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Srinagar News: श्रीनगर सांसद ने की गृहमंत्री शाह से मुलाकात, जेलों में बंद कश्मीरी नौजवानों की रिहाई की उठाई मांग

श्रीनगर के सांसद आगा सैयद रुहुल्ला ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) से भेंट की। गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान उन्होंने बिना किसी सुनवाई के जेलों में बंद कश्मीरी युवाओं को रिहा करने की मांग की। उन्होंने मानवीय मुद्दे का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें भी निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है।

By naveen sharma Edited By: Deepak Saxena Updated: Sun, 04 Aug 2024 06:27 PM (IST)
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श्रीनगर सांसद ने की गृहमंत्री शाह से मुलाकात (फाइल फोटो)।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और श्रीनगर के सांसद आगा सैयद रुहुल्ला ने शनिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भेंट की। साथ ही उन्होंने बिना किसी सुनवाई के जेलों में बंद कश्मीरी नौजवानों की रिहाई में सहयोग करने का आग्रह किया।

सांसद आगा सैयद रुहुल्ला ने केंद्रीय गृहमंत्री को एक पत्र भी सौंपा है। इसमें उन्होंने केंद्रीय गृहमत्री से जम्मू-कश्मीर के उन सभी बंदियों को जम्मू-कश्मीर की जेलों में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया, जो वर्तमान में विचाराधीन हैं और अभी तक दोषी नहीं ठहराए गए हैं।

जेलों में बंद कैदियों का मामला मानवीय मुद्दा- आगा सैयद रुहुल्ला

उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि जम्मू-कश्मीर के कई नागरिक जिनमें से अधिकांश नौजवान ही हैं, लंबे समय से जेलों में बंद हैं, लेकिन उनके मामलो की सुनवाई नहीं हो रही है। यह एक मानवीय मुद्दा है और उन्हें भी एक निष्पक्ष और समय पर सुनवाई का अधिकार है।

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इसके अलावा प्रदेश के कई लोग देश के विभिन्न भागों में स्थित जेलों में कैद हैं। उनमें से कई दोषी हैं, विचाराधीन हैं या बिना किसी सुनवाई के हिरासत में हैं। बिना किसी सुनवाई के हिरासत में रखे गए इन कैदियों में से अधिकांश युवा व्यक्ति हैं। बिना सुनवाई कैद में रखना अनुचित है।

बिना सुनवाई के जल्द से जल्द रिहा करने का किया आग्रह

मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि कैदियों को बिना किसी सुनवाई के जल्द से जल्द रिहा किया जाए। देश भर की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण का आह्वान करते हुए, रूहुल्ला ने जोर देकर कहा कि कश्मीर प्रांत की मौसम की स्थिति देश के बाकी हिस्सों से अलग है और जो कैदी दोषी हैं या विचाराधीन हैं, उन्हें मानवीय पहलुओं पर घाटी में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।

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