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Jammu Kashmir News: बारामूला में अजान दे रहे रिटायर्ड SSP की गोली मारकर हत्या, जनाजे में उमड़ी लोगों की भीड़

Baramulla terror attack News जम्मू कश्मीर के बारामूला में आतंकवादियों ने एक बार फिर गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया। आतंकवादियों ने गेंटमुल्ला शीरी बारामूला में एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद शफ़ी पर मस्जिद में अज़ान पढ़ते समय गोलीबारी की। उस घटना में उनकी मौत हो गई। आतंकी हमले में मारे गए पूर्व एसएसपी के जनाजे में लोग उमड़ पड़े। आतंकियों की तलाश अभी जारी है।

By Agency Edited By: Monu Kumar JhaUpdated: Sun, 24 Dec 2023 07:02 PM (IST)
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Baramulla terror attack: आतंकवादियों ने अजान पढ़ रहे पूर्व SSP की गोली मारकर की हत्या।
एएनआई, बारामूला। Jammu Kashmir Terror Attack उत्तरी कश्मीर में गंटमुला(बारामुला) में रविवार की सुबह मस्जिद में अजान दे रहे एक एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी की आतंकियों ने गोली मार हत्या कर दी। वारदात के बाद आतंकी फरार हो गए। इस घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव और डर का वातावरण पैदा हो गया है। पुलिस ने गंटमुला और उसके साथ सटे इलाकों में सेना के साथ मिलकर तलाशी अभियान चलाया है।

दिवंगत की पहचान मोहम्मद शफी मीर के रूप में हुई है। वह जम्मू कश्मीर पुलिस में एसएसपी रैंक से सेवानिवृत्त हुए थे। बारामुला-उड़ी मार्ग पर स्थित गंटमुला में एक बड़ा सैन्यप्रतिष्ठान है। गंटमुला में आने जाने के विभिन्न रास्तों पर पुलिस और सेना की अलग अलग पढ़ताल चौकियां हैं। इसके अलावा जिस मस्जिद में आतकियों ने वारदात को अंजाम दिया है, वह भी एक सुरक्षा प्रतिष्ठान के निकट है।

जनाजे में उमड़ी लोगों की भीड़

सेवानिवृत्त जम्मू-कश्मीर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मोहम्मद शफी का पार्थिव शरीर जब उनके घर पर पहुंचा तो पूरे क्षेत्र में मातम छा गया। शोक जताने के लिए बड़ी संख्या में लोग उनके घर पर पहुंचे थे। वहीं दोपहर बाद जब उन्हें सुपर्द-ए-खाक करने को ले जाया जा रहा था तो हजारों की भीड़ जमा थी। लोग हमला करने वाले आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे।

ग्रामीणों और पूर्व पुलिस अधिकारी सफी के परिजनों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके जनाजे में शामिल हुए लोगों में गम और गुस्सा देखने को मिल रहा था। दिवगंत के भाई मोहम्मद मुस्तफा मीर का कहना था कि जिस समय यह हमला हुआ, तब पता ही नहीं चला कि क्या हुआ। एक बार तो लगा कि माइक खराब हो गई है, लेकिन जैसे ही शफी को खून से लथपथ देखा तो होश ही नहीं रही। उन्होंने कहा कि यह कायराना हमला था।

वहीं अब्दुल करीम मीर ने कहा कि उन्हें उनके भांजे मोहम्मद इकबाल ने बताया कि अंकल को आतंकियों ने गोली मार दी और उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि ऐसा हो गया। उन्होंने सरकार से हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। जनाजे में शामिल लोगों का कहना था कि उनके क्षेत्र में शांति थी और हर कोई आराम से रह रहा था। मालूम नहीं कि उन पर क्यों हमला हुआ? मोहम्मद शफी वर्ष 2012 में ही सेवानिवृत्त हुए थे।

अजान देते हुए किसी नमाजी हत्या की पहली घटना

कश्मीर घाटी में आतंकियों द्वारा पहले भी कई लोगों की मस्जिद के बाहर या फिर मस्जिद परिसर में हत्या की घटनाओं को अंजाम दिया गया है,लेकिन अजान देते हुए किसी नमाजी की हत्या की यह पहली वारदात है। श्रीनगर के बटमालू में 10 अगस्त 2012 को आतंकियों ने सेवानिवृत्त पुलिस डीएसपी अब्दुल हमीद बट को उस समय गोली मारी थी।

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छह साल पहले तत्कालीन डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित पीट-पीटकर हत्या

जब वह नमाज अदा करने के बाद मस्जिद की सीढ़ियों पर जूते पहन रहे थे। छह वर्ष पूर्व आतंकियों ने 23 जून 2017 को आतंकियों और अलगाववादियों के हिंसक समर्थकों की भीड़ सेवारत तत्कालीन डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित की श्रीनगर की एतिहासिक जामिया मस्जिद में पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।

श्रीनगर के ही बरजुल्ला इलाके में दो फरवरी 2004 को आतंकियों ने सेवानिवृत्त डीआइजी मोहम्मदअमीन बट को मस्जिद से बाहर निकलते ही गोली मार मौत के घाट उतारा था। गंटमुला से मिली जानकारी के अनुसार, मोहम्मद शफी मीर ने पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद खुद को सामाजिक गतिविधियों में व्यस्त कर लिया था।

गोली लगने के बाद  खून से लथपथ होकर जमीन पर गिरे

वह आज सुबह अपने घर के निकट स्थित एक मस्जिद में अपने नियमानुसार नमाज अदा करने के लिए गए थे। उस समय मस्जिद में इक्का-दुक्का ग्रामीण ही थे।

बताया जा रहा है कि जब वह अजान दे रहे थे तो उसी समय किसी आतंकी ने पीछे से आकर उन पर प्वायंट ब्लैंक रेंज से गोलियां दागी। वह खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर पड़े और आतंकी उन्हें मरा समझ वहां से फरार हो गए।

इस बीच, मस्जिद में मौजूद अन्य लोगों ने मदद के लिए शोर मचाया। गोली की आवाज से निकटवर्ती इलाके में मौजूद सुरक्षाकर्मी और अन्य लोग भी मस्जिद में पहुंच गए। उन्होंने घाायल मोहम्मद शफी मीर को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत लाया घोषित कर दिया।

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