श्रीनगर में आतंकी हमले का षड्यंत्र नाकाम, सुरक्षाबलों ने पकड़े तीन टेररिस्ट; ग्रेनेड अटैक का था प्लान
श्रीनगर पुलिस को अपने तंत्र से पता चला था कि पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के चार वर्ष पूरे होने के अवसर पर आतंकियों ने श्रीनगर और उसके साथ सटे इलाकों में हमलों का एक षड्यंत्र रचा है। इस षड्यंत्र के मुताबिक भीड़भरे इलाकों में सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमले किए जाने हैं ताकि सुरक्षाकर्मियों के साथ आम लोगों को भी नुकसान पहुंचे।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के चार वर्ष पूरे होने पर ग्रीष्मकालीन राजधानी में भीड़ भरे इलाकों में ग्रेनेड हमले और टारगेट किलिंग के एक आतंकी षड्यंत्र को पुलिस ने विफल कर दिया। इस षड्यंत्र को अंजाम तक पहुंचाने के लिए शहर में छिपे टीआरएफ के तीन आतंकियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
इनमें एक रिसायकल्ड आतंकी है जो दो वर्ष जेल रहने के बाद कुछ माह पहले ही जमानत पर रिहा हुआ है। गिरफ्तार आतंकियों से तीन हथगोले, पिस्टल के 10 कारतूस और एसॉल्ट राइफल के 25 कारतूस व अन्य आपत्तिजनक साजो सामान मिला है। तीनों से पूछताछ जारी है।
क्या थी आतंकियों की प्लानिंग?
बता दें कि पुलिस को अपने तंत्र से पता चला था कि पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के चार वर्ष पूरे होने के अवसर पर आतंकियों ने श्रीनगर और उसके साथ सटे इलाकों में हमलों का एक षड्यंत्र रचा है। इस षड्यंत्र के मुताबिक, भीड़भरे इलाकों में सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमले किए जाने हैं, ताकि सुरक्षाकर्मियों के साथ आम लोगों को भी नुकसान पहुंचे। इसके अलावा, टारगेट किलिंग की वारदात की जानी थी।
नटीपोरा इलाके में छिपे हुए थे आतंकी
पुलिस ने इस सूचना के आधार पर अपने मुखबिरों को सक्रिय किया और संदिग्ध तत्वों की निगरानी शुरू की। श्रीनगर के भीतर और श्रीनगर के बाहरी हिस्सों में उन इलाकों में विशेष निगाह रखी गई, जहां आतंकियों के छिपने की आशंका थी। आज तड़के पुलिस को अपने तंत्र से पता चल गया कि श्रीनगर में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए टीआरएफ के तीन आतंकी नटीपोरा इलाके में एक मकान में छिपे हुए हैं।
आतंकियों की पहचान
एसएसपी श्रीनगर राकेश बलवाल ने उसी समय पूरे अभियान की एक रणनीति तैयार करते हुए विशेष दल तैयार किया। इस दल ने आतंकी ठिकाने पर सुनियोजित तरीके से छापा डाला और वहां छिपे तीनों आतंकियों को बचाव का कोई मौका दिए बगैर पकड़ लिया। पकड़े गए आतंकियों की पहचान इमरान अहमद नजार निवासी बुलबुल बाग बारामुला, वसीम अहमद मट्टा निवासी कमरवारी श्रीनगर और वकील अहमद बट निवासी पजलपोरा बीजबेहाड़ा के रूप में हुई है।
संबधित अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए आतंकियों में शामिल वकील अहमद एक पुराना आतंकी है। वह रिसायकल्ड आतंकी है जो दो वर्ष जेल में रहने के बाद कुछ माह पहले ही जमानत पर रिहा हुआ है। वकील अहमद पहले इस्लामिक स्टेट आफ जम्मू कश्मीर का सक्रिय आतंकी था। जेल से छूटने के बाद वह दोबारा आतंकी गतिविधियों में सक्रिय हो गया। बताया जा रहा है कि वह करीब एक माह पहले टीआरएफ का हिस्सा बना है।