ऐसे में यहां पर लगातार पर्यटकों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है। साल 2023 खत्म होने की कगार पर है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि जम्मू कश्मीर के लिए साल 2023 किन मायनों में बेहतरीन रहा।
जी20 समिट का शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होना
जम्मू कश्मीर के लिए इस साल सबसे खास जी 20 समिट (G20 Summit 2023) रहा जो कि श्रीनगर में आयोजित किया गया था। साल 2019 में जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद यह पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम था। यह आयोजन G20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उद्योग हितधारकों की भागीदारी का गवाह बना।
विदेशी मेहमानों ने समिट के साथ-साथ कश्मीर की वादियों का भी लुत्फ उठाया। इसकी चर्चा देश के साथ-साथ विदेश में भी हुई। इस सम्मेलन के बाद पर्यटन दृष्टि में बढ़िया रुझान देखने को मिला। अब सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी यहां आना चाहते हैं। बैठक का उद्देश्य आर्थिक विकास को मजबूत करना, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और क्षेत्र के सतत विकास को बढ़ावा देना था।
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पर्यटकों की पहली पसंद बना 'कश्मीर'
पिछले साल के मुकाबले इस साल यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या डबल रही। पिछले वर्ष 1.88 करोड़ पर्यटक( Jammu Kashmir Tourism) जम्मू कश्मीर पहुंचे थे और इस बार संख्या ढाई करोड़ के पार पहुंचने का अनुमान लगाया गया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी इस बारे में बताया कि इस साल कश्मीर में करीब 2 करोड़ पर्यटक आये, जो घाटी में बेहतर सुरक्षा स्थिति का संकेत देता है।
अगर पहले छह वर्षों की बात करें तो 1.27 करोड़ पर्यटक जम्मू कश्मीर पहुंचे। इनमें से 16 हजार विदेशी पर्यटक हैं। हाउस बोट, होम स्टे ही नहीं श्रीनगर के बड़े होटल में 40 से 80 हजार किराये पर मिलने वाले सुइट भी पहले से बुक हैं।
मई-जून माह में स्थिति ऐसी बन गई कि पर्यटकों के लिए कमरे कम पड़ गए। कश्मीर घाटी ही नहीं जम्मू संभाग के बसोहली, भद्रवाह, श्री माता वैष्णों देवी, पट्नीटॉप, सरथल, राजौरी-पुंछ में भी पर्यटकों का आगमन पहले की अपेक्षा तेजी से बढ़ा है।
पर्यटकों की संख्या बढ़ने से स्थानीय हस्तशिल्पियों और कारीगरों का कारोबार भी बढ़ा है। लोग कहते हैं कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर में एक नई सुबह हुई है। यहां पर्यटन फिर से पटरी पर लौटा है।
34 साल में पहली बार निकाला गया मुहर्रम जुलूस
या हुसैन या हुसैन... के नारों के साथ तीन दशकों के प्रतिबंध के बाद श्रीनगर में 27 जुलाई 2023 का दिन ऐतिहासिक तौर पर दर्ज हुआ, क्योंकि इस दिन मुहर्रम का जुलूस(Muharram procession at Gurubazar dalgate) निकाला गया। तीन दशकों के प्रतिबंध के बाद पैगम्बर मुहम्मद के पोते हज़रत इमाम हुसैन की जय-जयकार के बीच, सीना ठोककर और हज़रत इमाम हुसैन को याद करते हुए मुहर्रम का जुलूस निकाला गया।
गौरतलब है कि साल 1988 में मुहर्रम के जुलूस पर रोक लगा दी गई थी। श्रीनगर के गुरु बाजार और लालचौक के साथ सटे पारंपरिक मार्ग से आठ मुहर्रम का जुलूस निकला गया है। शिया समुदाय के द्वारा निकाले गए जुलूस में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।
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'शून्य' हुई पत्थरबाजी की घटनाएं
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 (Article 370 News) हटाने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए बताया था कि साल 2019 में आर्टिकल 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में जबरदस्त प्रोग्रेस और सुरक्षा देखी गई है। घाटी में पथराव की घटनाओं में भारी कमी आई है।
साल 2018 में पथराव के 1767 मामले सामने आए थे, जो कि 2023 में शून्य हो गई है। इसका संबंध आतंकवादी और अलगाववादी एजेंडों से था। केंद्र ने SC को बताया कि पिछले 4 सालों में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बड़ा बदलाव देखने मिला है। यहां विकास की गतिविधियों, प्रशासन और सुरक्षा मामलों में लगातार सुधार हुआ है। वहां के लोगों पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
