Move to Jagran APP

उमर अब्दुल्ला सरकार में इकलौती महिला सकीना इट्टु ने ली मंत्री पद की शपथ, दूसरी बार कैबिनेट में मिली जगह

जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री के रूप में उमर अब्दुल्ला ने दूसरी बार शपथ ले ली है। उनकी सरकार में इस बार पांच मंत्री होंगे। इन पांच मंत्रियों में एक महिला विधायक भी हैं। नेकां ने महिला मंत्री के रूप में सकीना इट्टू को जगह दी है। सकीना ने जम्मू-कश्मीर की डी एच पोरा सीट से तीसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ा था।

By Gurpreet Cheema Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Wed, 16 Oct 2024 12:52 PM (IST)
Hero Image
उमर सरकार में सकीनी इट्टु ने ली मंत्री पद की शपथ (सोर्स- ANI)

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री के रूप में उमर अब्दुल्ला ने दूसरी बार शपथ ले ली है। उनकी सरकार में इस बार पांच मंत्री होंगे। इन पांच मंत्रियों में एक महिला विधायक भी हैं। नेकां ने महिला मंत्री के रूप में सकीना इट्टू को जगह दी है। सकीना ने जम्मू-कश्मीर की डी एच पोरा सीट से तीसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ा था।

खास बात ये है कि सकीना इट्टु को दूसरी बार कैबिनेट में जगह मिली है। इससे पहले सकीना 2009 में बनी उमर अब्दुल्ला की सरकार में भी मंत्री रह चुकी हैं। 

डी एच पोरा से तीसरी बार लड़ा विधानसभा चुनाव

सकीना इट्टु ने इस बार के विधानसभा चुनाव में तीसरी बार मैदान में उतरी हैं। तीनों बार उन्होंने जीत हासिल की है। पहली बार सकीना ने 2009 में नूराबाद विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2014 में उन्होंने एक बार फिर इसी सीट से चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। 2009 में उमर सरकार ने उन्हें पहली बार चुनाव लड़ने के बाद ही कैबिनेट में जगह दी थी। हालांकि, 2014 में बीजेपी और पीडीपी ने चुनाव जीता था। इस बार भी उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ना बेहतर समझा। इस सीट का नाम बाद में डी एच पोरा पड़ा।

आपको बता दें कि दमहाल हंजीपोरा (डीएच पोरा) विधानसभा कुलगाम की तीन विधानसभा सीटों में सबसे दूरस्थ है। इस सीट पर हमेशा ही मतदान अच्छा रहा है। इस बार भी करीब 68 फीसदी मतदान यहां हुआ था।

1994 में आतंकियों ने की पिता की हत्या

सकीना इट्टु का नूराबाद जो कि अब डी एच पोरा है। इस विधानसभा क्षेत्र से काफी पुराना नाता रहा है। दरअसल, उनके पिता भी इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। सकीना के पिता की 1994 में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। उनके पिता चार बार विधायक भी रह चुके हैं।

एक इंटरव्यू के दौरान सकीना ये बात कह चुकी हैं कि उन्हें नूराबाद के गांवों से बेहद लगाव है और यहां के लोगों ने उन्हें हमेश साथ रहने के लिए कहा है।

1996 में शुरू हुआ सकीना का सियासी करियर

पिता की हत्या के बाद सकीना इट्टु राजनीति में उतरीं। 1996 में उन्होंने सियासी पारी की शुरुआत की। सकीना उस समय राजनीति में उतरी जब महिलाएं इस क्षेत्र में न के बराबर थीं। खास कर जम्मू-कश्मीर में तो नहीं थीं। सकीना अब तीसरी बार इसी क्षेत्र से विधायक बनी हैं। खास बात ये है कि तीनों बार उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस में रह कर ही चुनाव लड़ा।

ये भी पढ़ें: Omar Abdullah Shapath Grahan LIVE: उमर अब्दुल्ला की 'ताजपोशी', जम्मू-कश्मीर सरकार में पांच मंत्रियों ने ली शपथ; सुरिंदर चौधरी बने डिप्टी सीएम

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें