Jammu: सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर 2024 तक तय की विधानसभा चुनाव की डेडलाइन, उपराज्यपाल तक नहीं पहुंच पाती आमजन की समस्याएं
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ये तय हो गया है कि आर्टिकल 370 हटाने को वैधता दे दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा चुनाव के लिए भी डेडलाइन तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को विधिसम्मत ठहराते हुए 30 सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को कहा। पार्टियों और आमजन ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
By naveen sharmaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Mon, 11 Dec 2023 03:07 PM (IST)
जम्मू, नवीन नवाज। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के गठन को लेकर जारी संशय की बादल सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के साथ ही छंट गए। सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को विधिसम्मत ठहराते हुए 30 सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को कहा है । इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को यथाशीघ्र पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरु करने का भी आदेश दिया है।
जम्मू-कश्मीर में विभिन्न राजनीतिक दल अपने दलगत राजनीतिक मतभेदों के बावजूद इन दो मुद्दों पर एकमत ही रहे हैं। प्रदेश में शीघ्र विधानसभा चुनाव कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाले पैंथर्स पार्टी के प्रधान हर्ष देव सिंह ने कहा कि यह फैसला जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूत बनाने और बाबूराज को खत्म करेगा।
चुनाव आयोग भी कह चुका है कि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक शून्य को भरने की जरुरत है । मौजूदा स्थिति को और अधिक समय तक नहीं बनाए रखा जा सकता। केंद्र सरकार भी कई बार कह चुकी है कि वह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के गठन के लिए गंभीर है, लेकिन सुरक्षा संबधी कुछ मुद्दों का समाधान जरुरी है। वह कह चुकी है कि चुनाव कराने का अंतिम निर्णय चुनाव आयोग को लेना है।
जम्मू-कश्मीर में अंतिम विधानसभा चुनाव साल 2014 में हुए
जम्मू-कश्मीर में जून 2018 में तत्कालीन पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के भंग होने के बाद पहले राज्यपाल शासन रहा और फिर जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर बनने के साथ ही 31 अक्टूबर 2019 से से उपराज्यपाल ही शासन की बागडोर संभाले हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में अंतिम विधानसभा चुनाव वर्ष 2014 में हुए थे और लगभग साढ़े पांच वर्ष से जम्मू-कश्मीर में कोई निर्वाचित सरकार नहीं है। नेशनल कान्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी , कांग्रेस, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी, माकपा समेत विभिन्न राजनीतिक दल आरोप लगाते हैं कि भाजपा पिछले दरवाजे से जम्मू-कश्मीर की सत्ता अपने पास रखने के लिए विस चुनाव नहीं होने दे रही है।ये भी पढ़ें: Article 370 Verdict: SC के फैसले से घाटी के बड़े नेताओं में नाराजगी, बोले- 'जम्मू-कश्मीर की जनता के हित में नहीं आया निर्णय'
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