'IMF से भी अधिक पैसा हम दे देते, अगर...', राजनाथ सिंह बोले- पाकिस्तान को भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ती
तीसरे चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन राजनाथ सिंह ने बांदीपोरा में चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान पर जमकर हमला किया। उन्होंने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के कथन का जिक्र करते हुए कहा कि हम दोस्त तो बदल सकते लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते। राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर पाकिस्तान का मैत्रीपूर्ण व्यवहार होता तो हम आईएमएफ से भी अधिक पैसा देते।
पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के अंतिम दिन प्रचार के दौरान केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यदि पड़ोसी देश नई दिल्ली के साथ मित्रतापूर्ण संबंध बनाए रखता तो पाकिस्तान को भारत अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से इस्लामाबाद द्वारा मांगे गए पैकेज से भी बड़ा देता।
बांदीपोरा जिले के गुरेज विधानसभा क्षेत्र में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री विकास पैकेज का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने 2014-15 में जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा की थी, जो अब 90,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह राशि पाकिस्तान आईएमएफ से जो मांग रहा था, उससे कहीं अधिक है।
'हम पड़ोसी नहीं बदल सकते'
राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रसिद्ध कथन का उल्लेख किया कि हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते। उन्होंनें कहा कि पाकिस्तान से रिश्ते तनावपूर्ण क्यों हैं। हम पड़ोसी हैं व अगर हमारे रिश्ते अच्छे होते तो हम आइएमएफ से ज्यादा पैसा देते।रक्षामंत्री ने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से उसे दी जा रही वित्तीय सहायता का दुरुपयोग कर रहा है। पाकिस्तान ने आतंकवाद को भारत के खिलाफ एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया है। आज वह एक्सपोज होने के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग पड़ गया है।
'आतंकियों के प्रशिक्षण शिविर बंद कर दो'
उसके भरोसेमंद साथ भी अब मदद करने से पीछे हट गए हैं। पाकिस्तान को समर्थन देने वाला तुर्की भी अब युनाइटेड नेशनल जनरल असेंबली में कश्मीर का जिक्र नहीं कर रहा है। सीमा पार से आतंक को शह दिए जाने पर उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमलों में पाकिस्तान की संलिप्तता की पुष्टि हुई है।हमारी सरकारों ने पाकिस्तान को लगातार यह समझाने की कोशिश की है कि वह आतंकियों के प्रशिक्षण शिविर बंद कर दे। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
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