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अनुच्छेद 370 का भूत नहीं छोड़ रहा पीछा, विधानसभा में जमकर हुआ हंगामा; NC पर भाजपा से मिले होने का लगा आरोप

अनुच्छेद 370 का मुद्दा जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक बार फिर गरमा गया है। सोमवार को विधानसभा में अनुच्छेद 370 की बहाली से संबंधित प्रस्ताव को लेकर खूब हंगामा हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगा है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता ने 5 अगस्त 2019 के फैसले को स्वीकार नहीं किया है।

By naveen sharma Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Mon, 04 Nov 2024 08:06 PM (IST)
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विधानसभा में अनुच्छेद 370 से संबधित प्रस्ताव को लेकर जमकर हंगामा हुआ। फोटो सोर्स- सोशल मीडिया
राज्य ब्यूरो,जागरण, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान और निशान अब इतिहास का हिस्सा हो चुका है। अनुच्छेद 370 निरस्त हो चुका है और सर्वोच्च न्यायालय भी इस पर मुहर लगा चुका है। इसके बावजूद जम्मू-कश्मीर की राजनीति में इसका भूत लगातार अपनी उपस्थिति का जता रहा है।

सोमवार को जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में अनुच्छेद 370 से संबधित प्रस्ताव को लेकर खूब हंगामा हुआ। हालांकि, इसे स्वीकार या अस्वीकार करने पर स्पीकर ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है, लेकिन सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस इसे लेकर अपने विरोधियों के निशाने पर आ गई है।

नेकां पर भाजपा से मिले होने का लगा आरोप

उपराज्यपाल के अभिभाषण में भी इसका जिक्र न होने पर, नेशनल कॉन्फ्रेंस पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगने लगा है, जबकि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके अन्य सहयोगी इस पर अपनी सफाई दे रहे हैं, जो कोई सुनने को राजी नहीं है। इस पूरे क्रम में उनकी सहयोगी कांग्रेस और विरोधी भाजपा मंद-मंद मुस्करा रही है।

पीडीपी के विधायक वहीद उर रहमान ने आज अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली संबंधी एक प्रस्ताव सदन में लाया है, जिसका तकनीकी आधार पर अस्वीकार होना तय है। इसके बावजूद इस पर भाजपा ने तीव्र विरोध किया। नेशनल कॉन्फ्रेंस चाहकर भी पीडीपी के प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकती थी, जबकि कांग्रेस, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अवामी इत्तिहाद पार्टी इसके समर्थन में थी। सदन में हुए हंगामे ने स्पष्ट कर दिया है कि यह मामला यूं शांत नहीं होगा और बार-बार सत्ताधारी वर्ग के लिए सिरदर्द बनेगा।

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क्या बोले सीएम उमर अब्दुल्ला?

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सदन में इस मुद्दे पर हुए हंगामे को शांत करते हुए भाजपा का नाम लिए बगैर साफ कहा कि वास्तविकता तो यही है कि जम्मू-कश्मीर की जनता ने पांच अगस्त 2019 के फैसले को स्वीकार नहीं किया है। अगर स्वीकार किया होता तो चुनाव में नतीजा अलग होता। सदन में उन लोगों का बहुमत है, जो जिन्होंने पांच अगस्त 2019 के फैसले का विरोध किया है।

अब यह बात इस सदन में कैसे प्रतिबिंबित हो, इसे कैसे रिकॉर्ड पर लाया जाए, यह एक अकेला सदस्य तय नहीं करेगा। आगे जाकर जब अगले सत्र में निजी सदस्य प्रस्ताव लाए जाएंगे, तो उस समय वह बेशक इस तरह का प्रस्ताव लाएं। इस सत्र में सदन की तरफ से क्या बात होगी, क्या प्रस्ताव लाया जाएगा, वह सत्तापक्ष ही तय करेगा। आज जो प्रस्ताव लाया गया है, वह तो सिर्फ मीडिया के लिए ही है, उससे ज्यादा उसकी कोई अहमियत या मकसद नहीं है। अगर होता तो हमारे साथ चर्चा कर, हमसे पूछा जाता कि सदन में इसे कैसे लाया जाए।

