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'लोगों के मान-सम्मान और उनके अधिकारों की बहाली के लिए लड़ेंगे', सरकार की प्राथमिकता गिनाते हुए बोले CM उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को श्रीनगर में एक सम्मेलन में सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और अपनी सरकार की प्राथमिकताओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को जमीन नौकरी और संसाधनों पर पहला अधिकार होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में एक भयमुक्त वातावरण और एक विकसित व सशक्त समाज के लिए जनसहयोग का आह्वान किया।

By naveen sharma Edited By: Sushil Kumar Updated: Thu, 31 Oct 2024 08:13 AM (IST)
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जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला बोले- लोगों के अधिकारों की बहाली के लिए लड़ेंगे।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को अपनी सरकार की प्राथमिकताओं को गिनाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को जमीन, नौकरी और संसाधनों पर पहला अधिकार होना चाहिए। हम जम्मू कश्मीर के लाेगो के मान सम्मान के लिए,उनके अधिकारों की बहाली के लिए लड़ेंगे।

उन्होंने जम्मू कश्मीर में एक भयमुक्त वातावरण और एक विकसित व सशक्त समाज के लिए जनसहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में ड्रग्स का बढ़ता इस्तेमाल और कारोबार एक बड़ी गंभीर चुनौती है,हम सभी को मिलकर इसका मुकाबला करना है। हमे अपने समाज को नशामुक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा।

और क्या-क्या बोले सीएम अब्दुल्ला

वह आज यहां शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर एसकेआइसीसी में में कश्मीर प्रांत के विभिन्न सामाजिक, व्यापारिक ,धामिक और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियोें के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

यह सम्मेलन प्रदेश सरकार ने अपने जनपहुंच कार्यक्रम के तहत जनता के साथ सीधा संवाद बढ़ाने और जनता से उसके मुद्दों की जानकारी लेने के लिए ही आयोजित किया था।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी, केबिनेट मंत्री जावेद डार, जावेद राणा, सकीना इटू, सतीश शर्मा के अलावा मुख्य सचिव अटल डुल्लु, मंडलायुक्त कश्मीर वीके बिधुड़ी और कश्मीर रेंज के आइजीपी वीके बिरदी समेत सभी प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे।

समस्या को हल करने का दिया भरोसा

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सम्मेलन में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों को यथासंभव हल करने का यकीन दिलाते हुए कहा कि आज यहां यहां कई मुद्दों पर चर्चा हुई। भाषण दिए गए और जवाब में तालियां बजाई गईं।

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रमुख डा जीएन वसर द्वारा उठाए गए बिंदुओं ने सभी को प्रभावित किया। उनके बिंदु केवल उनके सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र तक सीमित नहीं थे, बल्कि वह पूरे समाज को, जीवन के हर पहलू को प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से प्रभावित करते हैं।

'हम सुविधाओं के लिए लड़ेंगे'

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारे लिएसबसे पहला सवाल हमारी गरिमा और हमारे आत्मसम्मान का है। क्या हमें सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार नहीं है। सड़क, बिजली और पानी कुछ ऐसी चीजें हैं जो हमें मिलेंगी। लेकिन अगर हमारा सम्मान नहीं है तो ये सभी चीजें निरर्थक हैं।

यहां, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम इन सुविधाओं के लिए लड़ेंगे। लेकिन मैं चाहता हूं कि हमारा सम्मान बहाल हो। जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपनी नौकरी, जमीन और संसाधनों पर पहला अधिकार होना चाहिए।

उन्होंने प्रेस, न्यायपालिका, बार एसोसिएशन, ट्रेड यूनियनों, श्रमिक संघों को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा अगर हमें वास्तव में यहां एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण को, जनता द्वारा जनता के लिए प्रशासन को सुनिश्ित बनाना है तो आम आदमी को लगना चाहिए कि यहां उस पर कोई अनावश्यक दबाव नहीं है, यहां जबरदस्ती या डर का वातावरण नहीं है।

ड्रग्स समस्या पर क्या बोले सीएम

उन्होंने सरकार द्वारा हर वर्ग को हर संभव सहयोग का यकीन दिलाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर अभी ऐसी स्थिति में नहीं पहुंचा है, जहां बिना किसी मदद के काम चल सके। उन्होंने कहा कि बागवानी हो, बिजली हो या अन्य क्षेत्र, हमें आत्मनिर्भरता के स्तर पर पहुंचने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि सिविल सोसाइटी के सदस्यों द्वारा उठाए गए नशीली दवाओं के दुरुपयोग के मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा कि जब मैं पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य का मुख्यमंत्री था तो 2012 में ड्रग्स पर भाषण दिया था। उस समय ड्रग्स इतना बड़ा मुद्दा नहीं था।

यह कोडीन और अन्य गोलियों आदि तक ही सीमित था। लेकिन आज चीजें बदल गई हैं। हेरोइन, ब्राउन शुगर और अन्य पदार्थों का सेवन हमारी युवा पीढ़ी की जान ले रहा है। हमें इस बुराई को खत्म करना है। यह हमारे समाज काे खोखला कर रही है। यह आज की सबसे बड़ी और गंभीर चुनौती है।

इसलिए प्रशासन तो अपने स्तर पर इसके खिलाफ काम करता ही रहेगा लेकिन मैं सभी धार्मिक प्रमुखों और नागरिक समाज के सदस्यों से समाज से नशे की बुराई को खत्म करने के लिए सरकार का सहयोग करने का आग्रह करता हूं।

उन्होंने कहा कि हमें जम्मू-कश्मीर में और अधिक नशा मुक्ति (डीडीए) केंद्र खोलने की जरूरत है। इस विषय में भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा क अगली बार जब वह सिविल सोसाइटी के सदस्यों से मिलेंगे, तो आज की मुलाकात में उठाए गए मुद्दों पर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) भी साझा करेंगे।

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