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उमर के मंत्रिमंडल में युवा व नए चेहरों को मिलेगी प्राथमिकता, बुजुर्गों को सौंपा जाएगा संगठन का काम

Jammu-Kashmir Result जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने जा रही नेकां-कांग्रेस की गठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल में युवाओं और नए चेहरों को प्राथमिकता दी जाएगी। नेशनल कॉन्फ्रेंस अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत बनाने और नए नेताओं को तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले युवा विधायकों के कामकाज का नियमित अंतराल पर आकलन किया जाएगा।

By naveen sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 13 Oct 2024 02:00 PM (IST)
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उमर अब्दुल्ला के कैबिनेट में नए विधायकों को मिलेगा मौका (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में सत्तासीन होने जा रही नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल को लेकर जारी अटकलों के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस ने नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करने और बुजुर्ग नेताओं को संगठनात्मक गतिविधियों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपने की योजना पर गंभीरता से विचार शुरू कर दिया है।

मंत्रिमंडल में युवा विधायकों को प्राथमिकता

बताया जा रहा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस का नेतृत्व भविष्य के राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए अपने संगठनात्मक ढांचे को और ज्यादा मजबूत बनाने व नए नेताओं की नई पौध तैयार करने में लगा हुआ है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मंत्रिमंडल में प्राथमिकता नए और युवा विधायकों को दी जाएगी। चुनाव जीतने वाले बुजुर्ग और पुराने दिग्गज नेताओं को संगठन मजबूत बनाने व नए नेताओं को तैयार करने की जिम्मेदारी जी जाएगी।

मंत्रियों को कामों का होगा आकलन

उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले युवा विधायकों के कामकाज का नियमित अंतराल पर आकलन किया जाएगा। अगर परिस्थितियां अनुकूल रहती हैं तो लगभग ढ़ाई वर्ष तक किसी को नहीं बदला जाएगा और उसके बाद समग्र परिदृश्य की समीक्षा कर, उन्हें बदला जाएगा और दूसरे सदस्यों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।

मंत्रिमंडल में 9 सदस्य होंगे

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पद पर उमर अब्दुल्ला ही आसीन रहेंगे, जबकि उनके मंत्रिमंडल में नौ सदस्य होंगे। इनमें से एक या दो ही कांग्रेस से होंगे, शेष को उमर अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस या फिर गठबंधन सरकार का साथ देने वाले निर्दलीयों में से, नेकां के वरिष्ठजनों के साथ विचार-विमर्श के आधार पर तय करेंगे।

नेकां को मिली है 42 सीटें

अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव कराए गए। इसके पहले 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42 सीटें मिली जबकि नेकां के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही कांग्रेस को सिर्फ 6 सीटें ही मिली।

भाजपा 29 सीटें जीत कर दूसरी बड़ी पार्टी बन गई है। वहीं पीडीपी को 3 सीटों पर ही जीत मिली। जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी को भी एक सीट पर जीत मिली है। डोडा विधानसभा से आप प्रत्याशी मेहराज मलिक ने चुनाव जीता है। विधानसभा चुनाव में 7 निर्दलीयों ने भी जीत दर्ज की है।

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कांग्रेस ने सौंप दी है समर्थन की चिट्ठी

नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनना तय है। उनकी पार्टी नेकां को निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला है। बता दें कि उमर अब्दुल्ला को नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक दल का नेता भी चुन लिया गया है। वहीं कांग्रेस ने भी समर्थन की चिट्ठी नेकां को सौंप दी है।

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