विपक्ष ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को घेरा

वहीं, अवामी इत्तिहाद पार्टी के प्रवक्ता इनाम उन नबी ने कहा कि आज सदन में साफ हो गया है कि अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और भाजपा एक ही हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस अगर पांच अगस्त 2019 के फैसले के खिलाफ है, तो वह पीडीपी के प्रस्ताव का समर्थन करती। हमारा एक ही सदस्य है और उसने इस विषय में बात उठाने का प्रयास किया, लेकिन उसे चुप करा दिया गया।

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने कहा कि हम ऐसे किसी भी प्रस्ताव के समर्थक हैं, जो जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की पुनर्बहाली की बात करता है। हमारे लिए यह मुद्दा खत्म नहीं हुआ है। पीडीपी के विधायक ने जो प्रस्ताव लाया, सही लाया है और उन्होंने यह किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं बल्कि जनता की उम्मीदों को पूरा करने के लिए लाया है।

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नेशनल कॉन्फ्रेंस भी भाजपा के साथ मिलकर इसका विरोध कर रही थी। रही बात मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की जो उन्होंने वहीद उर रहमान पारा के प्रस्ताव को महज प्रचार के लिए बताया, तो मैं यही कहूंगा कि उनका यह दावा सही नहीं है। इस मुद्दे पर विरोध करने के बजाय हम सभी को एकजुट होना चाहिए। उपराज्यपाल के अभिभाषण में भी इसका कोई जिक्र नहीं था। अगर यह नेशनल कॉन्फ्रेंस की प्राथमिकता में है, तो फिर यह अभिभाषण से गायब क्यों है।

वहीद उर रहमान पारा का बयान आया सामने

पीडीपी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 पर प्रस्ताव लाने के लिए वहीद उर रहमान पारा को बधाई देने के साथ-साथ निर्दलीय विधायक शब्बीर कूले और खुर्शीद अहमद का समर्थन के लिए आभार जताया।

वहीद उर रहमान पारा ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में कहा कि आज पूरी दुनिया को पता चल गया है कि अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर कौन भाजपा के साथ है और कौन जम्मू-कश्मीर की जनता की पहचान की रक्षा के लिए लड़ रहा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस अब बेनकाब हो गई है। मुझे इस प्रस्ताव के अस्वीकार होने का डर नहीं है, हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे।

आज प्रस्ताव लाने का नहीं था कोई औचित्य: तनवीर सादिक

नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक और प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि आज सदन में जो हुआ , वह गलत है। आज प्रस्ताव लाने का कोई औचित्य नहीं है। पीडीपी ने तो भाजपा की मदद की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस इस विषय पर पूरी तैयारी के साथ एक प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। आज तो सिर्फ स्पीकर का चुनाव होना था और उपराज्यपाल का अभिभाषण है। सदन की कार्यवाही के नियम होते है।

पीडीपी ने भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए, मीडिया में सुर्खियां पाने के लिए, नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली पर प्रस्ताव लाने के प्रयास को विफल बनाने के लिए यह सब किया है। कश्मीर मामलों के जानकार बिलाल बशीर ने कहा कि यह तो होना ही था। अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर मौजूदा विधानसभा कुछ नहीं कर सकती और न यह प्रदेश सरकार के बस की बात है।

इसके बावजूद यह मामला यहां चलेगा। यह वह भूत है, जो आसानी से पीछा नही छोड़ने वाला। अगर वह छोड़ना भी चाहे, तो स्थानीय राजनीतिक दल ऐसा नहीं चाहेंगे क्योंकि वह इसके नाम पर लोगों की भावनाओं को उछाल, अपने लिए राजनीतिक जमीन तैयार करने का प्रयास जो कर रहे हैं।

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