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J&K News: जम्मू-कश्मीर में करोड़पति विधायकों की भरमार, जानें किसके पास है सबसे ज्यादा दौलत?

जम्मू-कश्मीर विधानसभा (Jammu Kashmir Vidhan Sabha) में करोड़पति विधायकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। नवनिर्वाचित 90 विधायकों में से 76 करोड़पति हैं। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा 27 विधायक एक से पांच करोड़ रुपये के दायरे में आते हैं। तारिक हमीद कर्रा और देवेंद्र सिंह राणा 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाले सबसे अमीर विधायकों में शामिल हैं।

By naveen sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Fri, 11 Oct 2024 08:07 AM (IST)
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जम्मू-कश्मीर में 90 में से 76 विधायक करोड़पति (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में करोड़पति सदस्यों की संख्या बढ़ गई। इस बार नव निर्वाचित 90 विधायकों में से 76 करोड़पति हैं। यह आंकड़ा कुल सदस्य संख्या का 84 प्रतिशत है। वर्ष 2014 में 75 प्रतिशत विधायक करोड़पति थे और उनकी औसत घोषित संपत्ति 4.56 करोड़ रुपये थी, जबकि इस बार नव निर्वाचित करोड़पति विधायकों की घोषित औसत संपत्ति 11.43 करोड़ रुपये है। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है।

90 में से 76 विधायक करोड़पति

रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा 27 विधायक एक से पांच करोड़ रुपये के दायरे में आते हैं, जबकि 14 विधायकों की संपत्ति एक करोड़ रुपये से कम है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा और भाजपा नेता देवेंद्र सिंह राणा 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाले सबसे अमीर विधायकों में शामिल हैं।

एडीआर के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में 90 नवनिर्वाचित विधायकों में से 76 ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है। 2014 में 87 विधायकों में से केवल 65 (75 प्रतिशत) करोड़पति थे। सेंट्रल शाल्टेंग सीट से चुने गए तारिक हमीद कर्रा ने 148 करोड़ की संपत्ति घोषित की है और वह सबसे अमीर विधायक हैं।

जम्मू जिले के नगरोटा निर्वाचन क्षेत्र से जीतने वाले भाजपा नेता देवेंद्र राणा 126 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं। श्रीनगर के छन्नपोरा से निर्वाचित नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के विधायक मुश्ताक अहमद गुरु 94 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ तीसरे सबसे अमीर हैं।

AAP के मेहराज मलिक सबसे गरीब विधायक

आम आदमी पार्टी के टिकट पर डोडा से विधायक बने मेहराज मलिक सिर्फ 29,070 रुपये की संपत्ति के साथ जम्मू-कश्मीर के सबसे गरीब विधायक हैं। वह जम्मू-कश्मीर में आप के पहले विधायक हैं।

करनाह से नेकां विधायक जावेद अहमद मिरचल तीन लाख रुपये की संपत्ति के साथ दूसरे सबसे गरीब विधायक हैं। उनके पार्टी सहयोगी और कोकरनाग से विधायक जफर अली खटाना 34 लाख रुपये की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं।

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नेकां के 88 फीसदी (37) विधायक करोड़पति हैं तो वहीं भाजपा के 86 फीसदी (25) विधायकों की संपत्ति करोड़ों में है। कांग्रेस के सभी छह विधायकों और सीपीआइ (एम) व पीपुल्स कान्फ्रेंस के एक मात्र विधायक ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है। कुल विधायकों में से 23 के पास 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। 26 के पास पांच करोड़ रुपये से अधिक, लेकिन 10 करोड़ रुपये से कम की संपत्ति है।

63 विधायक स्नातक या इससे अधिक पढ़े

विधायकों में 70 प्रतिशत स्नातक या उससे उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। 63 विधायकों ने अपनी शैक्षणिक स्थिति स्नातक या उससे अधिक घोषित की है, जबकि 28 प्रतिशत ने आठवीं से 12वीं कक्षा तक की स्कूली शिक्षा पूरी की है। रियासी से भाजपा विधायक कुलदीप राज दुबे स्नातक उत्तीर्ण हैं। नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के पास भी स्नातक डिग्री है। बीरवाह से नेकां विधायक शफी अहमद वानी विधानसभा में पेशेवर स्नातक हैं। बनी से निर्दलीय डॉ. रामेश्वर सिंह ने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। 29 विधायक 25 से 50 वर्ष की आयु के हैं। 61 विधायकों की उम्र 51 से 80 वर्ष के बीच है।

करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं माननीय

  • कांग्रेस के सभी छह विधायकों की औसत संपत्ति 30 करोड़ रुपये से थोड़ी ही अधिक है।
  • भाजपा के निर्वाचित सभी 29 विधानसभा सदस्यों की औसत संपत्ति 14.55 करोड़ रुपये है।
  • नेकां के 42 विधायकों की औसत संपत्ति 8.47 करोड़ रुपये है।
  • पीडीपी के तीन विधायकों की औसत संपत्ति 4.25 करोड़ रुपये।
  • सात निर्दलीय विधायकों की औसत कुल संपत्ति लगभग पांच करोड़ रुपये है।
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निर्वाचित विधायकों में नौ पर आपराधिक मामले

नव निर्वाचित विधायकों में से नौ के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह जानकारी स्वयं निर्वाचित विधायकों ने अपने नामांकन पत्रों के साथ जमा कराए गए अपने हलफनामे में दी है। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ छह प्रतिशत निर्वाचित विधायकों का आपराधिक रिकार्ड था।

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन के खिलाफ एक भी मामला नहीं है। कालाकोट से भाजपा विधायक रंधीर सिंह ने अपने खिलाफ एक ही आपराधिक मामले की घोषणा की है। उन पर आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत गंभीर आरोप हैं, जिनमें आपराधिक विश्वासघात और जालसाजी शामिल हैं।

डोडा से आप विधायक मेहराज मलिक के खिलाफ छह आपराधिक मामले हैं। उन पर लोगों को धमकाने, मारपीट और विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने जैसे मामले हैं। भाजपा विधायक विक्रम सिंह रंधावा के खिलाफ सार्वजनिक शरारत और लोक सेवकों द्वारा जारी आदेशों की अवज्ञा से संबंधित चार मामले हैं।

नेकां के 42 विजयी उम्मीदवारों में से पांच (12 प्रतिशत) ने अपने आपराधिक रिकॉर्ड की घोषणा की है जबकि भाजपा के 29 उम्मीदवारों में से दो (सात प्रतिशत) ने भी इसी तरह की घोषणा की है। पीडीपी के तीन में एक आप के एकमात्र 100 प्रतिशत उम्मीदवार के खिलाफ गंभीर आरोप हैं।

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