Jammu-Kashmir: श्रीनगर में 700 साल पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार, अगले महीने पूरा होने की उम्मीद
श्रीनगर शहर के मध्य में स्थित 700 साल पुराने मंगलेश्वर भैरव मंदिर के जीर्णोद्धार का काम शुरू कर दिया है। जो 2014 में बाढ़ से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। काम जून 2022 में शुरू किया गया था और अगले महीने पूरा होने की उम्मीद है।
By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Tue, 21 Mar 2023 11:24 AM (IST)
श्रीनगर, पीटीआई: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने श्रीनगर शहर के मध्य में स्थित 700 साल पुराने मंगलेश्वर भैरव मंदिर के जीर्णोद्धार का काम शुरू कर दिया है। जो 2014 में बाढ़ से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। काम जून 2022 में शुरू किया गया था और अगले महीने पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि परियोजना की अनुमानित लागत 1.62 करोड़ रुपये है।
हर कोई जानता है इसके महत्व के बारे में
उपायुक्त श्रीनगर मुहम्मद एजाज असद ने बताया कि मंदिर लगभग 700 साल पुराना है। हर कोई इसके महत्व के बारे में जानता है। इसने सितंबर 2014 की बाढ़ में कुछ दरारें विकसित कीं। इसलिए पिछले साल हमने इसे वास्तुकला और विरासत के पुनरुद्धार, जीर्णोद्धार, संरक्षण और रखरखाव के लिए एक योजना के तहत लिया। असद ने कहा कि काम शुरू होने से पहले संरचना के मूल स्वरूप को संरक्षित करने के लिए मंदिर प्रबंधन समिति से परामर्श किया गया था। उन्होंने कहा कि यहां दो पवित्र पेड़ हैं और हमने उन्हें छुआ नहीं है।
पुनर्निर्माण के लिए किसी सीमेंट का नहीं किया गया इस्तेमाल
पुनर्निर्माण के लिए किसी सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है और उसी सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे इसे बनाया गया था। असद ने कहा कि इस मंदिर से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। लोग आज भी यहां आते हैं और हमें बताते हैं कि वे प्रार्थना करना चाहते हैं। हमें यकीन है कि देश भर से बड़ी संख्या में लोग आएंगे। यह कश्मीर शैव और सूफीवाद के लिए जाना जाता है। इन परंपराओं का एक संश्लेषण है।मंदिर की जमीन पर कोई कब्जा नहीं
उपायुक्त ने कहा कि मंदिर की जमीन पर कोई कब्जा नहीं है और मंदिर की पूरी जमीन पर बाड़ लगा दी गई है। इसकी भूमि भी उस लैगून तक फैली हुई है जिस पर इसे बनाया गया है। संजय सराफ, एक कश्मीरी पंडित राजनीतिज्ञ ने कहा कि स्थानीय लोग मंदिर को कई नामों से पुकारते हैं, जैसे 'राज़ेह मंगलेश्वर', जो भगवान शिव का अवतार भी है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित यहां पूजा के लिए आते थे। आसपास के इलाकों के ज्यादातर लोग यहां आते हैं, खासकर श्रीनगर शहर के पंडित। उनका प्रयास रहा है कि वे शनिवार, रविवार या मंगलवार को दर्शन करें।
जीर्णोद्धार के लिए सरकार का आभार
सराफ ने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कुछ राजनेता केवल 'कश्मीरियत' की बात करते हैं, लेकिन कुछ नहीं करते। आज अधिकांश कश्मीरी पंडित यहां नहीं रह रहे हैं, लेकिन इन मंदिरों का सरकार द्वारा पुनर्निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में लगभग 700 मंदिर हैं जिन्हें पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता है।सराफ ने कहा कि अगर उनका जीर्णोद्धार किया जाता है तो इससे कश्मीर से एक अच्छा संदेश जाएगा। मुझे लगता है कि सरकार इन मामलों पर बहुत गंभीर है, चाहे मस्जिदों, मंदिरों या गुरुद्वारों का जीर्णोद्धार हो।
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