Jammu Kashmir News: 37 साल पहले विधानसभा इलेक्शन में ऐसा क्या हुआ था? जो इस लोकसभा चुनाव में बन गया बड़ा मुद्दा
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने बुधवार को कहा तत्कालीन सीएम फारूक अब्दुल्ला को लेकर बड़ा आरोप लगाया। लोन ने 1987 में जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव में कथित धांधलियों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया और उनके साथियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई हो। बता दें लोन उत्तरी कश्मीर में बारामुला-कुपवाड़ा संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। 1987 में जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव में कथित धांधलियों का मुद्दा 18वीं लोकसभा के गठन के लिए कश्मीर में जोर पकड़ रही चुनावी गतिविधियों में भी उभरने लगा है। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (People's Conference) के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन (Sajjad Gani Lone) ने बुधवार को कहा कि कश्मीरियों में विश्वास बहाली के लिए जरुरी है कि 1987 के विधानसभा चुनाव में धांधली के आरोप में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) व उनके साथियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।
जम्मू-कश्मीर में हुए 1987 विधानसभा चुनाव का उठा मुद्दा
जम्मू-कश्मीर में 1987 में हुए विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को लेकर कहा जाता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला ने मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट के बैनर तले कश्मीर में जमा हुए अपने विरोधियों को हराने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग किया था। मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट (Muslim United Front) के कई उम्मीदवारों केा जीत रहे थे, पराजित घोषित किया गया।
चुनाव में कथित धांधलियों के कारण कई नेता बन गए आतंकी
उनके पोलिंग एजेंटों के साथ मारपीट की गई। सज्जाद गनी लोन के पिता दिवंगत अब्दुल गनी लोन (Abdul Ghani Loan) ने भी इसी फ्रंट के बैनर तले चुनाव लड़ा था। चुनाव में कथित धांधलियों से हताश मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट के कई युवा कार्यकर्ता व नेता हताश हो आतंकी बन गए। इसके बाद ही कश्मीर में आतंकी हिंसा का दौर शुरु हुआ। आतंकी कमांडर सैयद सल्लाहुदीन ने भी 1987 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था।आज यहां पार्टी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में सज्जाद गनी लोन ने कहा कि कश्मीर में बीते तीन दशक से भी ज्यादा समय से जारी मारकाट, खून खराबे और आतंकी हिंसा के लिए 1987 के विधानसभा चुनाव की धांधलियां जिममेदार हैं।यह भी पढ़ें: Udhampur Seat: भाजपा उम्मीदवार हवा में तो कांग्रेस उम्मीदवार पैदल कर रहे चुनाव प्रचार, इस सीट पर कड़ा मुकाबला
फारूक अब्दुल्ला-कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ हो FIR-सज्जाद लोन
मेरा मानना है कि अगर आज कश्मीरियों मे विश्वास बहाल के लिए, अगर कश्मीर में हालात को पूरी तरह से सामान्य बनाना है तो फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस के नेताओं व उन नौकरशाहों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए जिन्होंने 1987 के चुनाव में धांधली कराई है। इन चुनावों के बाद यहां शुरु हुए हिंसा के दुष्चक्र में एक लाख लोग मारे गएहैं,क्या वह इंसान नहीं थे? क्या उनकी जिंदगी कोई मायने नहीं रखती?
उत्तरी कश्मीर में बारामुला-कुपवाड़ा संसदीय सीट (Baramulla-Kupwara lok sabha seat) से चुनाव लड़ रहे सज्जाद गनी लोन ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के मुद्दे पर जब लोकसभा में बात हो रही थी तो उस समय वहां मौजूद नेकां (National Conference) सांसद हंस रहे थे। यह लोग जम्मू कश्मीर की जनता की तकलीफ और पीड़ा को संसद में उठाने में विफल रहे हैं। नेकां के सांसद लोकसभा में जब भी रहे, उन्होंने कभी कश्मीरियों की आकांक्षाओं और उम्मीदों की बात नहीं की।
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