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जम्मू-कश्मीर से कुख्यात आतंकी गिरफ्तार: उमर अब्दुल्ला के खिलाफ लड़ा चुनाव, 1583 वोट भी मिले; 30 साल से थी तलाश

करीब 30 साल से फरार चल रहे आतंकी नजीर अहमद वानी को आखिरकार श्रीनगर से गिरफ्तार कर लिया गया है। 1993 में पुलिस पर हैंड ग्रेनेड से हमला करने के बाद से ही वह फरार था। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव में उसने बड़गाम विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव भी लड़ा था।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 19 Nov 2024 03:04 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर से आतंकी नजीर अहमद वानी गिरफ्तार (जागरण फाइल फोटो)
जागरण टीम, श्रीनगर। करीब 30 वर्ष से फरार आतंकी नजीर अहमद वानी को एटीएस और देवबंद पुलिस ने रविवार को श्रीनगर से गिरफ्तार कर लिया। 1993 में पुलिस पर हैंड ग्रेनेड से हमला करने वाला वानी 1994 में जमानत मिलने के बाद से फरार था।

सहारनपुर पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। सोमवार को उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।

आतंकी नजीर ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव में बड़गाम विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के खिलाफ बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ा था। उसे 1583 वोट मिले थे।

देवबंद चौराहे पर हैंड ग्रेनेड फेंका था

नजीर बडगाम में चुनाव प्रचार में लगा था और उत्तर प्रदेश पुलिस उसकी पूरे देश में तलाश कर रही थी। नजीर अहमद ने 1993 में देवबंद में यूनियन चौराहे पर पुलिसकर्मियों पर हैंड ग्रेनेड फेंका था। विस्फोट में दो पुलिसकर्मी और चार लोग घायल हो गए थे। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद से वह फरार था।

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कोर्ट ने इसी वर्ष उसके खिलाफ स्थायी वारंट जारी किया था। वह सुरक्षाबलों से बचने के लिए नाम बदलकर अलग-अलग स्थान पर रह रहा था। उसे जम्मू-कश्मीर में बडगाम जिले के हाकरमुला से गिरफ्तार किया गया।

बडगाम जिले का रहने वाला है नजीर

बता दें कि आतंकी नजीर बडगाम जिले के हांजिक शरीफाबाद का निवासी है। वर्ष 1993 में आतंकी वारदात से पहले वह फर्जी कागजात के आधार पर पहचान छिपाकर देवबंद में रह रहा था। वह हिजबुल मुजाहिद्दीन का सक्रिय सदस्य था।

बड़गाम के जिला एसएसपी निखिल बोरकार ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में कहा कि नजीर अहमद के खिलाफ उत्तर प्रदेश में एक पुराना मामला है। कश्मीर के किसी अन्य हिस्से में उसके खिलाफ कोई आतंकी मामला दर्ज नहीं है। हां, उसके खिलाफ एक आपराधिक मामला है।

16 दिन में जम्मू-कश्मीर में हुए हमले व मुठभेड़

  • 18 अक्टूबर: शोपियां में आतंकियों ने एक मजदूर की हत्या
  • 20 अक्टूबर: गांदरबल में निर्माण कंपनी के शिविर पर आतंकी हमले में डॉक्टर समेत सात लोगों की मौत व पांच घायल।
  • 24 अक्टूबर: पुलवामा में आतंकी हमले में मजदूर घायल
  • 24 अक्टूबर: गुलमर्ग के पास आतंकी हमले में तीन जवान बलिदान, दो पोर्टर की भी मौत।
  • 28 अक्टूबर: जम्मू के अखनूर में आतंकियों ने की गोलीबारी। मुठभेड़ में तीन आतंकी ढेर, भारी मात्रा में हथियार बरामद।
  • एक नवंबर : बड़गाम में आतंकियों ने उत्तर प्रदेश के दो श्रमिकों को गोली मार घायल किया। बांडीपोरा में सैन्य शिविर पर हमला।
  • 2 नवंबर: अब श्रीनगर शहर में मुठभेड़ और अनंतनाग में मुठभेड़ हुई
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