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भारत माता की आन, बान और शान के लिए तैयार हुए BSF के 620 जवान; कठिन प्रशिक्षण के बाद देश को समर्पित

तीन राज्यों से बीएसएफ के 620 नव आरक्षकों ने भारत माता की आन बान और शान की रक्षा की शपथ लेकर खुद को राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित किया। दीक्षांत समारोह में नव आरक्षकों ने भारतीय संविधान की शपथ भी ली। सबसे अधिक नव आरक्षक पश्चिम बंगाल से थे। पश्चिम बंगाल से 403 नव आरक्षक बीएसएफ में शामिल हुए। इस अवसर पर पुनीत रस्तोगी मुख्य मेहमान थे।

By Sher Singh Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 03 Nov 2024 12:40 PM (IST)
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दीक्षांत समारोह में मुख्य मेहमान को परेड कर सलामी देते नव आरक्षक
जागरण संवाददाता उधमपुर। जिले के रौन दोमेल क्षेत्र में स्थित बीएसएफ के सहायक प्रशिक्षण केंद्र (एसटीसी) में शनिवार को दीक्षांत समारोह हुआ। इसमें देश के तीन राज्यों से 620 नव आरक्षकों ने भारत माता की आन, बान और शान की रक्षा की शपथ लेकर खुद को राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित किया।

इस अवसर पर पुनीत रस्तोगी, भारतीय पुलिस सेवा, अतिरिक्त महानिदेशक (लॉजिस्टिक / मानव संसाधन), सीमा सुरक्षा बल मुख्यालय, नई दिल्ली मुख्य मेहमान थे। नव आरक्षक सोराजीत बिश्वास ने परेड कमांडर के तौर पर परेड का नेतृत्व किया।

नव आरक्षकों ने भारतीय संविधान की ली शपथ

सुबह करीब साढ़े 9 बजे परेड के निरीक्षण के साथ दीक्षांत समारोह की शुरूआत हुई। इसके बाद सभी नव आरक्षकों ने भारतीय संविधान की शपथ लेकर अपने आप को देश सेवा के लिए समर्पित किया। शपथ के बाद सभी जवानों ने शानदार परेड कर मुख्य मेहमान को सलामी दी।

नव आरक्षकों की शानदार परेड को देखने के बाद सभी तालियां बजाने को मजबूर हो गए। इसके बाद एसटीसी में प्रशिक्षण के दौरान शानदार प्रदर्शन करने वाले नव आरक्षकों को मुख्य अतिथि ने मेडल देकर सम्मानित किया।

सैन्य जज्बे से लबरेज हैं जवान

मुख्य मेहमान ने नव आरक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज इस प्रशिक्षण केंद्र के 620 नव आरक्षक 44 सप्ताह का कठिन बुनियादी प्रशिक्षण सफलतापूर्ण प्राप्त कर, भारतवर्ष की सीमाओं की रक्षा की जिम्मेवारी संभालने के लिए पूर्णरूप से तैयार हैं।

इन नौजवानों के जोश और हौसलों ने परेड के माध्यम से अपनी सैन्य क्षमता व प्रतिभा का जो शानदार प्रदर्शन प्रस्तुत किया है, वह काबिले तारीफ है तथा संपूर्ण देशवासियों को सुरक्षा का यह पैगाम देता है कि भारत माता की आन, बान और शान के लिए ये बहादुर जवान किसी भी परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम हैं।

ये नौजवान युद्ध कौशल व सैन्य जज्बे से लबरेज, न केवल देश की सीमाओं की हिफाजत करने में सक्षम हैं, बल्कि ये आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा भी पूरे उत्तरदायित्व और जज्बे के साथ निभाने के लिए तैयार हैं। इस सर्वोत्कृष्ट बल में प्रहरी के रूप में आपका भविष्य चुनौतियों से भरा है। इन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए आपको पूरी दृढ़ता एवं समझदारी के साथ स्वयं को परिस्थितियों के अनुरूप ढालते हुए कार्य करना होगा।

मुख्य मेहमान ने नव आरक्षकों से कही ये बात

उन्होंने कहा कि आज आप प्रशिक्षण में निपुण हो गये हैं, किंतु राष्ट्र एवं बल के समक्ष मौजूद चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिये, अनुदेशकों द्वारा दिये गये ज्ञान एवं तकनीक का आपको बुद्धिमता एवं विवेक के साथ उपयोग करना होगा।

