जंतर-मंतर पर अनशन करने की नहीं मिली अनुमति, दिल्ली के लद्दाख भवन में बैठे सोनम वांगचुक, जानिए क्या है उनकी मांगें
लद्दाख के कार्यकर्ता राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित लद्दाख भवन में अनशन पर बैठ गए हैं। 15 लद्दाखियों समेत 28 दिन के अनशन पर बैठे सोनम वांगचुक ने कहा कि उम्मीद है कि लद्दाख भवन में शांतिपूर्ण तरीके से अनशन करने दिया जाएगा। सोनम वांगचुक को जंतर-मंतर पर अनशन नहीं करने की अनुमति नहीं मिली।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। राज्य दर्जे और छठी अनुसूचित को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर अनशन करने की अनुमति नहीं मिलने के बाद रविवार दोपहर को चाणक्यपुरी के लद्दाख भवन में लद्दाखी अनशन पर बैठ गए। 15 लद्दाखियों समेत 28 दिन के अनशन बैठे सोनम वांगचुक ने कहा कि उम्मीद है कि लद्दाख भवन में शांतिपूर्ण तरीके से अनशन करने दिया जाएगा।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने पदयात्रा कर लेह से दिल्ली पहुंचे लद्दाखियों को पांच और छह अक्टूबर को जंतर मंतर में अनशन करने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था। सोनम ने कहा कि हमारी उम्मीद अभी भी बरकरार है कि देश के शीर्ष नेता लद्दाख के मुद्दों पर बातचीत करने के लिए जल्द बुलाएंगे। लद्दाख के मुद्दों को लेकर हमारा अनशन जारी रहेगा।
सोनम वांगुचक ने उठाए सवाल
उन्होंने दिल्ली के जंतर मंतर पर अनशन की अनुमति न मिलने पर कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की राजधानी में कोई ऐसी जगह क्यों नहीं है, यहां पर लोग अपनी बात को उठा सकें। इससे पहले उन्होंने रविवार को एक्स पर लिखा था कि बापू गांधी के देश में उनके पद्चिन्हों पर चलना इतना मुश्किल क्यों है।
लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन व लेह अपेक्स बाडी के पदाधिकारी छेरिंग दोरजे ने कहा कि अगर वांगचुक को गिरफ्तार न करते उन्हें अनशन करने दिया जाए।
'हम लद्दाख में शांति चाहते हैं'
अगर वांगचुक के अनशन को रोकने की कोशिश की जाती है तो लद्दाख में कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी।
हम लद्दाख में शांति चाहते हैं ऐसे में वांगचुक को बातचीत के लिए बुलाया जाए। इससे पहले रविवार सुबह दिल्ली पुलिस ने लद्दाखियों को पत्र लिख कर जंतर मंजर में अनशन की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था।
दिल्ली पुलिस ने किया था गिरफ्तार
पत्र में लिखा था कि जंतर मंजर में प्रदर्शन आदि के लिए दस दिन पहले अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके साथ वहां ऐसा कोई कार्यक्रम सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे के बीच ही हो सकता है।
वहां लगातार अनशन की इजाजत नहीं दी जा सकती है। लेह से पैदल मार्च करते हुए 30 सितंबर की रात को दिल्ली बार्डर पर पहुंचे सोनम वांगचुक व अन्य लद्दाखियों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
लद्दाखियों ने अनशन की घोषणा कर दी
उन्हें दो अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन छोड़ा गया था। सोनम समेत 150 पदयात्री लद्दाख के मुद्दों को लेकर केंद्र पर दवाब बनाने के लिए एक सितंबर से पैदल मार्च करते दिल्ली तक पहुंचे थे।
हिरासत से छोड़ने के बाद गृह मंत्रालय अधिकारियों ने जल्द दिल्ली में पीएम और गृहमंत्री से इस मुद्दे पर बैठक का आश्वासन दिया था। गृह मंत्रालय से जानकारी न मिलने पर लद्दाखियों ने अनशन की घोषणा कर दी थी।