आतंकियों के साथ चल रही मुठभेड़ में फंस गए ट्रैकिंग के लिए निकले दो शिक्षक, सूझबूझ से लिया काम, पुलिस ने बचाई जान
श्रीनगर के जबरवान पहाड़ियों में ट्रैकिंग के लिए गए दो शिक्षक आतंकियों के साथ मुठभेड़ में फंस गए। दोनों तरफ से हो रही गोलीबारी के बीच उन्होंने सूझबूझ से काम लिया और पुलिस को सूचित किया। सुरक्षाबलों ने उन्हें सुरक्षित निकाल लिया। इस घटना ने पर्यटकों के लिए सुरक्षा की चुनौतियों को उजागर किया है। पुलिस की मदद से शिक्षक की जान बच गई।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में जब्रवान की पहाड़ियों में गए मिशनरी स्कूल के दो शिक्षक आतंकियों के साथ चल रही मुठभेड़ में फंस गए। इस दौरान उन्होंने 100 नंबर डायल कर पुलिस को इसकी जानकारी दी। सुरक्षाबल की टीम ने भी आतंकियों की गोली की परवाह किए बिना इन दोनों को सुरक्षित निकाल लिया। दोनों के क्रॉस फायरिंग में या फिर आतंकियों द्वारा उन्हें मुखबिर मान कर मार देने की संभावना थी।
जब्रवान की पहाड़ियां श्रीनगर के उत्तर में हैं, जो दक्षिण कश्मीर के त्राल तक फैली हुई हैं। इस क्षेत्र को आतंकी बांडीपोरा-गांदरबल से दक्षिण कश्मीर आने जाने के लिए के लिए इस्तेमाल करते हैं। स्थानीय लोग यहां ट्रैकिंग के लिए भी आते-जाते हैं। रविवार को तड़के श्रीनगर के एक मिशनरी स्कूल के दो शिक्षक ट्रैकिंग करने जब्रवान की पहाड़ियों में गए थे। इसी दौरान इस क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना सुरक्षाबलों को लगी और घेराबंदी का अभियान शुरू हुआ।
एसएसपी श्रीनगर को फोन कर मदद मांगी
आतंकियों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की। इस मुठभेड़ में दोनों शिक्षक फंस गए। उनके एक तरफ आतंकी थे तो दूसरी तरफ सुरक्षाकर्मी। अगर वह सुरक्षाबलों की तरफ जाते तो उन्हें आतंकी समझा जाता और आतंकियों की नजर में आते तो वह उन्हें मार देते।दोनों जंगल में ही चट्टानों के बीच छिप गए। उनमें से एक ने मोबाइल से 100 नंबर पर पुलिस को इसकी सूचना दी और दूसरे शिक्षक ने एसएसपी श्रीनगर को फोन कर मदद मांगी।
मौका मिलते ही भाग निकले आतंकी
पुलिस ने सुरक्षाबलों को इसकी सूचना दी और उनकी ओर से जारी फायरिंग को रुकवाया। इसके साथ ही जवानों का एक दस्ता आतंकियों की गोलीबारी के बीच ही उन चट्टानों के बीच पहुंचा और दोनों ट्रेकर को सुरक्षित निकाल कर नीचे लाया, लेकिन इस बीच मौका मिलते ही आतंकी भाग निकले। सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान जारी रखा है।पर्यटकों को दी सलाह
श्रीनगर के एसएसपी इम्तियाज हुसैन ने कहा कि दोनों शिक्षकों ने सूझबूझ से काम किया और उनकी किस्मत अच्छी थी कि गोली नहीं लगी। एसएसपी ने यह भी सलाह दी कि जब कोई ट्रैकिंग के लिए निकले तो वह संबंधित पुलिस चौकी और निकटवर्ती सुरक्षा शिविर में अपने बारे में जरूर जानकारी दें। आतंकरोधी अभियान लगातार चलाए जा रहे हैं और किसी भी समय मुठभेड़ हो सकती है।
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