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Kathua Encounter: हर पहाड़, हर जंगल... चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं जवान, हमले के पांचवें दिन भी जारी रहा सेना का अभियान

जम्मू-कश्मीर में सेना और पुलिस के जवान आतंकियों की तलाश में जुटे हैं। सुरक्षाबलों ने आज भी बसंतगढ़-डोडा (Kathua Terror Attack) इलाकों में सर्च अभियान चलाया। इनपुट के आधार पर यह ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आतंकियों के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों की संख्या भी लगातार बढ़ाई जा रही है। जंगल से लेकर पहाड़ तक हर जगह जवानों का पहरा है।

By amit mahi Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 13 Jul 2024 10:45 PM (IST)
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बसंतगढ़ और डुडु इलाके में सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान छेड़ रखा है

जागरण संवाददाता, उधमपुर। जिले के बसंतगढ़ इलाके में आतंकियों को घेरने के लिए सुरक्षाबलों की ओर से व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा खोज अभियान शनिवार को भी जारी रहा।

हालांकि, रात तक सुरक्षाबलों के हाथ कोई सफलता नहीं लगी थी। वहीं, आतंकियों के बसंतगढ़ और डुडु के ऊपरी इलाकों में होने की सूचनाएं आ रही हैं, मगर देरी से मिल रही सूचनाओं के कारण यह अधिक मददगार साबित नहीं हो रही हैं।

सूचनाओं के आधार पर सुरक्षाबल आतंकियों को घेरकर उनके खात्मे की रणनीति पर काम कर रहे हैं।  कठुआ के बदनोता में सैन्य वाहन पर हमले के बाद से सुरक्षा एजेंसियां सघन तलाशी अभियान चला रही हैं।

बसंतगढ़ और डुडु में आतंकियों के होने की आशंका

इसी बीच बुधवार रात को संग चौकी के पास करीब आधा घंटा तक आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी के बाद से बसंतगढ़ और डुडु इलाके में सुरक्षाबलों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान छेड़ रखा है।

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आतंकियों के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। सेना की स्पेशल फोर्सेज के जवान भी बड़ी संख्या में जंगलों में उतारे गए। इसके साथ ही ड्रोन और यूएवी की मदद से भी जंगलों को खंगाला जा रहा है।

इन इलाकों में भी मिल रहीं आतंकियों के होने की सूचनाएं

सूत्रों के मुताबिक चोचरू गला, खनाडा टॉप, किंडली, सेरी गला, लोदरा, पनारा, चनाली इलाकों में आतंकियों की मौजूदगी की सूचनाएं सुरक्षा एजेंसियों को मिल रही हैं, मगर ये सूचनाएं आतंकियों को देखे जाने के बाद काफी देर से मिल रही हैं, जिसके कारण इसका कोई अधिक फायदा अभी तक नहीं मिल रहा है।

मगर सुरक्षा एजेंसियां करीबी समन्वय के साथ आतंकियों को घेर कर मार गिराने की रणनीति के साथ सावधानी से आगे बढ़ते हुए सभी तरफ से घेरा कसती जा रही हैं।

एजेंसियों के मुताबिक जिस तरह से अभियान चलाया जा रहा है उससे आतंकियों के लिए अधिक समय तक जंगलों में खुद को सुरक्षित रख पाना संभव नहीं है।

इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियां इलाके में आतंकियों के संभावित मददगारों का पता लगाने में जुटी हैं। इसके लिए वे हर संभव तकनीक और तरीके का प्रयोग कर रही हैं।

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