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Srinagar News: बारामुला-कुपवाड़ा सीट पर फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे सज्जाद लोन, पहाड़ी और गुज्जर समुदाय पर रखते अच्छी पकड़

उत्तरी कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस का मजबूत गढ़ माना जाता है। बारामुला-कुपवाड़ा सीट पर सज्जाद लोन फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे। पहाड़ी व गुज्जर समुदाय में उनका अच्छा प्रभाव है। जल्द अन्य चार सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस का नेशनल कॉन्फ्रेंस से मुकाबले की उम्मीद है। उत्तरी कश्मीर को पीपुल्स कॉन्फ्रेंस का मजबूत गढ़ माना जाता है।

By naveen sharma Edited By: Deepak Saxena Updated: Mon, 26 Feb 2024 09:26 PM (IST)
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बारामुला-कुपवाड़ा सीट पर फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे सज्जाद लोन (फाइल फोटो)।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व समाज कल्याण मंत्री सज्जाद गनी लोन संसदीय चुनाव में बारामुला-कुपवाड़ा संसदीय सीट पर चुनाव लड़ेंगे। लोन दूसरी बार संसदीय चुनाव लड़ेंगे। जम्मू कश्मीर में किसी भी पार्टी द्वारा अपने किसी उम्मीदवार की घोषणा करने वालों में पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पहला दल है। उत्तरी कश्मीर को पीपुल्स कॉन्फ्रेंस का मजबूत गढ़ माना जाता है। पूरे क्षेत्र में उनका पहाड़ी व गुज्जर समुदाय का भी अच्छा खासा प्रभाव है।

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के महासचिव इमरान रजा अंसारी ने कहा कि जल्द अन्य चार सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएंगे। उम्मीद है कि इस सीट पर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस का नेशनल कॉन्फ्रेंस से सीधा मुकाबला होगा। इसके साथ मुजफ्फर हुसैन बेग के इस सीट पर पीपुल्स कान्फेंस के सहयोग से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने की उम्मीद खत्म हो गई है। अब वह भाजपा के सहयोग से चुनाव लड़ सकते हैं या फिर जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के सहारे संसद में जाने का प्रयास करेंगे।

ऐसे की अपनी चुनावी करियर की शुरुआत

बता दें कि वर्ष 2007 के अंत में अलगाववादी राजनीति को पूरी तरह छोड़ मुख्यधारा की सियासत में लौटने वाले सज्जाद दूसरी बार संसदीय चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने पहली बार इसी क्षेत्र से वर्ष 2009 में चुनाव लड़ा था। वर्ष 2009 में यह सीट नेशनल कॉन्फ्रेंस के शरीफुदीन शारिक ने जीती थी। अंसारी ने कहा कि पार्टी के सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं के आग्रह पर यह निर्णय लिया है। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की नीतियों से जम्मू-कश्मीर की जनता अवगत हैं। हमें उम्मीद है कि उत्तरी कश्मीर की जनता सज्जाद को दिल्ली में संसद के भीतर जम्मू- कश्मीर के हितों की बात करने का पूरा अवसर देगी। उन्होंने जब वर्ष 2009 मे पहली बार संसदीय चुनाव लड़ा था तो उस समय कश्मीर में अलगाववादियों का प्रभाव जबरदस्त था।

साल 2014 और 2019 के संसदीय चुनावों में भी पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने इसी क्षेत्र में सलामदीन और राजा एजाज को उम्मीदवार बनाया था। वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में राजा एजाज अली दूसरे नंबर पर रहे थे। 2014 से 2019 तक पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के वोटों में लगभग 7.38 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई थी।

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भाजपा के साथ देने की उम्मीद

कश्मीर मामलों के जानकार आसिफ कुरैशी ने कहा कि सज्जाद को उम्मीदवार बनाकर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी सूरत में भाजपा, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी या किसी अन्य दल का समर्थन नहीं करेगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा उनका समर्थन करती है, क्योंकि सज्जाद कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बड़ा भाई मानते हैं। अनुच्छेद 370 को लेकर वह भाजपा के साथ नहीं थे।

उन्होंने पांच वर्ष के दौरान कभी इस विषय में आक्रामक बयानबाजी नहीं की और न भाजपा के खिलाफ खुलकर कोई रैली या भाषण किया है। बारामुला-कुपवाड़ा सीट पर लोन परिवार को अपना 80 हजार अपना पक्का वोट है। भाजपा अगर उनका साथ देती है तो पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की जीत की संभावना बढ़ सकती है।

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