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JK News: श्रीनगर को विश्व शिल्प शहर के रूप में मिली मान्यता, LG मनोज सिन्हा ने जताई खुशी, बोले- यह सम्मान कारीगरों की मेहनत-प्रतिभा का प्रमाण

JK News श्रीनगर को विश्व शिल्प शहर के रूप में मान्यता मिलने पर एलजी मनोज सिन्हा ने खुशी जताई है। इसके साथ ही श्रीनगर के अनूठे शिल्पों की मांग में वृद्धि से उत्पादन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है जिससे रोजगार सृजन होगा और कारीगरों और उनके परिवारों के लिए आजीविका में सुधार होगा। हस्तशिल्प और हथकरघा विभाग के निदेशक ने कहा कि हमें अपने कारीगरों पर गर्व है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Published: Mon, 24 Jun 2024 11:41 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2024 11:41 AM (IST)
JK News: श्रीनगर को विश्व शिल्प शहर के रूप में मान्यता मिलने पर एलजी मनोज सिन्हा ने जताई खुशी।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। विश्व शिल्प परिषद ने श्रीनगर को आधिकारिक तौर पर विश्व शिल्प शहर के रूप में मान्यता दे दी है। यह प्रतिष्ठित सम्मान शहर की समृद्ध विरासत और इसके कारीगरों के असाधारण कौशल को रेखांकित करता है। शहर की कलात्मकता ने वैश्विक प्रशंसा अर्जित की है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह सम्मान हमारे कारीगरों की कड़ी मेहनत और असाधारण प्रतिभा का प्रमाण है। हमारे कारीगर और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह प्रशंसा समुदाय के लिए ठोस लाभ में तब्दील हो।

हस्तशिल्प में उत्कृष्टता की दीर्घकालिक परंपरा का प्रमाण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र के लिए दृढ़ समर्थन दिखाया है। वह विश्व नेताओं को जम्मू-कश्मीर के कारीगरों द्वारा तैयार किए गए स्मृति चिह्न भेंट करके क्षेत्र के हस्तशिल्प को सक्रिय रूप से बढ़ावा देते हैं, जिससे क्षेत्र की शिल्प कौशल और सांस्कृतिक विरासत के लिए वैश्विक जागरूकता और सराहना बढ़ती है। विश्व शिल्प शहर के रूप में मान्यता श्रीनगर की हस्तशिल्प और हथकरघा में उत्कृष्टता की दीर्घकालिक परंपरा का प्रमाण है। इसका क्षेत्र पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा।

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कला में नवीनता को मिलेगा बढ़ावा

विकास, स्थिरता और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। बढ़ती वैश्विक मान्यता के साथ श्रीनगर के शिल्प को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ावा मिलेगा जिससे कारीगरों के लिए नए बाजार और अवसर खुलेंगे। इस क्षेत्र में अधिक निवेश और वित्त पोषण आकर्षित करने बुनियादी ढांचे के विकास में सहायता करने और पारंपरिक तरीकों को संरक्षित करते हुए आधुनिक तकनीकों को पेश करने की संभावना है। कारीगरों को उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं तक पहुंच प्राप्त होगी जिससे उनके कौशल में और निखार आएगा और उनकी कला में नवीनता को बढ़ावा मिलेगा।

कारीगरों पर गर्व

श्रीनगर के अनूठे शिल्पों की मांग में वृद्धि से उत्पादन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है जिससे रोजगार सृजन होगा और कारीगरों और उनके परिवारों के लिए आजीविका में सुधार होगा। हस्तशिल्प और हथकरघा विभाग के निदेशक ने कहा कि हमें अपने कारीगरों और उनके उल्लेखनीय योगदान पर अविश्वसनीय रूप से गर्व है। विश्व शिल्प शहर के रूप में मान्यता प्राप्त होना एक सपने के सच होने जैसा है और हमें आगे बढ़ने के लिए एक प्रेरणा है।

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