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मरीजों को मिलेगी राहत, अब बार-बार नहीं लगानी पडे़गी सुई, दोस्त का दर्द देखकर बना डाला मल्टी ड्रग इंजेक्शन, जानिए इसके बारे में

Invention Factory 2024 मल्टी ड्रग इंजेक्शन से मरीजों को बहुत राहत मिलेगी। इससे मरीजों को अब बार-बार सुई नहीं लगानी पड़ेगी। जिन मरीजों को बार-बार सुई लगानी पड़ती थी उन्हें अब इससे से मुक्ति मिल जाएगी। इन इंजेक्शन को मधुमेह के उन मरीजों को दिया जा सकेगा जो दो या उससे अधिक दवाइयों के इंजेक्शन दिन में लेते हैं। अब मेडिकल काउंसल इसे इंप्रूव करेगा।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 15 Jul 2024 03:31 PM (IST)
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Invention Factory 2024: मल्टी ड्रग इंजेक्शन से मरीजों को मिलेगी राहत।
सुरेंद्र सिंह, जम्मू। मधुमेह से पीड़ित अपने दोस्त को दवाइयों से भरे इंजेक्शन लगाते देख वरुण रावत को भी पीड़ा होती। वरुण एनआइटी त्रिची में फाइनल इयर का छात्र है। वह अक्सर सोचा करता था कि वह कुछ ऐसा कर सके जो उसके दोस्त और उसके जैसे अन्य लोगों को कुछ राहत मिले। वरुण को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे, लेकिन जब वह आइआइटी जम्मू में इन्वेंशन फैक्टरी 2024 प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंचा तो उसका यह सपना पूरा हो गया।

आइआइटी जम्मू की छात्रा खुशबू राठौर ने वरुण के साथ मिलकर मल्टी ड्रग इंजेक्शन बनाकर ज्यूरी सदस्यों को प्रभावित किया। छह सप्ताह तक आइआइटी जम्मू में जारी इन्वेंशन फैक्टरी का रविवार को समापन हो गया। प्रतियोगिता में वरुण और खुशबू के मल्टी ड्रग इंजेक्शन को प्रथम पुरस्कार मिला। दोनों को प्रशस्ति पत्र और दो लाख नकद पुरस्कार भी दिया गया।

कैसे इस प्रोजेक्ट पर किया काम

वरुण और खुशबू ने बताया कि प्रतियोगिता में दोनों को एक साथ कोई भी प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए कहा गया था। सोच समझ कर मल्टी ड्रग इंजेक्शन बनाने का फैसला किया। उन्होंने इसे बनाने से पहले कई डाक्टरों से परामर्श किया जिनमें सर्जन, डेंटिस्ट, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ आदि शामिल थे।

कैसे काम करता है मल्टी ड्रग इंजेक्शन

डाक्टरों ने बताया कि कई दवाइयों को एक साथ इंजेक्ट किया जा सकता। अगर मल्टी ड्रग इंजेक्टर तैयार हो जाए तो मरीज को बार बार सुई नहीं लगानी पड़ेगी। वरुण व खुशबू ने बताया कि उनके इंजेक्शन इनर व आउटर दो चैनल हैं जिन्हें दो पिस्टन नियंत्रित करते हैं।

पहले इनर पिस्टन दवाई को अंदर धकेलता है जो पहले चैनल में जाती है और फिर दूसरा पिस्टन दूसरी चैनल में दवाई को धकेलता है जो दूसरे चैनल में जाती है। इसके बाद दोनों दवाइयां एक डिस्पेंसर में जमा होती है जिसे सीधे मरीज को दिया जा सकता है।

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अब मेडिकल काउंसल करेगा इंप्रूव

वरुण का कहना है कि इस डिस्पेंसर का इस्तेमाल पहले डॉक्टर ही करेंगे और उसके बाद इन इंजेक्शन को मधुमेह के उन मरीजों को दिया जा सकेगा जो दो या उससे अधिक दवाइयों के इंजेक्शन दिन में लेते हैं। जांच के बाद ही अब मेडिकल काउंसल इसे इंप्रूव करेगा।

