'मैं पाकिस्तानी नहीं हूं', पाक रक्षा मंत्री के बयान पर फारूक अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया; कहा- कोई क्या कहता है मुझे नहीं पता
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif) के जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली पर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ होने वाले बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस बयान को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि पाकिस्तान क्या कहता है। मैं पाकिस्तानी नहीं हूं मैं एक भारतीय नागरिक हूं।
एएनआई, उधमपुर। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान को लेकर भारत में बवाल मच गया है। जिसके बाद से अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा है पाकिस्तान क्या कहता है, इसके बारे में मुझे नहीं पता है। मैं पाकिस्तानी नहीं हूं, मैं एक भारतीय नागरिक हूं। वहीं, दूसरी तरफ भाजपा ने ख्वाजा आसिफ के बयान को लेकर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस को घेरना शुरू कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तानी टीवी चैनेल जियो न्यूज पर अपने साक्षात्कार के दौरान कहा है कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली के मुद्दे पर पाकिस्तान, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठंबधन जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आती है तो आर्टिकल 370 बहाल हो सकता है।यह भी पढ़ें- 'कांग्रेस-NC गठबंधन और पाकिस्तान के विचार एक जैसे', आर्टिकल 370 को लेकर ये क्या बोल गए पाक रक्षा मंत्री
उनके इस बयान के बाद से भारत की राजनीति गरमा गई है। हालांकि, अब इसको लेकर फारूक अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मुझे नहीं पता कि पाकिस्तान क्या कहता है। मैं पाकिस्तानी नहीं हूं, मैं एक भारतीय नागरिक हूं।
उनके इस बयान के बाद से भारत की राजनीति गरमा गई है। हालांकि, अब इसको लेकर फारूक अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मुझे नहीं पता कि पाकिस्तान क्या कहता है। मैं पाकिस्तानी नहीं हूं, मैं एक भारतीय नागरिक हूं।
विधानसभा चुनाव पर क्या बोले फारूक अब्दुल्ला
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव पर उन्होंने कहा 8 अक्टूबर तक इंतजार करें, सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। पहली चीज जो मैं करूंगा वह दरबार मूव को वापस लाएगा। दरबार मूव के कारण हम दोनों को नुकसान हुआ है। दरबार मूव में लोग सर्दियों में वहां जाते थे।
जम्मू और कश्मीर के बीच एक रिश्ता था, गर्मियों में वे काम पूरा करने के लिए यहां आते थे। आप जाकर लोगों से पूछ सकते हैं कि दरबार मूव के कारण उन्हें कितना नुकसान हुआ है।
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