिए 150 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। संयंत्र के लिए जमीन पहले ही आवंटित की जा चुकी है और वीरवार को नींव पत्थर रख दिया है। यह संयंत्र कुछ माह में तैयार हो जाएगा। इससे पूर्व जेएसडब्लयू समूह जम्मू कश्मीर के कठुआ में भी संयंत्र लगा चुका है। समूह इस संयंत्र में स्टील सैंडविच पैनल और स्टील डोर तैयार करेगा।
औद्योगिकीकरण के मामले में पिछड़ रहा था कश्मीर
संयंत्र का सालाना उत्पादन 1.2 लाख टन होगा। आजादी के बाद कश्मीर घाटी में निजी क्षेत्र में स्थापित होने वाला यह अब तक का सबसे बड़ा औद्योगिक उपक्रम होगा। अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू कश्मीर में देश विदेश के पूंजी निवेशक निवेश करने से डरते थे।उनके डर के दो कारण थे- एक कोई भी बाहरी व्यक्ति जम्मू कश्मीर में स्थायी तौर पर नहीं बस सकता था और दूसरा आतंकी हिंसा। इसी कारण कश्मीर समेत पूरा जम्मू कश्मीर औद्योगिकीकरण के मामले में पूरे देश में पिछड़ गया था।
आतंकी हिंसा हुई कम
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद आतंकी हिंसा न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है और लोगों में सुरक्षा एवं विश्वास की भावना पैदा हुई है। जम्मू कश्मीर में बीते तीन वर्ष के दौरान 66 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।जम्मू कश्मीर की नई औद्योगिक नीति आने के बाद जेएसडब्ल्यू समूह के सज्जन जिंदल ने कश्मीर में इस्पात सयंत्र लगाने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के लस्सीपोरा क्षेत्र में संयंत्र के लिए अक्टूबर 2021 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 70 कनाल (लगभग नौ एकड़) जमीन आवंटन के संबंध में दस्तावेज सौंपे थे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।