J&K Terror Attack: कश्मीर में 26/11 दोहराने का षड्यंत्र, पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर काम कर रहे आतंकी
JK Terror Attack जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने बड़ी साजिश रची है। 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले की तरह घाटी को दहलाने के मंसूबे के साथ आतंकी अपने आकाओं के इशारे पर काम कर रहे हैं। आतंकियों के नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए सेना एक्शन में है।
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 06 May 2023 07:52 AM (IST)
श्रीनगर,नवीन नवाज। कश्मीर में जी-20 सम्मेलन को विफल बनाने के लिए आतंकी संगठन मुंबई के 26/11 हमले जैसा षड्यंत्र रच रहे हैं। खुफिया एजेंसी के सहयोग से जम्मू कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के ओवरग्राउंड वर्कर को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने आतंकी संगठनों के मंसूबे सामने लाए हैं। उसने बताया कि जी-20 सम्मेलन के दौरान आतंकी दो से तीन जगहों पर एक साथ हमले की तैयारी में हैं।
आतंकियों का मकसद विदेशी मेहमानों को नुकसान पहुंचाने के अलावा होटल या सभागार में घुसकर लोगों को ठीक उसी तरह निशाना और बंधक बनाना है, जिस तरह 26 नवंबर, 2011 को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने मुंबई में किया था। पकड़ा गया ओवरग्राउंड वर्कर फारूक अहमद वानी बारामुला जिले के वागुब हैगाम का रहने वाला है। इसे 10 दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से एक ग्रेनेड व अन्य सामान मिला है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की अधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन बताया जा रहा है कि वह इंटरनेट मीडिया के जरिए पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के लगातार संपर्क में था। वह श्रीनगर से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर बने पंचतारा होटल में वाहन चालक है।
जी-20 सम्मेलन में आए मेहमानों पर आतंकियों की नजर
जी-20 सम्मेलन में आने वाले देश-विदेश के मेहमानों का इस पर्यटनस्थल पर भी सैर का कार्यक्रम प्रस्तावित है। कुछ मेहमानों को उसी होटल में ठहराने की तैयारी थी, जहां फारूक काम करता था। यह जगह उत्तर कश्मीर में एलओसी से कुछ ही दूरी पर है। अगस्त, 2015 में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर आत्मघाती हमला करने वाला आतंकी नवीद व उसके साथी दुजाना ने इसी रास्ते से कश्मीर में घुसपैठ की थी।केंद्रीय खुफिया एजेंसी, जम्मू कश्मीर पुलिस के सीआईडी विंग व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी हालात की समीक्षा कर जी-20 सम्मेलन को शांत और सुरक्षित माहौल में कराने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। फारूक से मिले सुरागों के आधार पर ही मार्कोस और एनएसजी के कमांडो श्रीनगर व गुलमर्ग में तैनात किए जाने का फैसला लिया गया है। कुछ खास होटल जहां विदेशी मेहमान ठहराए जाएंगे, में सेना के पैरा कमांडो तैनात किए जाएंगे।
आतंकियों को होटल में पहुंचाने वाला था फारूक
सूत्रों के मुताबिक सम्मेलन के दौरान फारूक आत्मघाती आतंकियों के एक दस्ते को श्रीनगर से बाहर एक पर्यटनस्थल पर (जहां विदेशी मेहमानों के जाने का कार्यक्रम है) सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध कराने वाला था। जिस होटल में वह वाहन चालक है, वहां भी कुछ आतंकियों को वह पहुंचाने वाला था। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां श्रीनगर, गुलमर्ग व कुछ अन्य जगहों पर सभी प्रमुख होटलों के कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांच रही है। इसके साथ ही विदेशी मेहमानों को श्रीनगर और श्रीनगर से बाहर घुमाने के कार्यक्रम बदल दिया गया। निपटने के लिए रणनीति पर काम सम्म्ेलन के दौरान कश्मीर में आइईडी युक्त वाहन और स्टिकी बम के खतरे से निपटने व ड्रोन हमले की आशंका को समाप्त करने की रणनीति पर विशेष तौर पर काम किया जा रहा है।होटलों व रास्तों की तस्वीरें सीमा पार भेजी
सूत्रों ने बताया कि फारूक के मोबाइल फोन की जांच में पता चला है कि उसने न सिर्फ होटल का पूरा ब्योरा बल्कि होटल के आसपास के कुछ खास इलाकों, रास्तों और होटल से कुछ ही दूरी पर स्थित सैन्य प्रतिष्ठान की तस्वीरें सीमा पार भेजी हैं। उसने श्रीनगर के कुछ होटलों और रास्तों का भी ब्यौरा हैंडलरों को दिया है। वह आइएसआइ के कुछ अधिकारियों और जैश के कमांडरों से सीधे संपर्क में था। बताया जाता है कि उसका पिता आइएसआइ के खास मुखबिरों में गिना जाता रहा है।
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