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जम्मू-कश्मीर: 720 का खात्मा, 130 अभी बाकी... आतंकवादियों से निपटने के लिए कैसी है सेना की तैयारी?

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के लिए भारतीय सेना की रणनीति तैयार है। सेना ने पिछले पांच वर्षों में 720 आतंकवादियों को मार गिराया है लेकिन अभी भी 120 से 130 आतंकवादी सक्रिय हैं। सेना नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ विरोधी ग्रिड और अंदरूनी इलाकों में केंद्रित आतंकवाद विरोधी अभियानों के माध्यम से शांति और विकास का माहौल बनाने का प्रयास कर रही है।

By Agency Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 25 Oct 2024 07:56 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में सेना के वाहन पर हमला हुआ (जागरण फाइल फोटो)
पीटीआई, उधमपुर। श्रीनगर में एक बैठक में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों पर सेना के अधिकारियों ने चर्चा की और इनसे निपटने के लिए रणनीति तैयार की।

शुक्रवार को उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एम.वी सुचिंद्र कुमार ने कहा कि हिंसा के चक्र को तोड़ने और आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हालांकि उन्होंने आगे का विवरण देने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि रणनीति का मूल नागरिकों और सैनिकों के बीच संबंधों को मजबूत करना है।

'जम्मू-कश्मीर में स्थिति नियंत्रण में है'

सेना कमांडर ने प्रेसकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि स्थिति नियंत्रण में है। हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में तेजी आई है।

गुरुवार को गुलमर्ग में सेना के वाहन पर हुए हमले में सेना के दो जवान और इतने ही नागरिक पोर्टर मारे गए। यह घटना मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में जेड-मोड़ सुरंग निर्माण स्थल पर आतंकवादियों द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी में छह गैर-स्थानीय मजदूरों और एक स्थानीय डॉक्टर की मौत के पांच दिन बाद हुई है।

इससे पहले 18 अक्टूबर को शोपियां जिले में आतंकवादियों ने बिहार के एक मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बीते गुरुवार को आतंकवादियों ने पुलवामा जिले के त्राल इलाके में उत्तर प्रदेश के एक मजदूर शुभम कुमार को गोली मारकर घायल कर दिया था।

'720 आतंकियों को मार गिराया है'

लेफ्टिनेंट जनरल कुमार ने कहा कि सुरक्षाबल पिछले पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर में 720 आतंकवादियों को मार गिराने करने में सक्षम हुए हैं। जहां तक ​​बचे हुए आतंकवादियों का सवाल है। एजेंसियां के अनुसार 120 से 130 की संख्या अभी भी है।

जनरल कुमार ने कहा कि  नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ विरोधी ग्रिड और अंदरूनी इलाकों में केंद्रित आतंकवाद विरोधी अभियानों ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में शांति और विकास का माहौल बनाने में कामयाबी हासिल की है।

उन्होंने कहा कि हमारी सफलताओं के कारण विरोधी हताश हैं। उनका उद्देश्य आतंकवादियों को सीमा पार कराना है, लेकिन हमने घुसपैठ के प्रयासों को विफल कर दिया है। उनका लक्ष्य आबादी में डर पैदा करना है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।

600 से अधिक वीडीजी की होगी तैनाती

उन्होंने कहा कि ग्राम रक्षा समूहों (वीडीजी) ने दशकों से दूरदराज के क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की है। वीडीजी सेटअप को मजबूत किया जा रहा है, 600 से अधिक वीडीजी की तैनाती की जा रही है और उन्हें 10,000 आधुनिक हथियार प्रदान किए जा रहे हैं। उन्हें प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।

कश्मीर में आतंकवादी हमलों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि गुरुवार को श्रीनगर में एकीकृत मुख्यालय की बैठक में इस पर चर्चा की गई और इन खतरों से निपटने के लिए रणनीति तैयार की गई।

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