आतंकवादी घटनाओं में देखी गई गिरावट
जम्मू-कश्मीर में अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं और आतंकवादियों की संख्या में काफी कमी आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में 2018 में आतंकी घटनाएं 417 थीं। जो कि 2021 में घटकर 229 रह गईं। जबकि कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या घटकर 100 से कम हो गई हैं।
इस साल अब तक पूरे प्रदेश में आतंकी हिंसा में लगभग 125 लोगों की मौत हुई है। जिनमें 65 के करीब आतंकी ही हैं। वहीं एक कश्मीर के दो ऐसे इलाके हैं जहां पर आतंकी हमलों की 40 फीसदी घटनाएं देखी गई और ये हैं नियंत्रण रेखा के साथ सटे राजौरी-पुंछ क्षेत्र। अभी हाल ही में आतंकवादियों ने पुंछ-राजौरी में सेना के वाहनों पर हमला किया। जिसमें देश के लिए चार बहादुर जवान बलिदान हो गए।
'सुप्रीम' फैसला, आर्टिकल 370 हटाना सही
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने जम्मू और कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र के फैसले की संवैधानिक वैधता पर 11 दिसंबर 2023 को अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने 5 अगस्त 2019 के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि 30 सितंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर में हो चुनाव हों।राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल हो। बता दें 370 हटाने का विरोध कर रहे कुछ याचिकाकर्ताओं की दलील दी थी कि 1957 के बाद बिना विधानसभा की मंजूरी के अनुच्छेद 370 को हटाना असंवैधानिक है। वहीं इस पर कोर्ट में केंद्र सरकार ने दलील दी थी कि इस मामले में किसी भी प्रकार की संवैधानिक धांधली नहीं हुई है।
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुना दिया है। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि केंद्र के फैसले पर सवाल उठाना उचित नहीं है। राष्ट्रपति द्वारा लिया गया फैसला वैध है।
शेहला राशीद के भी बदले सुर
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद भाजपा की कट्टर आलोचक रही हैं। शेहला ने कश्मीर पर केंद्र की नीति की सराहना की है और कहा है कि घाटी में व्यापक सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं। रशीद ने कहा कि घाटी में बहुत तेजी से बदलाव आया है और इसके तथ्य पेश करने के लिए वो तैयार हैं।
रशीद ने कहा कि मेरा ह्रदय परिवर्तन मोदी जी के काम से हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र नीतियों में कोई कमी नहीं है और वो इसके लिए किसी से भी बहस के लिए तैयार हैं और घाटी में हो रहे बदलावों पर तथ्य पेश भी कर सकती हैं। बता दें कि शेहला रशीद जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की पूर्व नेता भी रही हैं। शेहला ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार और जम्मू प्रशासन के तहत कश्मीर में मानवाधिकार रिकॉर्ड में सुधार हुआ है।
फिल्म नीति से फिल्म क्षेत्र में आया बदलाव
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जबसे जम्मू-कश्मीर में फिल्म नीति 2021 को लागू किया। तभी से वहां पर कला से जुड़े लोगों के लिए एक सपना पूरा होने जैसा है। जम्मू-कश्मीर फिल्म नीति को ध्यान में रखते हुए अब डांसरों, फैशन डिजाइनरों, अभिनेताओं, कोरियोग्राफर, सिनेमैटोग्राफर, साउंड रिकॉर्डिस्ट, सेट डिजाइनरों और अन्य प्रतिभाशाली कलाकारों को पंजीकरण कराने के लिए आवेदन होने लगा।
2021 में आई वेब सीरिज महारानी की शूटिंग जम्मू के सचिवालय और जीजीएम साइंस कॉलेज में हुई तो जम्मू के करीब 270 युवाओं को दो-तीन दिन के लिए ही सही पर काम मिला। बॉलीवुड स्टार जॉन अब्राहम इसी माह अपनी आगामी फिल्म वेदा की शूटिंग का चार दिवसीय शेडयूल पूरा करने के बाद श्रीनगर से मुंबई के लिए रवाना हुए जॉन अब्राहम ने कहा कि मेरे लिए कश्मीर कभी न भूलने वाला अनुभव है। उन्होंने कहा कि यहां माहौल जितना खूबसूरत है, यहां के लोग भी उतने ही अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर शानदार है, यह किसी के भीतर भी रूमानियत और रूहानियत का अहसास जगा देगा।
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