Gulmarg Terrorist Attack: बलिदान से पहले जीवन ने आखिरी बार किया वीडियो कॉल, पत्नी-बेटियों से की 10 मिनट तक बात
गुलमर्ग में आतंकी हमले में शहीद हुए जीवन सिंह ने अपने बलिदान से पहले पत्नी और बेटियों से 10 मिनट तक वीडियो कॉल पर बात की थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 27 वर्षीय बलिदानी जीवन राजपूताना राइफल का सिपाही थे। वह 21 जून 2016 को भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। वर्ष 2019 में कोमल रानी के साथ उनकी शादी हुई थी।
कुलभूषण, सिरसा/गुलमर्ग। आतंकी हमले में बलिदान हुए जीवन सिंह का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर शुक्रवार की शाम साढ़े छह बजे उनके पैतृक गांव रोहण पहुंचा। बलिदानी के पिता सुखदेव सिंह, मां गोलो कौर, पत्नी कोमल सहित पूरा गांव शोकाकुल हो उठा।
रिश्तेदार स्वजनों को ढांढ़स दिलाते रहे। शुक्रवार देर शाम गांव में बलिदानी जीवन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। बता दें कि जीवन सिंह वीरवार शाम सात बजे जम्मू-कश्मीर के बारामूला के नजदीक गुलमर्ग में डयूटी के दौरान आतंकी हमले में बलिदान हो गए थे।
27 वर्षीय बलिदानी राजपूताना राइफल का सिपाही थे। वह 21 जून 2016 को भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। वर्ष 2019 में कोमल रानी के साथ उनकी शादी हुई थी जिससे चार और दो वर्ष की बेटियां हैं।
जीवन ने पत्नी को की थी आखिरी वीडियो कॉल
उनके परिवार में माता-पिता, दो बहनें व भाई है। पंजाब पुलिस में तैनात मृतक के चचेरे भाई गगनदीप ने बताया कि वीरवार शाम पांच बजे जीवन ने पत्नी कोमल को वीडियो काल की थी। करीब दस मिनट तक पत्नी और दोनों बेटियों से बात की।
इसके बाद वह डयूटी से कैंप वापस जा रहे थे तो आतंकी हमले में बलिदान हो गए। जीवन के चाचा रिटायर्ड फौजी धर्म सिंह को इसकी सूचना शाम को ही मिल गई थी। लेकिन उन्होंने परिवार को जीवन के बस घायल होने के बारे में ही बताया था।
चार हमलावरों ने स्टील बुलेट और एम-4 कार्बाइन प्रयोग की
गुलमर्ग में सैन्य वाहन पर हुए हमले में आतंकियों ने स्टील बुलेट और एम-4 कार्बाइन का इस्तेमाल किया है। हमलावर आतंकियों की संख्या चार बताई जा रही है। इस बीच, अस्पताल में उपचाराधीन एक घायल सैनिक ने शुक्रवार को वीरगति पाई। इससे हमले में बलिदानी जवानों की संख्या तीन व कुल पांच हो गई है।
आतंकी हमले में कई जवान बलिदान हो गए। बलिदानियों में राइफलमैन जीवन सिंहह सिरसा (हरियाणा) और राइफलमैन कैसर अहमद शाह शांगस (अनंतनाग) के रहने वाले थे। वहीं, सैन्य कुलियों की पहचान मुश्ताक अहमद चौधरी व जहूर अहमद मीर निवासी बारामुला के रूप में हुई है।श्रीनगर के बादामी बाग स्थित चिनार कोर मुख्यालय में आयोजित एक भावपूर्ण समारेाह में बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी गई और उनके पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ स्वजन के पास भेज दिए गए। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए। गुलमर्ग हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद के मुखौटा संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने ली है। पीएएफएफ ने इंटरनेट मीडिया पर कथित तौर पर गुलमर्ग हमले से संबंधित एक फोटो भी प्रसारित किया है।
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