'भूमि आवंटन रद कर दिया पद्मश्री', सोनम वांगचुक का कटाक्ष; बोले- आवाज उठाने पर मेरे खिलाफ दर्ज किया देशद्रोह का मामला
लद्दाख के पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के लिए आवंटित जमीन रद्द कर उन्हें पद्मश्री दिया गया। उन्होंने लद्दाख में चरवाहों की जमीन बिजली कंपनियों को देने के खिलाफ आवाज उठाई थी। वांगचुक ने कहा कि उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज होने की चर्चा है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। लद्दाख के पर्यावरणविद और लेह अपेक्स बॉडी के सदस्य सोनम वांगचुक ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि उन्हें विश्वविद्यालय के लिए दी गई जमीन का आवंटन रद कर पद्मश्री दिया गया है। वांगचुक ने कहा कि पिछले कुछ समय से लोग उनकी पद्मश्री और भारत रत्न की मांग कर रहे थे, और अब उनका सपना पूरा हो गया है।
रविवार को लेह में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने लद्दाख के चांगथांग में चरवाहों की जमीन बिजली कंपनियों को दिए जाने के खिलाफ आवाज उठाई है, तब से स्थिति में हलचल बढ़ गई है। वांगचुक ने यह भी कहा कि चर्चा है कि उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस देश में कुछ कंपनियों को विशेष दर्जा प्राप्त है और उनके खिलाफ बोलना देशद्रोह माना जाता है। उनका यह बयान उस समय आया है जब लद्दाख में आंदोलन कर रही लेह अपेक्स बाडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस जमीन के आवंटन रद करने के मुद्दे को उठाने की तैयारी कर रहे हैं।
कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के पदाधिकारी सज्जाद कारगिली ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही मिलकर इस मुद्दे को उठाने की रणनीति बनाएंगे। वांगचुक ने कहा कि हमने कई बार शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी से लीज समझौता करने का मुद्दा उठाया, लेकिन हमें बार-बार टाला गया। उन्होंने कहा कि अब सरकार का यह कदम उनकी मंशा को स्पष्ट करता है।
'सोनम वांगचुक ने भूमि आवंटन संबंधी औपचारिकताएं पूरी नहीं की'
लद्दाख प्रशासन ने गत दिनों सोनम वांगचुक के हिमालयन इंस्टीट्यूट आफ अल्टरनेटिव लर्निंग (एचआइएएल) को लेह के फेयांग गांव में 1076 कनाल (134.5 एकड़) से अधिक जमीन का आवंटन रद कर दिया था। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि सोनम वांगचुक ने न भूमि आवंटन संबंधी औपचारिकताएं पूरी की हैं और न भूमि का उपयोग उस कार्य के लिए किया जिसके लिए जमीन दी गई थी।
लद्दाख प्रशासन ने सोनम को फेयांग गांव में उनके संस्थान के लिए 2018 में जमीन आवंटित की थी। लेह के जिला उपायुक्त रोमिल सिंह डोंक ने 21 अगस्त को आदेश जारी कर हिमालयन इंस्टीट्यूट आफ अल्टरनेटिव लर्निंग को आवंटित जमीन का आवंटन रद कर दिया।
उन्होंने कहा कि इस जमीन को सरकारी करार देते हुए लेह स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद व तहसीलदार लेह को अवैध ढांचे व अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा है। फेयांग में यह जमीन हिमालयन इंस्टीट्यूट को 40 वर्ष के पट्टे पर दी गई थी।
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