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'केंद्र से नहीं कोई टकराव', अनुच्छेद 370 पर नरम पड़े उमर अब्दुल्ला, बोले- राज्य का दर्जा पुनर्बहाल प्राथमिकता

जम्मू-कश्मीर में सत्तासीन होने जा रही नेशनल कान्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सरकार अनुच्छेद 370 की बहाली के बजाय जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल कराने को प्राथमिकता देगी। गठबंधन सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। अनुच्छेद 370 हमारा राजनीतिक एजेंडा है हम इस मुद्दे को हर मंच पर उठाते रहेंगेऔर इसे हमेशा जिंदा रखेंगे।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Wed, 09 Oct 2024 10:23 PM (IST)
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'केंद्र से नहीं कोई टकराव', अनुच्छेद 370 पर नरम पड़े उमर अब्दुल्ला।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में सत्तासीन होने जा रही नेशनल कान्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन सरकार अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली के बजाय जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल कराने को प्राथमिकता देगी। गठबंधन सरकार की पहली केबिनेट बैठक में भी राज्य का दर्जा बहाल करने का ही प्रस्ताव पारित किया जाएगा और पहले सत्र में भी यही प्रस्ताव होगा।

गठबंधन सरकार स्थानीय मुद्दों के समाधान के लिए केंद्र से टकराव नहीं बल्कि सौहार्द और समन्वय की नीति पर काम करेगी। यह किसी और ने नहीं, बल्कि नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा है।

'एक दिन केंद्र में सत्ता बदलेगी'

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बेशक अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली हमारा मूल राजनीतिक एजेंडा है। मैं इस मुद्दे को लेकर किसी को मूर्ख नहीं बनाना चाहता। उन्होंने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा कि जिन लोगों ने इसे हमसे छीना है,उनसे इसे लौटाने की उम्मीद करना सही नहीं है।

एक दिन केंद्र में सत्ता बदलेगी, ऐसी सरकार आएगी जिससे हम इस विषय पर बात कर सकेंगे, उसे अपने पक्ष से सहमत कर सकेंगे और जम्मू कश्मीर से जो कुछ छीना गया है, उसका कुछ न कुछ वापस ला सकेंगे। लेकिन अनुच्छेद 370 हमारा राजनीतिक एजेंडा है, हम इस मुद्दे को हर मंच पर उठाते रहेंगेऔर इसे हमेशा जिंदा रखेंगे।

म्मू कश्मीर को मिलेगा राज्य का दर्जा

जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाए जाने पर उन्होंने कहा कि सरकारक े गठन के बाद, पहली केबिनेट बैठक में इस आशय का एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा। सरकार इस प्रस्ताव को लेकर प्रधानमंत्री से मिलेगी, केंद्र में अन्य नेताओं से बातचीत की जाएगी।

प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री ने एक बार नहीं कई बार दावा किया है कि जम्मू कश्मीर को चुनाव के बाद राज्य का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि भाजपा की सरकार होगी या जिस सरकार में भाजपा भागीदार होगी, उसी सरकार के कार्यकाल में राज्य का दर्जा दिया जाएगा।

सौहार्द की नीति पर करेंगे काम

वह कहते रहे हैं कि पहले परिसीमन होगा,फिर चुनाव और उसके बाद राज्य का दर्जा। परिसीमन और चुनाव हो चुके हैं, इसलिए अब राज्य का दर्जा दिया जाए। जम्मू कश्मीर में सत्तासीन होने जा रही गठबंधन सरकार व केद्र सरकार के बीच समन्वय को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली के साथ टकराव पैदा कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता।

खैर, पहले आप सरकार बनने दीजिए और इस सवाल को मुख्यमंत्री बनने वाले से पूछिए। नई दिल्ली के साथ प्रदेश सरकार का संबंध सौहार्दपूण होना चाहिए। मेरी मुख्यमंत्री को राय होगी कि वह केंद्र के साथ टकराव का रवैया अपनाकर किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं कर पाएगा।

विकास के लिए मिला जनादेश

अगर मैं ऐसा कह रहा हूं तो इसका यह कतई मतलब नहीं कि मैं भाजपा की नीतियों को मान लूंगा या भाजपा मेरी नीतियों से सहमत हो जाएगी। हम भाजपा का विरोध करते रहे हैं औ,लेकिन केंद्र सरकार का विरोध करना हमारी कोई मजबूरी नहीं है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लाेगों ने हमें रोजगार, बिजलीख् पानी , राज्य का दर्जा, उनके हितों के संरक्षण के लिए हमें वोट दिया है। हमें जनादेश केंद्र सरकार के साथ टकराव के लिए नहीं मिला है।

पीडीपी पर क्या बोले उमर अब्दुल्ला

पीडीपी के गठबंधन सरकार में शामिल होने संंबंधी सवाल के जवाब में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अभी इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। पीडीपी ने इस विषय में हमारे साथ कोई संपर्क भी नहीं किया है। हमने भी उनसे संपर्क नही कया है।

जिस तरह से चुनाव परिणाम आया है, उससे पीडीपी जरुर आहत है और इस इस समय पीडीपी में जरुर आत्ममंथन चल रहा होगा। अगर कभी उससे बातचीत होती होती तो उस समय उस पर चर्चा होगी, लेकिन अभी हमारे लिए यह प्राथमिकता नहीं है।

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