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Ganderbal Terrorist Attack: नकाब पहनकर हमला करने आए थे आतंकी, LG मनोज सिन्हा ने डीआईजी को सौंपा जांच का जिम्मा

Ganderbal Terrorist Attack गांदरबल में हुए आतंकी हमले में 7 लोगों की मौत के बाद सुरक्षाबलों ने बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चलाया है। आतंकियों की तलाश में ड्रोन और खोजी श्वानों की मदद ली जा रही है। एलजी मनोज सिन्हा ने बताया कि हमले के दौरान आतंकियों ने नकाब पहना हुआ था। हमले की जांच डीआईजी सेंट्रल कश्मीर रेंज को सौंपी गई है।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 22 Oct 2024 07:27 AM (IST)
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आतंकी हमले के बाद इलाके में तलाशी अभियान चलाते सुरक्षा बल के जवान l (जागरण फोटो)

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। गांदरबल जिले के गगनगीर में अंधाधुंध गोलीबारी कर भागे आतंकियों को मार गिराने के लिए सुरक्षाबलों ने आसपास के जंगल और पर्वतीय क्षेत्रों में बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चला रखा है। सुरक्षाबलों की गश्त, विशेष नाकों के साथ अभियान में खोजी श्वान और ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

इस बीच, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि अभी तक की जांच में पता चला है कि आतंकियों ने नकाब पहना हुआ था। दो लोग जो संभावित रूप से विदेश आतंकी थे, मुंह छिपाकर जेड मोड़ सुरंग बना रही एप्को कंपनी की मेस में दाखिल हुए। आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें सात लोगों की मौत हुई थी। पांच घायलों में एक की हालत गंभीर थी, उसकी रात को ही सर्जरी हुई है और अब सभी स्वस्थ हैं।

आतंकी हमले की जांच करेंगे डीआईजी

उन्होंने बताया कि आतंकी हमले की जांच का जिम्मा डीआईजी सेंट्रल कश्मीर रेंज को सौंपा गया है। उधर, एनआईए के अलावा केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने सोमवार को घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लिया। बताया जा रहा है कि चार से छह संदिग्ध तत्वों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया है।

कंपनी के शिविर को खाली कराया गया

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमले में लिप्त आतंकियों के बारे में कुछ अहम सुराग जटाए गए हैं और जल्द ही उन्हें चिह्नित कर लिया जाएगा। इस बीच, आतंकी हमले का निशाना बनी निर्माण कंपनी के शिविर को पूरी तरह खाली करा लिया गया है। यहां रहने वाले अधिकारियों व कर्मियों को सोनमर्ग व गुंड क्षेत्र में आवासीय सुविधा प्रदान की गई है।

आतंकियों ने दो वाहनों को भी आग लगाया

बता दें कि श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोनमर्ग के गगनगीर में निर्माणाधीन जेड मोड़ सुरंग के निर्माण में लगी निजी कंपनी के कर्मियों के शिविर पर रविवार रात दो से तीन आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं। इसमें एक डाक्टर समेत सात लोगों की मौत और पांच अन्य घायल हो गए थे। आतंकियों ने भागने से पहले वहां खड़े दो वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया था।

डीजीपी नलिन प्रभात ने की बैठक

हमले के बाद पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात और कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक वीके बिरदी ने सोमवार को बैठक कर गांदरबल, गुंड, कंगन और सोनमर्ग के सुरक्षा परिदृश्य पर चर्चा करते हुए खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट का भी आकलन किया। इसके आधार पर आतंकियों को मार गिराने तथा उनके आतंकी नेटवर्क को नष्ट करने की योजना तैयार कर तलाशी अभियान को आगे बढ़ाया गया है।

  • सेंट्रल कश्मीर के डीआइजी को सौंपा हमले की जांच का जिम्मा, घायलों में एक की हुई सर्जरी, हालत स्थिर
  • आतंकियों की तलाश में बड़े स्तर पर गगनगीर के आसपास अभियान तेज, ड्रोन की भी ली जा रही मदद
  • चार से छह संदिग्ध तत्वों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया, अहम सुराग भी हाथ लगे
  • हमले का निशाना बने कंपनी के शिविर को खाली कराकर कर्मचारियों को अन्य जगह पर भेजा गया

जम्मू-कश्मीर में सफलतापूर्ण चुनाव हुए हैं। स्वभाविक रूप से इससे हमारा पड़ोसी परेशान है। इस तरह की कायरतापूर्ण घटनाएं अपने गुर्गों से करा रहा है। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों और देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमले के जो भी गुनाहगार होंगे, उन्हें कठोरतम दंड दिया जाएगा। सुरक्षाबलों को पूरी आजादी है।

-मनोज सिन्हा, उपराज्यपाल

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यह जंगली क्षेत्र घुसपैठियों का रहा है रूट

जहां हमला हुआ उसके आसपास जंगल क्षेत्र का इस्तेमाल अक्सर एलओसी पर गुरेज सेक्टर में घुसपैठ करने वाले आतंकी गांदरबल-श्रीनगर पहुंचने के लिए या दक्षिण कश्मीर की तरफ जाने के लिए करते रहे हैं, क्योंकि गगनगीर का जंगल और पहाड़ इनके लिए एक प्राकृतिक रूट हैं।

इसे ध्यान में रखते हुए नाके लगाए जा रहे हैं। निशाना बने शिविर में बीते कुछ दिनों में आने-जाने वाले लोगों को चिह्नित करने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। संदेह है कि हमलावरों ने हमले से पहले शिविर की रेकी की है।

परिवार के एक सदस्य को दी जाएगी सरकारी नौकरी

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सुबह श्रीनगर अस्पताल में घायलों का हाल जाना। उन्होंने बताया कि प्रशासन हमले में मारे गए लोगों के शवों को उनके परिजनों तक पहुंचाने का बंदोबस्त कर रहा है। उपराज्यपाल ने हमले में मारे गए जम्मू के तालाब तिल्लो के निवासी शशि अबरोल के घर जाकर उनकी पत्नी से मिलकर सांत्वना दी।

उपराज्यपाल ने कहा कि किसी के जीवन को पैसे से नहीं तौला जा सकता, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जो प्रविधान किए हैं, उनके मुताबिक कार्यवाही की जा रही है। जो कंपनी सुरंग बना रही है, मैंने उससे बात की है। वह कंपनी 15 लाख रुपये प्रति कर्मचारी देगी, जिनका बीमा था उन्हें कुछ ज्यादा राशि मिलेगी। जम्मू-कश्मीर प्रशासन के नियम के मुताबिक, यहां के जो लोग मारे गए हैं, उसके परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का प्रबंध किया जा रहा है।

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