सुप्रज्ञा-केया की कृत्रिम टांग से दौड़ सकेंगे दिव्यांग

इनवेंशन फैक्टरी प्रतियोगिता में एमआइटी आलंदी, पुणे के छात्र सुप्रज्ञा मिश्रा और जीसीईटी आनंद गुजरात की छात्रा केया शाह ने रोलिंग एंकल ज्वाइंट तैयार किया है जिसे पहनने वाला दिव्यांग व्यक्ति कृत्रिम टांग के साथ दौड़ भी सकता है। उनके इस अविष्कार ने उन्हें प्रतियोगिता में दूसरा रनर अप बना दिया।

सुप्रज्ञा और केया ने इस रोलिंग एंकल को बनाने से पहले जीएमसी अस्पताल जम्मू के हड्डी रोग डाक्टरों के साथ विमर्श भी किया और उन्होंने कुछ दिव्यांग लोगों से उनकी परेशानियों को भी जाना।

पहनने वाले खुद ही कर सकते हैे ठीक

इसके बाद उन्होंने रोलिंग एंकल बनाया जो बहुत ज्यादा लचीला है। इंसान के प्राकृतिक टखने की तरह से यह मुड़ सकता है और उसे अपनी गति के अनुसार व्यक्ति एडजस्ट भी कर सकता है। सुप्रज्ञा और केया ने बताया कि इसे एडजस्ट करना बहुत आसान है। इसके उपर लगे नेट से इसे कसा या ढीला किया जा सकता है।

इस एंकल के ऊपर कृत्रिम टांग जोड़ी जा सकती है जिसे आसानी से पहना जा सकता है। इसके खराब होने की संभावना न के बराबर है और अगह यह ढीला या खराब हो जाए तो इसे पहनने वाला खुद ही ठीक भी कर सकता है।

नेत्रहीनों के लिए बड़ी सौगात

आइआइटी जम्मू में इन्वेंशन फैक्टरी 2024 में आइआइटी मंडी के छात्र आयुष और आइआइटी मद्रास के छात्र अभिषेक कुमार ने नेत्रहीनों के लिए बड़ी सौगात तैयार की। दोनों मिलकर ब्रेल डिस्प्ले डिवाइस तैयार किया जिसे प्रतियोगिता में पहला रनर अप घोषित किया गया।

इस उपकरण के बारे में आयुष और अभिषेक ने बताया कि यह उपकरण नेत्रहीन व्यक्ति को कंप्यूटर और टैब पर पढ़ने में मददगार होगा। उनका उपकरण कंप्यूटर या टैब के साथ लगाया जा सकता है। इसके अटैच होने के बाद उपकरण कंप्यूटर या टैब में लिखे शब्दों को ब्रेल लिपि के अनुसार काम करना शुरू कर देगा।

नेत्रहीन अपना हाथ उनके उपकरण पर रखेगा और उनका उपकरण खुद व खुद शब्दों के अनुसार ब्रेल लिपि का स्पर्श नेत्रहीन व्यक्ति को देगा। वरुण ने बताया कि इस उपकरण को तैयार करने से पहले वे जम्मू में स्थित नेत्रहीन बच्चों के स्कूल में गए थे। वहां से उन्हें उपकरण को तैयार करने की प्रेरणा मिली।

उन्होंने बताया कि ऐसा उपकरण बाजार में उपलब्ध भी है, लेकिन उसकी कीमत दस लाख रुपये है। उन्होंने मात्र पांच हजार का सामान लगाकर इस उपकरण को तैयार कर लिया है। वरुण और अभिषेक का कहना है कि उनका प्रयास रहेगा कि कम से कम कीमत में इस उपकरण को नेत्रहीन लोगों तक पहुंचाया जा सके।

क्या है इन्वेंशन फैक्टरी

न्यूयार्क में 2013 में इन्वेंशन फैक्टरी प्रो. एलन वुल्फ (भौतिकी के प्रोफेसर और एक अमेरिकी पेटेंट अटार्नी) और कूपर यूनियन के प्रो. एरिक लीमा (मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर) के दिमाग की उपज है। इसी कार्यक्रम को मेकर भवन फाउंडेशन द्वारा भारत में अपनाया गया और पेश किया गया, जिसने 2018 में आइआइटी गांधीनगर में इन्वेंशन फैक्टरी के पहले संस्करण की मेजबानी की।

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