Srinagar News: घाटी में आतंकियों से संबंध रखने वाले ठेकेदारों होंगे काली सूची में शामिल
Srinagar News इस अभियान के तहत लगभग 50 अधिकारियों व कर्मियों को सेवामुक्त किया जा चुका है। इनमें नायब तहसीलदार और प्रोफेसर तक शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर में विशेषकर कश्मीर में ऐसे कई ठेकेदार हैं जो कभी आतंकी थे।
श्रीनगर, नवीन नवाज। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों और अलगाववादियों के साथ प्रत्यक्ष-परोक्ष संपर्क रखने वाले ठेकेदारों को अब सरकारी परियोजनाओं में शामिल नहीं किया जाएगा। बल्कि उन्हें काली सूची में रखा जाएगा। प्रदेश सरकार ने यह कदम जम्मू-कश्मीर में आतंकियों और अलगावादियों के वित्तीय नेटवर्क को पूरी तरह नष्ट करने के अभियान के तहत उठाया है। पुलिस के सीआइडी विंग व अन्य सरकारी खुफिया एजेंसियों को सभी ठेकेदारों की पृष्ठभूमि की जांच करने के लिए कहा गया है। प्रदेश सरकार ने सरकारी तंत्र में छिपे बैठे आतंकियों और अलगाववादियों के समर्थकों को सेवामुक्त करने का एक अभियान पहले ही चला रखा है।
अचानक ही नामी ठेकेदार बने
इस अभियान के तहत लगभग 50 अधिकारियों व कर्मियों को सेवामुक्त किया जा चुका है। इनमें नायब तहसीलदार और प्रोफेसर तक शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर में विशेषकर कश्मीर में ऐसे कई ठेकेदार हैं, जो कभी आतंकी थे। इसके अलावा कई अलगाववादी नेताओं के करीबी रिश्तेदार भी अचानक ही नामी ठेकेदार बने हैं। प्रदेश में विभिन्न सरकारी निर्माण योजनाओं, सरकारी कार्यालयों में विभिन्न प्रकार के साजो सामान की आपूर्ति का काम भी ऐसे कई ठेकेदार कर रहे हैं। कई मामलों में कथित तौर पर देखा गया है कि आतंकियों और अलगाववादियों के साथ प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से जुड़े ठेकेदारों ने दबाव और प्रभाव से काम लिया है या फिर अपने चहेतों को दिलाया है।
ऐसे ठेकेदारों की संख्या डेढ़ हजार के करीब
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि ऐसे ठेकेदार अपनी कमाई का हिस्सा आतंकी व अलगाववादी नेटवर्क के लिए उपलब्ध कराते हैं। इसे रोकने के लिए ही प्रदेश सरकार ने अब सभी ठेकेदारों की सीआइडी जांच और उनकी पृष्ठभूमि का पता लगवाने का फैसला किया है। अगर किसी की नकारात्मक रिपोर्ट होगी तो उसे कार्य निष्पादन का ठेका नहीं दिया जाएगा और उसे काली सूची में शामिल किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, घाटी में आतंकियों व अलगाववादियों से प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से संबंधित ठेकेदारों की संख्या डेढ़ हजार के करीब है।
इन तथ्यों के आधार पर होगी जांच
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ठेकेदारों की पृष्ठभूमि की जांच समय-समय पर की जाती है। अब इस जांच को और ज्यादा गहन व विस्तृत बनाया जा रहा है। यह देखा जा रहा है कि अगर ठेकेदार कभी आतंकी या अलगाववादी रहा है तो वह किस संगठन के साथ था। उसने किसा-किस वारदात को अंजाम दिया है। इसके अलावा वह जेल में कब तक रहा है। किसी ठेकेदार का कोई रिश्तेदार आतंकी या अलगाववादी तो नहीं है। ठेकेदारी का पेशा अपनाने के लिए उसके पास धन कहां से आया और उसकी आय के अन्य स्रोत या फिर मौजूदा समय में वह किस राजनीतिक, सामाजिक या अन्य किसी संगठन से जुड़ा है।