Jammu Kashmir Tourism: डल झील में शिकारा का क्रेज हुआ पुराना अब उठाएं रॉयल बग्गी का लुत्फ, महज 100 रुपए में मिलेगी राइड
Jammu Kashmir Tourism श्रीनगर के डल झील को निहारने के लिए रॉयल राइडर्स के नाम से कुछ स्थानीय युवाओं ने एक बग्गी सेवा शुुरू की है। जो बहुत लोकप्रिय हो रही है। पटियाला से मंगवाई गई इस बग्गी व इस हांकने वाले चुस्त दुरस्त घोड़े वाली इस शाही सवारी की सेवा को शुरू हुए अभी एक सप्ताह ही हुआ है। यह पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केंद्र बन गई है।
रजिया नूर, श्रीनगर। श्रीनगर में जबरवन पहाड़ी की तलहट्टी में सिथत विश्व प्रसिद्ध डल झील की सैर के लिए तो आप अभी तक अमूमन शिकारों ही इस्तेमाल करते थे। लेकिन फिर डल में मोटरबोट और वाटर क्रूज उतारे गए ताकि पर्यटकों का सफर आसान बने और अब आप डल झील के साथ-साथ इसके इर्द-गिर्द की खूबसूरती को बग्गी में बैठ बिलकुल शाही अंदाज में निखार सकते हैं।
आपको बता दें कि डल झील रूट पर आपके लिए अब बग्गी उपलब्ध रखी गई है, जिसमें बैठ आप बिलकुल शाही अंदाज से झील का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं। बता देते हैं कि आधुनिकता के इस दौर में घाटी में पहली बार है जब पर्यटकों के लिए बग्गी की सुविधा उपलब्ध रखी गई है।
चार स्थानीय युवाओं का आइडिया
दरअसल बग्गी सेवा का यह आइडिया चार स्थानीय युवाओं ने बुना था और इस प्रोजेक्ट को मुकम्मल कर बग्गी को बुलेवार्ड रोड पर उतारने में इन युवाओं को अढ़ाई वर्ष लगे। पटियाला से मंगवाई गई इस बग्गी व इस हांकने वाले चुस्त दुरस्त घोड़े वाली इस शाही सवारी की सेवा को शुरू हुए अभी एक सप्ताह ही हुआ है। यह पर्यटकों के आकर्षण का विशेष केंद्र बन गई है।परिवार और दोस्तों को सुनाया आइडिया
बग्गी सेवा शुरू करने वाले युवाओं शाहिद अली व मूमन वानी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर हमने लगातार अढ़ाई साल लगाए। हालांकि हमने जब अपना यह आइडिया अपने परिवार वालों के साथ शेयर किया तो उन्होंने यह कहकर हमें टोका कि ओड़ी, बीएमडबल्यो के क्रेज में आप लोग इस घोड़ा गाड़ी को कैसे प्रमोट कर सकते हो। दोस्तों ने भी कहा कि यह रिस्की होगा। लेकिन हमने उनकी बातों की परवाह नहीं की और अपने आइडिया पर काम करने लगे।
घोड़ा-गाड़ी हमारा कलचर
मूमिन ने कहा कि हमें पता था कि जब इंगलैड़, अमरीका जैसे आधुनिक देशों में बग्गियों का रिवाज है तो हमारे यहां क्यों नहीं हो सकता। शाहिद ने कहा, हमारी घाटी एक मैन टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। लाखों रुपये खर्च कर यहां आने वाले टूरिस्ट्स चाहें वह डोमेसटिक हो या इंटरनेशनल, कुछ नया और रॉयल फील कराने के लिए हमें नए-नए तजरुबे करने चाहिए।साथ ही फिर तांगा गाड़ी हमारे कलचर का हिस्सा है। 30 साल पहले हमारे यहां 80 पर्सेंट लोग अपना सफर इसी तांगा गाड़ी से किया करते थे। हमने सोचा अगर हम अपनी इस तांगा गाड़ी को थोड़ा मॉडिफाइड कर इसे फिर से सड़कों पर उतारें तो एक तो इससे हमारा कलचर भी जीवित होगा और दूसरा हमारे यहां आने वाले टूरिसट्स को भी नया कुछ देखने को मिलेगा।
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यही सोच दिमाग में रख हमने बग्गी सेवा के इस प्रोजक्ट का खाका तैयार कर सरकार को अपना प्रपोजल भेजा। मंजूरी मिलते ही हमने पटियाला से बग्गी व घोड़ा मंगवाया। घोड़े को ट्रेन किया और बग्गी को चलाने के लिए एक माहिर घोड़ेबान को काम पर लगा दिया। मूमिन ने कहा कि रॉयल राइडर्स के नाम से हमने बग्गी की यह सेवा हमने 22 जून से शुरू की और पहले दिन से ही हमें लोगों की तरफ से अच्छा रिस्पांस मिला।
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