घाटी के सिखों ने विधानसभा में दो सीटें आरक्षित करने की उठाई मांग, केंद्र पर सौतेला व्यवहार करने का लगाया आरोप
Srinagar News शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर फोरम के अध्यक्ष बलदेव सिंह राना ने कहा कि हमारे साथ हमेशा से भेदभाव होता आया है। फोरम ने घाटी में रहने वाले सिखों के लिए विधानसभा में कोई भी सीट आरक्षित नहीं करने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि हमारे लिए भी कम से कम विधानसभा में दो सीटें आरक्षित की जाए।
श्रीनगर, जागरण संवाददाता: युनाइटेड कश्मीर सिख प्रोग्रेसिव फोरम ने केंद्र सरकार पर घाटी में रह रहे सिख समुदाय के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। फोरम ने घाटी में रहने वाले सिखों के लिए विधानसभा में कोई भी सीट आरक्षित नहीं करने पर नाराजगी जताई। शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर फोरम के अध्यक्ष बलदेव सिंह राना ने कहा कि हमारे साथ हमेशा से भेदभाव होता आया है।
हम अपनी जान पर खेल कर तीन दशक से घाटी में ही ठहरे- फोरम
इस बार उम्मीद थी कि विधानसभा में हमारे लिए कम से कम एक सीट आरक्षित की जाएगी। पर ऐसा नहीं हुआ। राना ने कहा कि जिस तरह विस्थापित कश्मीरी पंडितों तथा पाक रिफ्यूजियों को विधानसभा में सीटें आरक्षित रखी गई हैं, उसका स्वागत करते हैं, लेकिन केंद्र से हमारा यह प्रश्न है कि हमें विधानसभा में आरक्षण देने पर क्या आपत्ति है? हम अपनी जान पर खेल कर तीन दशक से घाटी में ही ठहरे रहे।
हमारे साथ हमेशा भेदभाव किया गया
यह सोच कर पलायन नहीं किया कि यहां हमारा ख्याल रखा जाएगा। हमने इस दौरान देश हित के लिए प्रशासन का भरपूर सहयोग दिया, लेकिन बदले में हमारे साथ हमेशा भेदभाव किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि हमारे लिए भी कम से कम विधानसभा में दो सीटें आरक्षित की जाए।
फोरम ने घाटी की स्थानीय राजनीतिक पार्टियों नेशनल काफ्रेंस, कांग्रेस, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस तथा सिविल सोसाइटियों से भी इस मुद्दे पर उनका साथ देने का आग्रह किया।