दायित्व के निर्वहन के दौरान ऐसे कई अवसर आएंगे जब आपको चुनौतियों एवं खतरों का सामना करते हुए अपने मानसिक एवं शारीरिक साहस का परिचय देना होगा। आपको सदैव न सिर्फ अपने साथियों एवं अपने उच्च अधिकारियों की आशाओं पर खरा उतरना है बल्कि देशवासियों की उम्मीदों पर भी खरा उतरना है।

यह तभी संभव होगा, जब आपके अंदर ईमानदारी, देश भक्ति तथा सत्यनिष्ठा की भावना निरंतर विद्यमान रहे। इस मौके पर राजेश कुमार गुरूंग, महानिरीक्षक, सहायक प्रशिक्षण केंद्र, एसएसपी ऊधमपुर आमोद अशोक नागपुरे व अन्य मौजूद थे।

सभी क्षेत्रों में नव आरक्षक सौरव वैद्या ने हासिल किया पहला स्थान

ड्रिल में नव आरक्षक सोराजीत बिश्वास, शुटिंग में नव आरक्षक सब्या साची बर्मन तथा शारीरिक क्षमता में नव आरक्षक शमीर ओराम ने प्रथम स्थान हासिल किया ।

सभी क्षेत्रों में नव आरक्षक सौरव वैद्या ने प्रथम स्थान हासिल किया तो वहीं सभी क्षेत्रों में मनीश सिंह ने द्वितीय स्थान हासिल किया। मुख्य अतिथि द्वारा इन नव आरक्षकों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ट्राफियां प्रदान कर सम्मानित किया गया।

सबसे अधिक पश्चिम बंगाल से थे 403 नव आरक्षक

दीक्षां समारोह में कुल तीन राज्यों के 620 नव आरक्षकों ने देश सेवा की शपथ ली। इसमें आंध्रप्रदेश के 84 , ओडिसा के 133 तथा पश्चिम बंगाल के 403 नव आरक्षक शामिल थे। इन्होंने अपने 44 सप्ताह के कठोर बुनियादी प्रशिक्षण को पूर्ण करके देश सेवा की शपथ लेते हुए अपने कार्यक्षेत्र के लिए प्रस्थान किया।

खुखरी नृत्य रहा आकर्षण का केंद्र

दीक्षान्त परेड के बाद नव आरक्षकों की तरफ से बोल्ट एक्शन ड्रिल, संबलपुरी नृत्य, खुखरी नृत्य का प्रदर्शन किया और देश भक्ति से ओतप्रोत नाटक का मंचन किया । सांस्कृतिक कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुतियों का उपस्थित दर्शकों ने भरपूर आनंद उठाया और करतल ध्वनि से हौसला अफजाई की। सीमा सुरक्षा बल के बैंड दस्ते ने मनमोहक धुनों से उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया।

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काउंटर ड्रोन सिस्टम व अन्य आधुनिक प्रशिक्षण के लिए चुने जाते हैं जवान

मीडिया कर्मियों के साथ बात करते हुए मुख्य मेहमान पुनीत रस्तोगी ने कहा कि सीमा पर ड्रोन का इस्तेमाल अपराधियों की तरफ से बढ़ा है। इसको रोकने को लेकर जवानों को अलग से प्रशिक्षण दिया जाता है। काउंटर ड्रोन सिस्टम व अन्य आधुनिक उपकरणों का प्रशिक्षण चंद जवानों व अधिकारियों को ही दिया जाता है।

इसके लिए अलग से जवानों व अधिकारियों को चुना जाता है। साधारण जवान को केवल बुनियादी प्रशिक्षण ही दिया जाता है। विशेष प्रशिक्षण सभी को नहीं दिया जाता है। अलग अलग क्षेत्र में अलग तरह की चुनौती रहती है। पाकिस्तान बार्डर पर अलग चुनौती है और बांग्लादेश बॉर्डर पर अलग चुनौती रहती है।

नक्सलवाद से भी निपटने को अलग चुनौती रहती है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए ही कुछ जवानों को विशेष प्रशिक्षण देकर तैयार किया जाता है। उन्होंने बताया कि समय के बाद बुनियादी प्रशिक्षण में भी लगातार बदलाव किए जा रहे हैं।

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