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JK News: आतंक के हर चक्र और तंत्र को ध्वस्त करेगी सेना, जम्मू-कश्मीर में पांच साल में 720 आतंकियों का हुआ खात्मा

शुक्रवार को उत्तरी कमान प्रमुख ने उत्तरी कमान मुख्यालय के ध्रुवा सभागार में पत्रकारों को आश्वस्त किया कि हाल ही में हुए हमलों के बाद स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ कर रख दी है। प्रदेश में शांति समृद्धि व सुरक्षा स्थिति में सुधार सेना व अन्य एजेंसियों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Sat, 26 Oct 2024 06:34 AM (IST)
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जम्मू-कश्मीर में पांच वर्ष में 720 आतंकियों का खात्मा, 130 अभी बाकी
 जागरण संवाददाता, ऊधमपुर। उत्तरी सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने कहा कि बारामुला के गुलमर्ग में आतंकी हमले और हमलावरों को मिले सीमा पार से सहयोग को देखते हुए सेना अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार कर रही है। जम्मू-कश्मीर में सेना ने हिंसा के चक्र को तोड़ने और आतंकी इकोसिस्टम (पारिस्थितिकी तंत्र) को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित किया है।

शुक्रवार को उत्तरी कमान प्रमुख ने उत्तरी कमान मुख्यालय के ध्रुवा सभागार में पत्रकारों को आश्वस्त किया कि हाल ही में हुए हमलों के बाद स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ कर रख दी है। प्रदेश में शांति, समृद्धि व सुरक्षा स्थिति में सुधार सेना व अन्य एजेंसियों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।

आतंकी खतरों से निपटने के लिए रणनीति तैयार

बता दें कि गुरुवार को गुलमर्ग में सेना के वाहन पर हुए हमले में सेना के तीन जवान बलिदान हुए और दो पोर्टर मारे गए। इससे दो दिन पहले गांदरबल में जेड-मोड़ सुरंग निर्माण स्थल पर एक डाक्टरों सहित छह लोगों की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। कश्मीर में आतंकी हमलों के बारे में पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि गुरुवार को श्रीनगर में एकीकृत मुख्यालय की बैठक में इन खतरों से निपटने के लिए रणनीति तैयार की गई। गुलमर्ग हमले पर विशेष आपरेशनल विवरण साझा करने से इनकार करते हुए

मौजूदा समय में बचे आतंकियों की संख्या 120 से 130 के बीच

आर्मी कमांडर ने कहा कि हमने नए खतरों, आतंकवादियों की कार्यप्रणाली व सीमा पार से उन्हें मिलने वाली मदद का आकलन किया है। नियंत्रण रेखा पर घुसपैठरोधी ग्रिड व भीतरी इलाकों में केंद्रित आतंकरोधी अभियानों ने जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास का वातावरण सुनिश्चित किया है। उन्होंने प्रशासन, अर्धसैनिक बल, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के साथ सेना से समन्वय पर जोर दिया। उत्तरी कमान प्रमुख ने यह भी बताया कि पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर में 720 आतंकियों का सफाया किया है।

मौजूदा समय में बचे आतंकियों की संख्या 120 से 130 के बीच है। अब भर्ती दर अब तक का सबसे कम स्तर पर है। दुश्मन सीमा पार करने का षड्यंत्र रच रहे हैं और हम लगातार घुसपैठ के प्रयासों को विफल कर रहे हैं।

600 वीडीजी गठित, 10 हजार आधुनिक हथियार दिए

जम्मू संभाग में सुरक्षा की स्थिति पर उन्होंने बताया कि विभिन्न एजेंसियां लक्षित परिणाम प्राप्त करने के लिए सक्रिय हैं। ग्राम रक्षा समूह (वीडीजी) ने दशकों से दूरस्थ क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की है। वीडीजी प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है, जिसके तहत 600 से अधिक वीडीजी की स्थापना की है। उन्हें 10 हजार आधुनिक हथियार उपलब्ध कराए गए हैं। इनको चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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