जवाहर टनल का होगा कायाकल्प, स्मार्ट और इंटेलिजेंट बनने से प्रमुख पर्यटन स्थल में होगी तब्दील; करोड़ो का टेंडर जारी
2.85 किलोमीटर लंबी अहम जवाहर सुरंग टनल (Jawahar Tunnel) पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी। सुरंग का जीर्णोद्धार कर नवीनीकरण कर स्मार्ट व इंटेलिजेंट टनल के रूप में विकसित कर इसे प्रमुख पर्यटन स्थल में तबदील किया जाएगा। अपग्रेड करने के लिए पाइनरिंग बीकन प्रोजेक्ट के तौर पर करोड़ों रुपये का टेंडर जारी किया गया है।
अमित माही, ऊधमपुर। Jammu-Kashmir News: प्रवेश द्वार बन दशकों तक जम्मू संभाग सहित सारे देश को घाटी से जोड़ने वाली 2.85 किलोमीटर लंबी अहम जवाहर सुरंग टनल (Jawahar Tunnel) पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित प्रतिष्ठित जवाहर सुरंग का जीर्णोद्धार कर नवीनीकरण कर स्मार्ट व इंटेलिजेंट टनल के रूप में विकसित कर इसे प्रमुख पर्यटन स्थल में तबदील किया जाएगा
1954 और 1956 में हुआ था जवाहर टनल का निर्माण
देश के प्रथम प्रधान मंत्री, जवाहरलाल नेहरू के नाम पर पर बनी एतिहासिक महत्व वाली जवाहर सुरंग का निर्माण वर्ष 1954 और 1956 के बीच जर्मन कंपनी द्वारा किया गया था। जिसके बाद 22 दिसंबर 1956 से यह घाटी का प्रवेश द्वार के साथ सेतु बन कर काम कर रही है।
टनल के अपग्रेडिंग के लिए जारी हुआ करोड़ों रुपयों का टेंडर
बीआरओ के अधिकारी के मुताबिक 2.85 किलोमीटर लंबी जवाहर सुरंग के पुनर्निर्माण और अपग्रेड करने के लिए पाइनरिंग बीकन प्रोजेक्ट के तौर पर करोड़ों रुपये का टेंडर जारी किया गया है। अधिकारी के मुताबिक बीकन का ध्यान सुरंग में सुरक्षा, बचाव और निगरानी और मोबिलिटी इंफ्रास्ट्रक्टर को अपग्रेड करने पर केंद्रित है।
जवाहर टनल में होंगे ये सुधार
बीकन का लक्ष्य सुरंग की दृश्य अपील को बढ़ा कर इसे एक आकर्षक पर्यटक स्थल के रूप में प्रस्तुत करने पर केंद्रित है। जीर्णोद्धार व नवीनीकरण में टनल के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक डिजाइन में सुधार, लाइनिंग फुटपाथ, सड़क की सतह केसाथ सुरक्षा सुविधाओं पर काम होगा। जिसमें मानव रहित निगरानी तंत्र, अत्याधुनिक अग्निशमन प्रणाली, प्रकाश व्यवस्था, वेंटिलेशन सिस्टम, इंटेलिजेंट ट्रैफिक कंट्रोल प्रणाली आदि प्रमुख हैं।
स्मार्ट और इंटेलिजेंट सुरंग के रूप में पुनर्स्थापित की जाएगी टनल
सूत्रों के मुताबिक बीआरओ के प्रोजेक्ट बीकन ने जवाहर सुरंग को नवीनीकृत कर इसे एक स्मार्ट और इंटेलिजेंट सुरंग के रूप में पुनर्स्थापित करने के लिए जुलाई 2021 में जेटी परियोजना शुरू की। जिसमें अनुमानित 80 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया था।
निर्माण कंपनी महीनों बाद भी नहीं कर पाई काम पूरा
एक वर्ष की निर्धारित सीमा में पूरा किया जाने वाला यह काम बीसीसी को आवंटित हुआ था। मगर निर्माण कंपनी महीनों बाद भी जवाहर सुरंग के अंदर तीन प्रतिशत से भी कम काम पूरा कर सकी। पूर्वी ट्यूहब का काम शुरू करने के बाद कंपनी ने केवल ट्यूब के अंदर तारों को हटाने का काम किया, जबकि बुनियादी मरम्मत कार्य को छुआ तक नहीं। जिस वजह से बीकन ने काम शुरु होने के महज छह माह के अंदर ही टेंडर रद्द कर कंपनी को परियोजना से हटा दिया और प्रोजेक्ट जवाहर टनल को कुछ समय के लिए रोक दिया।
नई टनल से ईंधन से भरे टैंकर ले जाने पर था प्रतिबंध
बीकन के मुताबिक इस सुरंग के नवीकरण का विचार बनिहाल-काजीगुंड नायवुग सुरंग के खोले जाने के कुछ समय बाद ही आया था, क्योंकि नई टनल से ईंधन से भरे टैंकरों, गैस सिलेंडर ले जाने वाले ट्रकों और अन्य विस्फोटक सामग्री वाले सामान लेकर जाने वाले वाहन टनल के अंदर से जाना प्रतिबंधित है।
यह भी पढ़ें- बुलेट प्रूफ जैकेट ने पाकिस्तान की गोली को किया बेअसर, कॉन्स्टेबल बसावा राज की बची जान, बोले- जल्द संभालेंगे मोर्चा
बनिहाल और काजीगुंड के बीच 16 किमी दूरी हुई कम
वहीं, जवाहर सुरंग से गुजर कर घाटी जाने वाले ट्रैफिक को 8.5 किलोमीटर लंबी बनिहाल-काजीगुंड चार-लेन नवयुग सुरंग की तरफ मोड़ दिया गया। इससे बनिहाल और काजीगुंड के बीच 16 किलोमीटर की दूरी कम हुई है। इससे पहले एतिहासिक जवाहर सुरंग का प्रमुख नवीकरण वर्ष 1997 में किया गया था।
यह भी पढ़ें- Jammu News: फिर बदमाशी पर उतरा पाकिस्तान, जम्मू के अरनिया में पूरी रात दागे गोले; BSF ने दिया मुंहतोड़ जवाब