गांदरबल आतंकी हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली, मजदूरों के कैंप को निशाना बनाने का कारण भी बताया
टीआरएफ ने गांदरबल हमले (Ganderbal Terror Attack) की जिम्मेदारी ली है। यह हमला सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण जेड मोड़ सुरंग को निशाना बनाकर किया गया है। टीआरएफ ने हमले के बाद दिए अपने बयान में कहा है कि यह हमला उसके फाल्कन स्क्वाड ने अंजाम दिया है। इस हमले में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता।
नवीन नवाज, श्रीनगर। गांदरबल आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। टीआरएफ बीते पांच वर्ष से कश्मीर में आतंक का पर्याय बना हुआ है। वादी में टारगेट किलिंग और अन्य राज्यों के नागरिकों पर हमले की अधिकांश वारदातों को इसी संगठन ने अंजाम दिया है।
यह हमला टीआरएफ के पहले किए हमलों से अलग है। यह उसने सिर्फ बाहरी लोगों को निशाना बनाने के लिए या फिर कश्मीर में बुनियादी ढांचागत योजना को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया है। उसने यह हमला सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण परियोजना को निशाना बनाने के लिए किया है। टीआरएफ उसने इसकी पुष्टि की है।
हमले में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की भूमिका
जैश-ए-मोहम्मद का हिट स्क्वाड कहे जाने वाले पीपल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने इस हमले के संदर्भ में जो बयान जारी किया है, वह भी इस तथ्य की तरफ संकेत कर रहा है। इस हमले में पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका को नहीं नकारा जा सकता।यह भी पढ़ें- Ganderbal Terrorist Attack: नकाब पहनकर हमला करने आए थे आतंकी, LG मनोज सिन्हा ने डीआईजी को सौंपा जांच का जिम्मा
जेड मोड़ और जोजिला सुरंग परियोजना के पूरा होने से न सिर्फ कश्मीर व लद्दाख के समग्र विकास को गति मिलेगी बल्कि करगिल, द्रास, बटालिक, सियाचिन और पूर्वी लद्दाख तक भारतीय सैन्य बलों और उनके साजो सामान की सारा साल आवाजाही व आपूर्ति सुगम हो जाएगी।
पाकिस्तान से देखा नहीं जा रहा कश्मीर का विकास
जोजिला सुरंग परियोजना के तहत सुरंग बनाई जा रही हैं। उनमें एक साढ़े छह किलोमीटर लंबी जेड मोड़ सुरंग है। यह श्रीनगर से लगभग 68 किलोमीटर की दूरी पर गुंड से आगे और सोनमर्ग से पहले गगनगीर में है। इस सुरंग के निर्माण से सोनमर्ग का मार्ग जो गुंड से आगे सर्दियों में बंद रहता था। एक सदाबहार मार्ग हो जाएगा और लगभग एक घंटे का सफर 15 मिनट का रह जाएगा।
एपीसीओ नामक कंपनी द्वारा बनाई जा रही सुरंग को सितंबर में खोलने की योजना थी, लेकिन काम पूरा न होने के कारण इसे यातायात के लिए बहाल नहीं किया गया है। इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए बयान में टीआरएफ ने कहा है कि यह हमला उसके फाल्कन स्क्वाड ने अंजाम दिया है। यह हमला करोड़ों की उस परियोजना पर किया है जो मुख्यत: सैन्य दृष्टि से बनाई जा रही है।यह परियोजना हमारी जमीन पर बनाई जा रही है। अपने बयान में टीआरएफ ने बाहरी और स्थानीय मुद्दे और जम्मू-कश्मीर पर भारत के अधिकार को अवैध ठहराते हुए भविष्य में ऐसे और हमलों की धमकी दी है। सोमवार की रात को पीएएफएफ ने भी एक बयान जारी किया और कहा कि यह हमला उस परियोजना पर है जो कश्मीर व लद्दाख में भारतीय सेना के लिए जरूरी है और हमारे व हमारे मित्र चीन के सैन्य हितों के खिलाफ है।
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