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श्रीनगर की जामिया मस्जिद में युवकों ने की भड़काऊ बयानबाजी, माहौल खराब करने की थी मंशा; 10 आरोपी गिरफ्तार

श्रीनगर की एतेहासिक जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के बाद कुछ युवकों ने माहौल खराब करन की कोशिश की।मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 10 हुड़दंगियों को हिरासत में ले लिया है। शुक्रवार को हुर्रियत चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक लगभग चार साल बाद नमाज ए जुम्मा अदा करने पहुंचे थे जिसके बाद युवकों ने ऐसे बयान देकर माहौल खराब करने की कोशिश की थी।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sat, 23 Sep 2023 03:51 PM (IST)
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श्रीनगर की जामिया मस्जिद में माहौल बिगाड़ने के आरोप में 10 गिरफ्तार

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। Jammu-Kashmir News: श्रीनगर की एतेहासिक जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के बाद कुछ युवकों ने माहौल खराब करन की कोशिश की। उन्होंने भड़काऊ नारेबाजी की। मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने ऐतिहासिक जामिया मस्जिद परिसर में भड़काऊ नारेबाजी करने में लिप्त 10 हुड़दंगियों को हिरासत में ले लिया है।

इनमें से अधिकांश नाबालिग हैं। डाउन टाउन में नौहट्टा स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में गत शुक्रवार को हुर्रियत चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक लगभग चार साल बाद नमाज ए जुम्मा अदा करने पहुंचे थे।

भड़काऊ नारेबाजी कर माहौल खराब करने की कोशिश की

नमाज के संपन्न होने के बाद वहां कुछ तत्वों ने भड़काऊ नारेबाजी कर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया था। इससे वहां कुछ समय के लिए तनाव भी पैदा हुआ था,लेकिन मस्जिद प्रबंधन और वहां मौजूदा गणमान्य नागरिकों ने हस्ताक्षेप कर स्थिति को पर काबू पा लिया।

पुलिस ने इस घटना का नोटिस लेते हुए एक मामला दर्ज किया और छानबीन शुरी की। मस्जिद परिसर के भीतर और बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की गई।

10 हुड़दंगियों ने कबूला जुर्म

नारेबाजी के समय मौजूद रहे कई लोगों से भी पूछताछ की गई। इसके बाद पुलिस ने कुछ तत्वों को चिह्नित कर लिया और आज उन सभी को पकड़ लिया गया।

संबधित पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए 10 हुड़दंगियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। इन सभी के खिलाफ संबधित कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है। इनकी काउंसलिंग की व्यवस्था भी की गई है।

साल 2019 से नजरबंद थे मीरवाइज उमर फारूक

उल्लेखनीय है कि मीरवाइज मौलवी उमर फारूक कश्मीर के प्रमुख मजहबी नेताओं में गिने जाते हैं। उन्हें अगस्त 2019 में एहतियात के तौर पर घर में नजरबंद बनाया गया था। इसके बाद पुलिस व नागरिक प्रशासन ने कई बार उनकी रिहाई का दावा किया, लेकिन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने सरकार के दावे को नकारते हुए कहा कि उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता।

बीते माह भी उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से जब इस विषय में कहा था कि मीरवाइज मौलवी उमर फारूक देश के किसी अन्य नागरिक की तरह पूरी तरह स्वतंत्र हैं। वह एक संरक्षित नागरिक हैं, उन पर आतंकी हमले का खतरा है, इसलिए उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की है। कानून व्यवस्था बनाए रखने में उन्हें भी सहयोग करना चाहिए।

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चार साल बाद नजरबंदी से मुक्त हुए उमर फारूक

उपराज्यपाल के इस दावे के बाद मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को जब नमाज ए जुम्मा के लिए घर से निकलने की आज्ञा नहीं मिली तो उन्होंने 20 अगस्त को सरकार को नोटिस भेज, स्थिति स्पष्ट करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने जम्मू कश्मी उच्च न्यायालय में भी याचिका दायर की।

मीरवाइज की याचिका पर उच्च न्यायालय ने बीते सप्ताह जम्मू कश्मीर प्रशासन और पुलिस को नोटिस जारी कर उनकी नजरबंदी, सुरक्षा व अन्य मामलों पर अपना पक्ष रखने को कहा था। इसके बाद ही पुलिस ने गत रोज उन्हें नजरबंदी से मुक्त किया।

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